उपरोक्त फोटो को देख साधारण आदमी भी अंदाज लगा सकता है की इस तेंदुए को पहले मारा गया बाद में पंजे काटे गए है।
वन वृत्त बैतूल में वन्य प्राणियों के शिकार किए जाने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही। ताजा मामले में दक्षिण वनमंडल की मुलताई-आठनेर परिक्षेत्र में तेंदुए का शिकार किए जाने की घटना सामने आई है।
वन कर्मियों ने सूचना के आधार पर शिकारियों को रंगे हाथों गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है और इन शिकारियों से विभाग के बड़े अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं।
हालांकि इस मामले को लेकर अधिकारी पूछताछ करने के बाद ही घटना का खुलासा किए जाने की बात कर रहे हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक मुलताई-आठनेर परिक्षेत्र के ग्राम झालमऊ और माझरी के बीच किसी देव स्थान पर शिकारियों द्वारा पूजा पाठ किए जाने की सूचना मिली थी। सूचना के आधार पर जब बताए गए स्थान पर दबिश दी गई तो कुछ लोग तेंदुए के कटे हुए पंजों का पूजन करते नजर आए। वन कर्मियों को देखते ही अन्य शिकारी तो मौके से फरार हो गए लेकिन दो शिकारियों को वन कर्मियों ने दबोच लिया। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दोनों शिकारी आठनेर क्षेत्र के रहने वाले बताए जा रहे हैं जिनमें एक शिकारी गोमजी ग्राम झालमऊ और दूसरा धनुष सिंह ग्राम माझरी का रहने वाला है। मुलताई परिक्षेत्र अधिकारी श्री जावरिया ने बताया कि कुछ शिकारी अक्षय तृतीया के अवसर पर तेंदुए के कटे हुए पंजों की पूजा करते हुए पकड़े गए हैं। जानकारी मिली है कि गड़ा हुआ धन निकालने के लालच में पंजों की पूजा इन शिकारियों द्वारा की जा रही थी। दोनों शिकारियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है कि इन्होंने तेंदुए का शिकार कब और कहां किया है। वहीं फरार आरोपियों की सरगर्मी से तलाश की जा रही है। श्री जावरिया के मुताबिक शाम तक पूरी घटना का खुलासा कर दिया जाएगा।
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