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बुधवार, 25 अक्तूबर 2017

रामलीला में भगवान राम को हुआ वनवास

ग्रामीण मीडिया सेण्टर


डहुआ में चल रही रामलीला में सोमवार रात राम वनवास की कथा का मंचन हुआ। राजा दशरथ के विलाप और राम वनवास से दर्शकों की आंखें नम हो गईं। दशरथ, कैकई और मंथरा के बीच जोरदार संवाद हुआ। रामलीला की शुरुआत राजा दशरथ के दरबार में राम के राज्याभिषेक की चर्चा से हुई। दासी मंथरा को जब राम के राजा बनने की सूचना मिली तो वह रानी कैकई के पास पहुंची। मंथरा ने रानी कैकई की मति भ्रष्ट करते हुए राम को वनवास और भरत को राजा बनाने की सलाह दी। कैकई को राजा दशरथ द्वारा दिए वचनों की याद दिलाई। मंथरा की सलाह से कैकई कोप भवन में चली गईं। राजा दशरथ ने कैकई के पास जाकर दुख का कारण पूछा और वचन पूरा करने का वचन दिया। कैकई को दिए वचनों को पूरा करने राजा दशरथ ने राम को 14 साल के वनवास पर भेजा। 

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