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शनिवार, 7 अप्रैल 2018

प्रभु भक्ति के बिना जीवन अधूरा है: अतुलेशानंद

ग्रामीण मीडिया सेण्टर|

जौलखेड़ा में चल रहे लक्ष्मीनारायण महायज्ञ में प्रभु श्रीराम की भक्ति की कथा सुनाई प्रभु भक्ति से कष्टों का नाश होता है। प्रभु भक्ति के बिना जीवन अधूरा है। यज्ञ में उपस्थित होने से ही भव जाल से मुक्ति मिल जाती है। मनुष्य ने हर पल सेवा कार्य करते रहना चाहिए। यह बात ग्राम जौलखेड़ा में चल रहे लक्ष्मीनारायण महायज्ञ में प्रवचन के दौरान विश्व संत परम संघ उपाध्यक्ष चित्रकूट पीठाधीश्वर अतुलेशानंद महाराज ने कही। 
उन्होंने रामायण पर केंद्रित अपने प्रवचन में प्रभु श्रीराम की भक्ति, मर्यादा के संबंध में जानकारी दी। यज्ञ की महिमा, वामन अवतार और राजा बली के दान की कथा सुनाई। इसके पहले कथावाचक कुमारी सोनम मिश्रा ने भारतीय संस्कृति का महत्व बताया। उन्होंने कहा भारतीय संस्कृति से हम सभी की पहचान है। संस्कृति पर हो रहे हमलों के प्रति सभी को सचेत रहने की समझाइश दी। उन्होंने कहा युवा भारतीय संस्कृति को भूलते जा रहे हैं। अब युवाओं को संस्कृति की रक्षा के लिए आगे आने की जरूरत है। उन्होंने कहा बचपन से ही बच्चों को संस्कृति से अवगत कराना चाहिए। भक्ति का महत्व बताते हुए कहा प्रभु भक्ति करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। हर पल प्रभु के नाम का स्मरण करते रहना चाहिए। ग्रामीणों ने बताया 9 दिवसीय लक्ष्मीनारायण महायज्ञ अनुष्ठान में यज्ञाचार्य मुकुंद मुनि पंडित रामाधार द्विवेदी के मार्गदर्शन में रोज सुबह 6 से दोपहर 1 बजे तक यज्ञ आहुति और संस्कृत पाठ हो रहा है। दोपहर 2 से 5 और रात 8 से 11 बजे तक प्रवचन हो रहे हैं।  www.graminmedia.com

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