ग्रामीण मीडिया सेण्टर|मुलताई
तेज गर्मी शुरू हो गई है। पारा 42 पार पहुंच गया है। ऐसे में दुधारू पशुओं पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। पशु चिकित्सकों ने कहा- पशुओं के लिए उपयुक्त आवास की व्यवस्था करें, पशुओं का शेड खुला हवादार हो, पशुशाला के आसपास छायादार वृक्ष हों, पशुओं को समय-समय पर पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाते रहें, स्वच्छ ठंडे पानी की व्यवस्था हो।
वायुमंडलीय तापमान अधिक हो तो पशुओं के शरीर पर ठंडे पानी का छिड़काव करें, फव्वारे का प्रयोग करें, गर्मियों में पशुओं को चारा सुबह-शाम में ही दें। पशु चिकित्सकों के मुताबिक अधिक गर्मी के मौसम में पशुओं को उचित प्रबंध कर, उन्हें गर्मी से बचाया जाए। इसके लिए विभिन्न उपाय है, जैसे पशुओं को सीधी किरणों से बचाना, उन्हें छायादार स्थान पर रखना, दिन में 2 से 3 बार नहलाना, भैसों को तालाब में रखना और गाय व भैसों को मिस्ट या फुव्वारों के नीचे रखना। फव्वारों की अपेक्षा मिस्ट में पानी की खपत कम होती है। आहार में समुचित प्रोटीन, ऊर्जा खनिज तत्वा तथा विटामिन का समावेश करें। उत्तम गुणवत्ता का हरा चारा दिन में कई बार थोड़ा-थोड़ा कर के देना या पशु को सुबह और शाम चारा देना। चारा डालने के स्थान को रोजाना साफ करना स्वच्छ तथा ठंडा पीने का पानी 24 घंटे पशु को पास उपलब्ध रखना चाहिए। पशुशाला की शेड टीन की है तो उस पर जूट के परदे डाल दें, ताकि तापमान कम रहे। पशुओं के आहार में दाने की मात्रा बढ़ा दें, हर रोज 30-50 ग्राम खनिज मिश्रण सुबह-शाम दें। पशुओं को मक्खी, मच्छर के प्रकोप से बचने के लिए पशुशाला में कीटनाशक का छिड़काव करें। उन्होंने बताया मुंह खोलकर सांस लेना, पशु की सक्रियता का कम होना, शरीर का तापमान बढ़ जाना, पशु का पानी के आसपास जमा रहना आदि इसके लक्षण है।
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