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सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत सपा जिला अध्यक्ष अनिल सोनी ने 6 बिन्दुओ पर कार्यलय अधीक्षक, सब जेल मुलताई से नियमानुसार जानकारी मांगी. जिसमे उन्हें लोकसूचना अधिकारी सब जेल मुलताई ने 1 अप्रैल 2017 से 10 अप्रैल 2018 तक। जिसमे प्रमुख रूप से सप्लायरों के नाम पता,सामग्री के बिल,व्हाउचर,गेट माल रजिस्टर पूरी जानकारी के लिए नीचे का पत्र देखे। इसमें से लोक सूचना अधिकारी ने सूचना के अधिकार की धारा 8(1) (घ) जिसको विस्तार से आगे देखे। एक ओर प्रदेश सरकार ने प्रदेश की समस्त ग्राम पंचायतो में भृष्ट्राचार रोकने लिए सारे सभी सप्लायरों के बिल व्हाउचर ऑनलाइन कर दिय है उसी प्रदेश में जेल विभाग जानकारी देने में आना कानी कर रहा है। नियम को समझने के लिए एक शब्द में जो भी जानकारी विधान सभा और संसद को दिय जा सकती है। वह सभी दस्तावेज आम नागरिको के दिय जाने का प्रवधान है। सप्लायर के बिल व्हाउचर विभाग की रोकड़ बही आडिट रिपोर्ट देना है। अगर इस के धारा 19 में अपील की जायेगी तो पुरे दस्तावेज मिलेंगे। आवेदक का आरोप है की जेल में भारी भर्ष्ट्राचार है। जानकारी छिपाई जा रही है। इस में तीसरा पक्ष प्रभावित नहीं होता है। उलटा सुधार ग्रह में सुधार आएगा। अभी तक की जानकारी से पता चलता है की जेल में दूध सप्लायर बलबंत राय एन्ड कम्पनी बैतूल है। सब्जी सप्लायर प्रमोद कुमार कम्पनी कोठी बाजार बैतूल ,राशन सप्लायर खाद्धान अन्य सामग्री के बिल और सप्लायर से तीसरा पक्ष प्रभावित होने से नियम से जानकारी नहीं दी जा रही है। सप्लायर की आपत्ति है। सोनी जी का कहना है की अपील में जायेगे जानकारी मिलेगी। गुमराह करने वाले को अर्थ दंड।
सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की
धारा 8 क्या है जानिये...
सूचना अधिकार अधिनियम की धारा 8 -इस धारा के अंतर्गत यह कहा गया
कि मांगे जाने पर किन बातों की सूचना देने की बाध्यता
नहीं होगी। धारा 8 (1) के अंतर्गत कंडिका (घ)
निम्न प्रकार हैं-
(घ) सूचना जिस में वाणिज्यिक विश्वास, व्यापार
गोपनीयता, या बौद्धिक संपदा सम्मिलित है।, जिस के
प्रकटन से किसी तृतीय पक्ष की प्रतियोगी स्थिति
का को नुकसान होता है, जब तक कि सक्षम प्राधिकारी को यह समाधान नहीं हो जाता है कि ऐसी सूचना के प्रकटन से विस्तृत लोकहित का समर्थन होता है।
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