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बुधवार, 23 अगस्त 2017

संविधान के भाग-4 के अनुछेद-47 का हो रहा खुला उलंघन

संविधान के भाग-4 के अनुछेद-47 का हो रहा खुला उलंघन

अति गंभीर विषय:उधारी के डॉक्टर से चल रहा मुलताई सामुदायिक स्वास्थ्य  केंद्र और झोला छाप डॉक्टर                                     कर रहे मानव जीवन से  खिलवाड़                                                  



ग्रामीण मीडिया सेण्टर |मुलताई 
भारतीय संविधान के अनुछेद 14 से हमारे मौलिक अधिकार प्रारम्भ होते है जिसमे मुख्य रूप से आज चर्चा का विषय है समानता का अधिकार जिसके तहत इस देश के सभी नागरिक सामान है और  उन्हें समान रूप से शिक्षा और स्वास्थ्य  जैसी बुनियादी जरूरत तो मिलना ही चाहिए | संविधान के भाग 4 के अनुसार शासन के मूलभूत तत्व में राज्य की नीति के निदेशक तत्व के अनुछेद 47 में लोक स्वस्थ्य में सुधर करने का राज्य का कर्तव्य है | प्रदेश में अगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (C.H.C.) की प्रयोजना देखे तो सामन्य रूप से विकासखंड मुख्यालय पर मेडिसिन, सर्जरी, पीडियाट्रिक्स और गयनेकोलॉजी के क्षेत्र में सात विशेषज्ञ डॉक्टर होने चाहिए साथ ही 30 बिस्तर , ऑपरेशन थिएटर, प्रसव कक्ष, एक्स रे मशीन, पेथोलोजी लैब, बिजली आपूर्ति के लिए जनरेटर आदि सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए और पेरामेडिकल सेवाएं भी उपलब्ध होनी चाहिए 

मुलताई की स्तिथि –

विकास खंड स्तर पर तो मुलताई में भी सामुदायिक स्वस्थ्य केंद्र है परन्तु जब स्वास्थ्य केंद्र का जायजा लिया गया तो पाया गया - मुलताई के सरकारी अस्पताल में पदस्त B.M.O बोले की -मैं तो खुद ही उधारी का डॉक्टर हूँ  और यंहा मुझे घोडा डोंगरी से भेजा गया है बाकि स्तिथि का अंदाजा तो आप खुद ही लगा लीजिये | क्षेत्रीय विधायक चंद्रशेखर देशमुख को भी इसकी दूरभाष पर जानकारी दी गई | स्वास्थय विभाग में एक भी डॉक्टर पदस्थ नहीं थे |जब मुलताई में अनुछेद 51   की बात करे तो हम सब मौलिक कर्तव्य के पालन के लिए समान है , टैक्स और G.S.T.की बात की जाये तो सभी उपभोक्ता टैक्स अदा करे परन्तु जब अनुछेद 14 की बात करे तो मुलताई वासियों के साथ असमानता और यह हालत सिर्फ मुलताई की ही नहीं है और भी ऐसे छोटे शहरगांव है जंहा इससे भी बुरी स्तिथि निर्मित है | जंहा एक ओर मुलताई में सरकारी अस्पताल की यह हालत है वंही दूसरी और कुछ प्राइवेट डॉक्टरस की तो और भी हालत ख़राब है मुलताई में कुछ डॉक्टर तो अब झोलाछाप कहलाने के लायक भी नहीं है ये लोगो के स्वास्थय के साथ भी खिलवाड़ करते है , लोगो को हाई डोज़ दवा देकर तुरंत तो रहत दे देते है परन्तु भविष्य में उनकी किडनी लिवर को डैमेज कर देते है अब मुलताई का का वर्तमान, भविष्य बहुत ज्यादा खतरे में है संविधान के अनुछेद ४७ का आकलन करे तो यह डॉक्टर द्वारा दी जाने वाली औषधि भी कानून को तोड़ती है | मुलताई में कई जाने नागपुर पाढरवरुड और नागपुर के रस्ते में ही डैम तोड़ देती है साथ ही मुलताई में यदि कोई जागरूक इस अधिकार और इलाज की मांग भी कर्त देता है तो सरकारी काम में बढ़ा डालने के आरोप में मुकदमे का शिकार होता है|

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