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गुरुवार, 31 अगस्त 2017

अल्प वर्षा के चलते किसानों को अभी से रहना होगा सजग

अल्प वर्षा के चलते किसानों को अभी से रहना होगा सजग
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कृषि विभाग ने दी कम पानी वाली फसलें लेने की सलाह





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चालू बरसात के सीजन में अभी तक कुल 513.7 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है, जो कि जिले की औसत वर्षा 1083 मिमी से लगभग आधी ही है। अल्प वर्षा की यह स्थिति आगामी दिनों में कृषि फसलों के लिए किसान को अभी से सजग रहने का संकेत दे रही है। खरीफ सीजन के अलावा रबी सीजन में किसानों को पलेवा सहित सिंचाई के लिए समय-समय पर पानी की आवश्यकता होगी, जिसके लिए जिले में स्थित बांधों, जलाशयों में पर्याप्त पानी का संग्रहण हो पाना संभव नहीं दिख रहा है।
ऐसी परिस्थितियों में किसानों को यह ध्यान देने की विशेष जरूरत है कि वे रबी सीजन के लिए कम पानी वाली फसलों का चयन करें, ताकि यदि सिंचाईं का पानी नहीं मिलता, तो भी उनकी फसलें सुरक्षित रूप से पक सकें। किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उप संचालक ने वर्षा की असामान्य स्थिति को ध्यान में रखते हुए जमीन में उपलब्ध नमी का सही तरीके से उपयोग करने की किसानों से अपील की है। उन्होंने कहा है कि सितंबर माह में मक्का, उड़द, मूंग की कटाई एवं मूंगफली की खुदाई के तत्काल पश्चात् रबी की कम पानी वाली फसलों की बुआई किसान द्वारा की जाना चाहिए।
कम पानी वाली फसलें इस प्रकार हैं-
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सरसों की किस्में-
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आरव्हीएम-2, जेएल-4, जेएम-1, जेएम-2, जेएम-3, पुसा मस्टर्ड-21, पुसा जयकिसान (बायो 902) इत्यादि।
मसूर की किस्में-
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जेएलएस-1, जेकेएम-3, एचयूएल-57, जेएल-31 इत्यादि।
अलसी की किस्में-
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जेएल-27, जेएलएस-79, कृतिका, इंदिरा-32, जेएलएस-9 इत्यादि।
चना की किस्में-
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जेजी-63, जेजी-14, जेजी-36, जेजी-322, जाकी-9218, जेजी-30, जेकेजी-5, जेजी-12 इत्यादि।
मटर की किस्में-
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प्रकाश, विकास, पारस, आदर्श, आईपीएफडी-10-12, सुभ्रा, अर्किल, इंदिरा इत्यादि।

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