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बुधवार, 31 जनवरी 2018

पैदल चलते हुए महिला की डिलेवरी हुई, नवजात जमीन पर गिरा, मौत

ग्रामीण मीडिया सेण्टर| बैतूल
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अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही, पैदल चल रही प्रसूता की हुई डिलेवरी, बच्चे की मौत

कुछ ही दिन पहले जिला अस्पताल पहुचे प्रदेश के स्वस्थ मंत्री रुस्तम सिंग ने जिला अस्पताल की व्यवस्था को लेकर तारीफ की थी लेकिन मंत्री के जाने के कुछ दिनों बाद ही जिला अस्पताल की बड़ी और गंभीर लापरवाही सामने आई है । आज एक नव प्रसूता को जननी से उतार कर पैदल वार्ड में लेजाते समय ही डिलेवरी हो गई और नवजात बच्चे की फर्श पर गिरकर मौत हो गई । मामला 12 बजे के आस-पास का है जब नीलू वर्मा को घोड़ाडोंगरी सामुदायिक केंद्र से जिला अस्पताल रेफर किया गया था । जननी एक्सप्रेस से जैसे ही नीलू वर्मा को उसके ससुराल वाले जिला अस्पताल लेकर पहुचे तो आशा कार्यकर्ता ने अस्पताल में जाकर स्टाफ को बताया कि डिलेवरी के लिए उसने महिला को लाया है डिलेवरी का टाइम हो चुका है आप चलकर देख लीजिए । तभी स्वस्थ कर्मचारी जननी एक्सप्रेस पहुचे और प्रसूता नीलू वर्मा का चेकअप किया गया और परिजनों को बोला गया कि डिलेवरी को अभी टाइम है आप लोग मरीज को पैदल वार्ड में भर्ती करवा दे । बिना स्ट्रेचर के पैदल चलते वक्त ही नीलू को डिलेवरी हो गई और बच्चा फर्श पर गिर गया और उसकी मौत हो गई । बताया गया कि नीलू को बेटा हुआ था और यह उसका पहला बच्चा था ।


प्रसूता नीलू वर्मा के पति विकास वर्मा और ससुर धनराज वर्मा ने बच्चे की मौत के लिए जिला अस्पताल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है । उनका आरोप है कि स्वस्थ कर्मचारियों की गंभीर लापरवाही के कारण उनके घर मे आज खुशियो की जगह मातम छा गया है । उन्होंने आरोप लगाया कि जब वे जिला अस्पताल पहुचे और उनके साथ आई आशा कार्यकर्ता ने पहले ही स्टाफ को बतला दिया था कि डिलेवरी का समय आ ही गया है बावजूद इसके स्ट्रेचर या विल चेयर के बिना पैदल चलने को मजबूर किया गया जिसके कारण उनके बच्चे की मौत हुई है । 

वही इस मामले को लेकर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन अशोक बारंगा ने कहा है कि यह गंभीर लापरवाही का मामला है । प्रसूता को पैदल चलने के लिए मजबूर किया गया जिसके करने बेबी की मौत हुई है । मैने ऑन ड्यूटी के नाम पता कर लिए है और अस्पताल प्रबंधन लापरवाह कर्मचारी के खिलाफ कठोर कार्यवाही करेगा । 

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