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शनिवार, 26 अगस्त 2017

महाराष्ट्र बैंक गबन मामले में जांच की भी होनी चाहिए जाँच

महाराष्ट्र बैंक गबन मामले में जांच की भी होनी चाहिए जाँच 


                                     अभिशेख रत्नम 


मुलताई | जौलखेड़ा बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र के प्रकरण में मुलताई पुलिस द्वारा तत्कालीन शाखा प्रबंधक की लिखित सुचना पर प्रकरण दर्ज किया गया था लम्बे समय तक अलग अलग थाना प्रभारियों ने इस प्रकरण में आज तक जो भी जाँच की है वह वर्तमान पुलिस रिकॉर्ड में देखने को नहीं मिलती है गौरतलब हो की दिनांक २ जून २०१३ को दिन रविवार था और अवकाश वाले दिन अभिशेख रत्नम और अन्य लोगों ने बैंक में घुसकर गबन के मामले को अंजाम दिया था इस मामले में सबसे महत्वपूर्ण प्रमाण बैंक में लगा CCTV कैमरा था परन्तु उस कैमरा के फुटेज आज भी नदारद है जो की एक बहुत बड़ा सबूत हो सकता है| इसके बाद अगर बात की जाये तो पूर्व में जिन भी अधिकारीयों ने जाँच की उसका भी कोई खास फरक इस केस में देखने को नहीं मिलता है | 
लास्ट अपडेट 
पुलिस ने गबन में सहयोग करने वाले डिवटिया के किसान धनराज पवार को गिरफ्तार कर लिया है। धनराज पवार बैंक मैनेजर अभिषेक र|म को किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के लिए किसानों की ऋण पुस्तिका सहित अन्य दस्तावेज उपलब्ध कराता था। टीआई सुनील लाटा ने बताया धनराज पवार किसानों के दस्तावेज उपलब्ध कराता था। दस्तावेजों के आधार पर किसानों के किसान क्रेडिट कार्ड के खाते खोले जाते थे। इन खातों में गबन की राशि जमा कर आहरित की जाती थी। अभिषेक र|म ने गबन की राशि में से 6 लाख रुपए किसान धनराज पवार के खाते में भी जमा किए थे। खाते में राशि जमा होने के बाद धनराज ने इस राशि का आहरण कर लिया था। गबन में शामिल किसान धनराज पवार को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया है। 

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