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सोमवार, 14 मई 2018

ग्रामीणों ने निस्तार के पानी से तैयार कर ली बागवानी

ग्रामीण मीडिया सेण्टर|
अच्छी पहल,  ग्राम बरई के ग्रामीणों ने घर से निकलने वाले गंदे पानी से उगाई सब्जियां 
ग्राम बरई के ग्रामीणों ने निस्तार के पानी से तैयार की बागवानी। ग्रामीणों ने घरों से निकलने वाले निस्तार के पानी का भी उपयोग करते हुए बागवानी तैयार कर ली। 250 घरों की बस्ती में 80 से अधिक घरों के पीछे सब्जियों और फलों की बागवानी तैयार है। जिनके घर के पीछे बागवानी के लिए जगह नहीं है उन्होंने निस्तार के पानी से भूमिगत जलस्तर बढ़ाने के लिए उपयोग किया है। 
निस्तार के पानी से बागवानी तैयार करने वाले किसन पठाडे, सुरेश बोबड़े, चंद्रशेखर बोबड़े, रमेश वरवड़े, नारायण सिंह रघुवंशी, दिलीप पाठेकर आदि ने बताया ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति के नारायण पवार और उन्नत शील किसान राजेंद्र भार्गव ने एक साल पहले पानी का महत्व बताया। जिसके बाद ग्रामीणों ने निस्तार के पानी से बागवानी तैयार करना शुरू की। अधिकांश मकानों के पीछे बागवानी तैयार हो गई है। 
जल संकट से जूझने के बाद पता चला महत्व 
ग्राम बरई में एक साल पहले तक पानी की समस्या थी। आधा गांव ढलान में और आधा ऊंचाई पर बसा होने से नल जल योजना से पानी सभी के घरों तक नहीं पहुंच पाता था। ऐसे में ग्रामीणों को जलसंकट का सामना करना पड़ता था। जल समस्या के निदान के लिए विकेंद्रीय करण नियोजन योजना के तहत ग्राम पंचायत ने संपूर्ण अधिकार ग्राम की जल समिति को दिए। समिति ने गांव के ऊंचाई वाले स्थान पर टंकी बनाने का निर्णय लिया। जनभागीदारी से टंकी बनाने के लिए 50 प्रतिशत राशि और योजना मंडी से 50 प्रतिशत राशि से दो लाख लीटर क्षमता वाली टंकी बनाई। इसके बाद ग्रामीणों ने पानी का महत्व समझा और निस्तार के पानी का भी उपयोग करने लगे। 
साल भर मिलती है ताजी और हरी सब्जी 
ग्रामीण पंजू परिहार, शिवजी परिहार, सतीष भादे, लखन भादे, सोमजी खवसे, नारायण पवार, लक्ष्मण पवार, देवका देव्हारे आदि ने बताया बर्तन, कपड़े धोने, स्नान करने के बाद मकान के पीछे बहने वाले पानी को व्यवस्थित किया। इस पानी को घर पीछे खाली जगह में फैलाकर सब्जी, फल और फूल के पौधे लगाए। निस्तार के पानी से रोज इनकी सिंचाई होने लगी। जिससे सब्जी और फूल उगने लगे। अब घर के लिए सालभर ताजी सब्जी मिलने लगी है। जिससे सब्जी खरीदने का खर्च भी बच गया है। 
 www.graminmedia.com

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