ग्रामीण मीडिया सेण्टर
गावों में पहुंची किसान मुक्ति यात्रा, किसान बोले-
समर्थन मूल्य से कम दाम
पर बेचना पड़ रहा मक्का
भावांतर भुगतान योजना के तहत
सोयाबीन, मक्का सहित अन्य
फसलों को बेचने के लिए पंजीयन
कराया है। सरकार ने एक हेक्टेयर
में मक्के का उत्पादन औसतन 19
क्विंटल 54 किलो रखा है। जबकि
एक हेक्टेयर में इससे अधिक
उत्पादन होता है। ऐसे में किसानों
से उत्पादन का केवल 35 प्रतिशत
माल ही खरीदा जाएगा। यह बात
शनिवार को सेमझिरा के किसानों
ने किसान मुक्ति यात्रा लेकर पहुंचे
पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम से कही।
किसानों ने बताया सरकार ने मक्के
का समर्थन मूल्य 1425 रुपए प्रति
क्विंटल घोषित किया है। किसानों
का मक्का 800 से एक हजार रुपए
प्रति क्विंटल की दर से बिक रहा है।
फसल में नमी होने से व्यापारी कम
दाम पर मक्का खरीद रहे हैं। ग्रामीणों
ने 5 दिन से गांव के स्कूल मोहल्ले
में बिजली बंद होने की भी समस्या
बताई।
ग्रामीणों की समस्या सुनने के
बाद डॉ. सुनीलम ने कहा सोयाबीन
की फसल पर रोग लगने से उत्पादन
कम हुआ है। अल्प बारिश होने से
रबी की फसल होना मुश्किल हो गया
है। इसके बाद भी सरकार किसानों
की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही।
प्रदेश सरकार को किसानों का कर्जा
माफ कर राहत देना चाहिए। किसान
मुक्ति यात्रा में शामिल किसान संघर्ष
समिति के जिलाध्यक्ष जगदीश
दोड़के ने बिजली के बढ़े दामों को
वापस लेने की मांग रखी।
सेमझिरा के बाद किसान मुक्ति
यात्रा भिलाई, परमंडल, टेमझिरा,
सांईखेड़ा पहुंची। जहां डॉ. सुनीलम
ने नुक्कड़ सभा को संबोधित करते
हुए कहा अभी तक 14 राज्यों में
किसान मुक्ति यात्रा निकाली जा
चुकी है। 28 अक्टूबर से यात्रा
बंगाल, उड़ीसा, झारखंड और बिहार
में भ्रमण करेगी। उन्होंने 20 नवंबर
को दिल्ली में आयोजित होने वाली
किसान मुक्ति संसद में शामिल होने
की अपील की।