ग्रामीण मीडिया सेण्टर|
मुलताई नगर में विगत पंद्रह दिनों पूर्व उत्तर प्रदेश से बकरी बेचने आए। उन्होंने पवित्र नगरी मुतलाई में जीवित बकरा बकरी तराजू पर तौल करके 350 रुपए प्रतिकिलोग्राम की दर पर बकरा बकरी और उनके बच्चे बेचे। बड़ी संख्या में अच्छी नस्ल होने के कारण लगभग 7 से 8 लाख की रकम के बकरा बकरी बिक्री हुई। बड़ी संख्या में मुस्लिम भाईओ ने अच्छी प्रजाति होने के कारण खरीदी।
इनके दो चार दिनों बाद के ही पशु चिकित्सालय मुलताई में ये पशु इलाज के लिए आना चालु है। आज ग्रामीण मीडिया ने इस बारे में जानकारी प्राप्त की तो बहुत है चौकाने वाली जानकारी मिली। पशु चिकित्सक डॉ उबनारे ने जानकारी में बताया की ये सब अन्य राज्य से आकर बिना स्वास्थ परीक्षण के क्रय विक्रय के घात परिणाम है। ये पीपीआर ये महामारी है। एक पशु से दूसरे पशु में फलता है। इनके कारण मुलताई क्षेत्र के दूसरे बकरा बकरी भी बीमारी की चपेट में आ रहे है। इसका टीकाकरण होना था। उसके बाद ये प्रदेश की सीमा में आकर बिकना था। पशु पालको ने जानकारी के अभाव में खरीद लिए है। पशु अस्पताल में सामूहिक जानकारी में पीड़ित पशु पालको ने बताया की ऑटो और निजी वाहन से ला रहे है। इनसे चलते भी नहीं बन रहा है। घर के पुराने जानवर भी चपेट में आ रहे है। कई खरीददारों के घरो में तो इस बात को लेकर तनाव भी है। एक एक जानवर की दवा 1500 रु तक की कार रही है। कई की मौत भी हो गई है। नगर के अन्य पशु पालक भी परेशान है।
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