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शुक्रवार, 17 नवंबर 2017

गन्ना उत्पादक किसान हताश, नेता और प्रशासन मौन

ग्रामीण मीडिया सेण्टर| वामन पोटे ( आमला) 


खरीफ फसलों के बर्बाद होने से आर्थिक बदहाली का शिकार हो चुके किसानों पर अब शुगर मिल प्रबन्धन ने भी गहरी चोट करने में कोई कसर बाकी नही रखी है। जिले के सोहागपुर स्थित शुगर मिल ने गन्ने के दाम घोषित कर दिए जिससे किसानों को निराशा हाथ लग रही है। शुगर मिल ने गन्ने का दाम 285 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया है जबकि गत वर्ष आखरी दौर में 350 रुपए तक खरीदी की गई थी। गत वर्ष मिल शुरू होने पर दाम 270 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया था जिसमे इस बार मात्र 15 रुपए प्रति क्विंटल की बढोत्तरी को गन्ना किसान ऊंट के मुंह मे जीरा मान रहे हैं। किसानों का कहना है कि वर्तमान में गुड़ के दाम 2700 से 2900 रुपए प्रति क्विंटल चल रहे हैं और शक्कर के दाम भी आसमान छू रहे हैं। ऐसे में मात्र 15 रुपए प्रति क्विंटल के दाम बढ़ाना सीधे किसानों का शोषण है। किसानों को उम्मीद थी कि इस बार शुगर मिल कम से कम 300 रुपए प्रति क्विंटल के दाम घोषित करेगी लेकिन यहां भी किसानों के साथ छलावा करने में कोई कसर नही छोड़ी गई। 

नेता और प्रशासन मौन
जिले में गन्ना उत्पादक किसानों को फसल के बेहद कम दाम मिल रहे हैं लेकिन न तो प्रशासन कोई ध्यान दे रहा है और न जन प्रतिनिधियों को चिंता हो रही है। दाम निर्धारित करने में भी मिल प्रबन्धन द्वारा प्रशासन और नेताओं को कोई तवज्जो नही दी गई।
तानाशाही पूर्ण रवैया अपना रहा प्रबन्धन
शुगर मिल प्रबन्धन ने खरीदी शुरू करने से पहले ही तानाशाही रवैया अपनाना शुरू कर दिया है। मिल प्रबन्धन ने मनमाना आदेश दिया है कि जो भी किसान अपने खेत मे लगा पूरा गन्ना मिल को नही देगा उसे 270 रुपए प्रति क्विंटल के ही दाम मिलेंगे। अब किसान चिंतित हो रहे हैं कि उन्होंने गुड़ बनाया तो मिल कम दाम में गन्ना खरीदेगी और मिल को पूरा गन्ना दे दिया तो पर्याप्त दाम नही मिल पाएंगे। दोनों ही स्थिति में किसान शोषण का शिकार होंगे और प्रशासन एवं नेता तमाशबीन बने रहेंगे।

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