ग्रामीण मीडिया सेण्टर| मुलताई
रोजगार सहायक की भर्ती में
कूटरचित (फर्जी) अंकसूची जमा
करने वाली महिला को प्रथम अपर
सत्र न्यायाधीश
मोहन तिवारी
ने तीन साल के
सश्रम कारावास
की सजा सुनाई है।
सरकारी वकील राजेश साबले ने
बताया जनपद पंचायत प्रभातपट्टन
में वर्ष 2010 में ग्राम पंचायत
बिरोलीझिल्पा में रोजगार सहायक के
लिए आए आवेदन में बिरोली झिल्पा
के कोंढर गांव निवासी संगीता बिहारे
की अंकसूची में अन्य आवेदकों की
तुलना में सर्वाधिक अंक थे। जिसका
अनुमोदन किया गया। जांच जपं के
तत्कालीन लेखा अधिकारी कमलेश
गावंडे ने की। जिसमें संगीता द्वारा
प्रस्तुत कक्षा 12वीं की अंकसूची मदर
क्राफ्ट विषय में 75 अंकों में से 78
अंक दर्जथे। इसकी जांच माध्यमिक
शिक्षा मंडल से कराई। मंडल ने
अंकसूची कूटरचित होने की पुष्टि
की। मामले में शिकायत पर पुलिस
ने संगीता बिहारे के साथ अनुमोदन
करने वाली तत्कालीन जनपद
सदस्य सुमन बेले, पंच चतुरदास,
नोडल अधिकारी प्रयागराव कुंभारे,
तत्कालीन सचिव सुभाष गिरहारे,
मोहन बेले के खिलाफ धारा 420
सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज
कर प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत
किया। न्यायाधीश तिवारी ने संगीता
बिहारे को धारा 420 और 471
में दोषी ठहराते हुए 3-3 साल के
सश्रम कारावास और 20-20
हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया।
अन्य आरोपियों को दोषमुक्त कर
दिया है।
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