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बुधवार, 30 अगस्त 2017

नवीन (आंगले) स्कुल के खेल मैदान में नगर पालिका का सब्जी बाजार का मामला


आंगल स्कुल के  खेल मैदान में नगर पालिका का  सब्जी बाजार  का मामला



मुलताई।   लम्बे समय से ये मांग उठ रही है की स्कूल के खेल मैदान से साप्ताहिक सब्जी बाजार अलग हो।  अभी तक नगर पालिका ने जो बाजार ठेके से वसूली की है उसमे से आधा रूपया स्कुल को दे।
क्या कहता है क़ानून इस बारे में जाने --
खेल का अधिकार और बच्चो का विकास हमारा संविधानिक अधिकार है।  अनुच्छेद ३१ के अनुसार बच्चो आराम करने,खेलने,मनोरंजन और संस्कृति का अधिकार है। शिक्षा का अधिकार संविधान के मौलिक अधिकार का अहम् हिस्सा है। इस अधिकार  को सुरक्षित करने के लिए 'शिक्षा का अधिकार क़ानून २००९ ' बनाया गया।  क़ानून कहता है की
हर स्कूल में खेल मैदान होगा।
मानव ससाधन विकास मंत्रालय ने २६ अक्टूबर २०१२ को मध्य प्रदेश सरकार ने १६ सितम्बर २०१३ को निर्देश जारी करके स्पष्ट किया की प्रत्येक स्कूल में खेल मैदान की व्यवस्था होना है।
प्रदेश में गांव गांव में खेल मैदान और हाट बाजार बन रहे है।  वही मुलताई में स्कूल की भूमि पर अतिक्रमण कर हाट बाजार लग रहे है। राम मंदिर की भूमि पर कोर्ट की बिना अनुमति के मेला लग रहा है। सब्जी बाजार के लिए कलेक्टर के आदेश के बाद कोर्ट की अनुमति की बात समझ से परे है। फर्जी ट्रस्ट ने तो खेत बेचा था उस का प्रकरण चल रहा है। मंदिर ट्रस्ट का प्रधान कलेक्टर होता है. मंदिर का जो केश है वह धोखा धड़ी ४२० का है।  ये मंदिर की आय होगी जनहित का मामला है। साथ ही स्कूल का खेल मैदान खाली होगा तो खेल का अधिकार और बच्चो का विकास होगा। पर मुलताई के कुछ नेता इस को उलझा कर अपना उल्लू सीधा करना चाहते है। उनको मंदिर की आय और बच्चो के खेलो से कोई लेना देना नही है , नगर की अधिकांश जनता चाहती है की राम मंदिर की भूमि पर बाजार लगे स्कूल की भूमि मुक्त हो. बाजार का रुपए मंदिर को मिले।

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