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शुक्रवार, 6 अक्तूबर 2017

मुलताई शासकीय उत्कृष्ट शाला बना कबाड़ा घर देखने वाला कोई नहीं

ग्रामीण मीडिया सेण्टर (राजेंद्र भार्गव)
मुलताई शिक्षा का गिरता स्तर सुधार ने के लिए शासन स्तर से विकास खंड और तहसील स्तर पर  उत्कृष्ट शाला खोली गयी और शासन ने सुविधा भी मुहिया करवाई पर मुलताई में इस उत्कृष्ट शाला  स्कूल की हालत बद से बतर  है।  यहां की हालत का जायजा लिया गया जिसमें सामने आया की  कक्षा  9th से 12th तक 1157 छात्र और माध्यमिक शाळा में लगभग 200 अर्थात कुल दर्ज संख्या 1357 है। बाहर  से देखने में शाला बहुत अच्छी लगती है परन्तु अंदर से जब जायजा लिया जाये तो हालत चौकाने वाली है |  हम यह  बात किसी प्रकार से पूर्वाग्रहों से ग्रसित होकर नहीं मय  प्रमाण के साथ कह रहे है|  यहां के शोचालय का फोटो,बगीचे का फोटो,परिसर ,विधुत मीटर ,पानी की टंकी ,बरामदे   में पड़ा टूटा फर्नीचर , खेल मैदान पर अतिक्रमण, टूटे  फर्नीचर और टूटे फूटे कमरेहै   जिसमे महीनो से साफ सफाई नहीं है मकड़ी के जाल किसी भी कमरे में पंखे नहीं। अस्त वस्त स्टाफ रूम। टूटी खिड़कीया, बेंच  और टेबल कुल मिला कर स्कूल कम कबाड खाना ज्यादा  लगता है।



शाला परिसर में पड़ा क्षतिग्रस्त भवन का मलवा 




परिसर का सुन्दर गार्डन जो अब कबाड़ खाने में तब्दील हो चूका है 




उत्कृष्ट शाला की निकृष्ट विधुत व्यवस्था जिससे कभी भी दुर्घटना हो सकती है 


शाला के कमरों में लटकते हुए जाले 



इतने बड़े 1400 बच्चों वाली शाला के शौचालय की हालत 




कक्षा के पहुँच रास्तों में पड़ा कबाड़ा 



शाला की कक्षाओं की स्तिथि 



परिसर में उपस्तिथ पानी की टंकी 


 यूँ  तो कहने को शाला हर साल राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित होती है जिसमे कभी सम्मान प्रोजेक्ट को मिलता है तो कभी विद्यार्थियों या फिर शिक्षकों को पर ऐसी शाला का ये आलम चिंतनीय है | सफाई कामगार नहीं है। महीनो से कमरों में झाड़ू नहीं  लगती है। फोटो देखे और अंदाज लगाए। स्कूल भी किसी मंदिर  और मस्जिद से कम नहीं है। शिक्षा माफियाओ ने इस को भी कहि का नहीं छोड़ा। शासन और प्रशासन  इस  ओर  ध्यान दे |  स्कूल के शिक्षा का स्तर भी ठीक नहीं है। स्कूल में कम और टीचरों के घर पर ज्यादा पढ़ाई हो रही है। पालक परेशान है ,इस का लाभ प्राइवेट स्कूल उठाते है। इसी परिसर में सेंट्रल  स्कूल विधायक जी के प्रयास से खुला वहा सब अच्छा है और इस ओर ऐसा क्यों ? 


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