ग्रामीण मीडिया सेण्टर (राजेंद्र भार्गव )
ग्राम उभरिया में रावण को जलाने की बजाये आरती कर दफनाया, आदिवासी विरोध के बाद की घटना
मुलताई विकास खंड की पंचायत उभारिया में आदिवासी युवा समिति के विरोध के कारण विजय दशमी पर्व पर रामलीला मंडली नहीं जला पाई महाराज दशानंद रावण का पुतला। उल्टा स्कूल ग्राउंड में पुतला छोड़ कर जाना पड़ा और बाद में आदिवासी युवा समिति ने उस रावण के पुतले की पांच आरती की जिसमे एक शिव भगवान, बड़ा देव की और अन्य तीन । इस के बाद स्कूल के पीछे उसको जमीन में गड्ढा खोद कर गाड़ दिया याने दफना दिया। कुछ दिनों पूर्व इसी संगठन ने सरकार को रावण जलाने की इस परम्परा का विरोध किया था। जिस के समाचार और सोसल मीडिया पर काफी प्रचार प्रसार भी हुआ था। गौर तलब हो की ये पंचायत उभारिया जनपद अध्यक्ष मुलताई की ग्रह पंचायत है वह इसके सहायक ग्राम जूनापानी की निवासी है। समाचार में जो ये फोटो लगी है वह ग्राम उभारिया के उसी रावण की है जो जला नहीं दफना है , पीछे रावण के स्कूल है। राम लीला मंडली के कार्यकर्त्ता ने आदिवासी संगठन के युवा से पूछा की विगत 10 सालो से तो सब मिलकर जलाते थे तब उन्होंने कहा की हमे जानकारी नहीं थी। अब जानकारी में आया है तो हम इसका विरोध संवैधानिक तरीके से कर रहे है।