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बुधवार, 15 नवंबर 2017

डेम से सिंचाई के लिए पानी छोड़ा तो गांव में गहरा जाएगा जल संकट

ग्रामीण मीडिया सेण्टर

पांच गांवों के ग्रामीणों ने की बाड़ेगांव डेम का पानी सुरक्षित रखने की मांग, ज्ञापन सौंपा
मुलताई बाड़ेगांव डेम से हमारे खेतों की सिंचाई होती है। इस साल बारिश कम होने से डेम में मात्र 50 प्रतिशत पानी का भराव हुआ है। ऐसे में पानी सिंचाई के लिए नहर से छोड़ा जाएगा तो डेम खाली हो जाएगा। इससे गांव में जल संकट की स्थिति निर्मित हो जाएगी। यह बात बाडेगांव, टेमझिरा ब, चंदोराखुर्द, केकडिया और करपा के ग्रामीणों ने डेम का पानी रोकने की मांग करते हुए नायब तहसीलदार वंदना धुमकेती को आवेदन देते हुए कही। टेमझिरा ब की सरपंच 
सुशीला सरियाम, लाखनसिंग सोलंकी, गोपालसिंग, दिलीप सिंग, अनिल सिंग देवड़े, तान सिंग चौहान आदि ने कहा जलाशय में पानी रहने पर कुओं और ट्यूबवेलों का जल स्तर बना रहता है। डेम में पानी का संग्रहण नहीं होने से जलस्रोतों का जलस्तर तेजी से कम हो रहा है। ऐसे में डेम का पानी नहरों से सिंचाई के लिए छोड़ा तो जलस्रोत सूख जाएंगे और पानी की समस्या खड़ी हो जाएगी। डेम सूखने से मवेशियों और निस्तार के लिए पानी भी नहीं रहेगा। ग्रामीणों ने बताया इस डेम से 178 हेक्टेयर में सिंचाई होती है। डेम से मात्र एक बार ही सिंचाई के लिए पानी मिल सकता है। ऐसे में किसान बोवनी कर भी देंगे तो दोबारा सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलने से फसल सूख जाएगी। उक्त स्थिति को देखते हुए डेम के पानी पर रोक लगाई जाए।

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