सपा नेता अनिल सोनी और अन्य दो साथीओ को एक प्रकरण में 2 वर्ष की सजा हुई थी। उच्च न्यायालय के आदेश पर 9 अप्रैल को मुलताई जेल से रिहा हुए। ग्रामीण मीडिया से विशेष मुलाकात में अनिल सोनी ने बताया की , जेल के अंदर की व्यवस्था बहुत खराब है। विचाराधीन और सजा याफ़्ता दोनों प्रकार के कैदी जेल के अंदर बहुत परेशान है। जेल मैन्युल ,बंदी अधिकारों का पालन नहीं हो रहा है। पानी और भोजन की व्यवस्था बहुत ही खराब है। खाने में भट्टे की पानी वाली सब्जी,पतली दाल जली हुई रोटी । विगत 14 सालो से पदस्थ मीणा कर्मचारी ही भोजनालय का इंचार्ज है। जेल में सुविधाओं और मुलाकत के नाम पर वसूली डर,छोटी छोटी बातो पर सेल में डालना वहा मारपीट। कोई शिकायत करने की हिम्मत नहीं करता। एक ओर शासन जेल को सुधार ग्रह मानकर मानव अधिकार की बात करता है। वही उसकी जमीनी हकीकत तो आजादी के इतने सालो बाद भी अंग्रेजो की जेल से भी बतर हाल है।
उक्त आरोपों के लिए क्या कहते है मुलताई के जेलर - ग्रामीण मीडिया से जेलर ने मुलाक़ात में बताया की जेल में तामसिक भोजन पर पूर्णरूप से प्रतिबन्ध है। जिसके कारण जीरे का छौक नहीं लगा सकते है. भोपाल जेल की घटना के बाद मुलाक़ात भी नियमानुसार होती है। बाहरी आदमी से सीधे सम्पर्क नहीं होता है। इस लिए वसूली और अन्य सेवा निराधार बात है। जेल तो जेल होती है। आदमी को चार दिवाली में परेशानी सामान्य बात है। शासन के और न्यायलय के आदेशानुसार काम होते है। जेलर कह्ना है की ये जेल सुधार गृह है। पहले मुलताई जेल में जरूरत से ज्यादा कैदी रहते थे। वे जेल से बहार जाना नहीं चाहते थे। जेल अनुशासन के कारण मुलताई जेल खाली है। आदतन अपराधी अपनी जमानत करवा करके जेल से बहार है। जो नए क़ैदीओ को परेशान करते थे। इस अनुसार सुधार है।
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अनिल भैया का पुनः स्वागत है, संघर्ष जारी रहेगा।
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