ग्रामीण मीडिया संवाददाता
मुलताई में शासन के मापदंडो के अनुसार उत्कृष्ट शाला अपनी नई उचाई को छू रही थी। पूरा एक परिसर जिसमे माध्यमिक और हायर के बच्चे जिनकी दोनों स्कूलों की छात्र संख्या 1400 से 1600 के बीच है। जिसमे कक्षा 6 से 12 तक की कक्षा संचालिक होती थी। दिनांक 11 अप्रैल 2017 को मुलताई विधायक ने स्कूल जा करके बात रखी की, मुलताई में केन्द्रीय विधालय खोलना है। आप कमरे की व्यवस्था करे । 15 अप्रैल 2017 बैठक 03 के प्रस्ताव क्रमांक 1 के अनुसार पालक शिक्षक संघ ने 09 कमरे पीछे के और 07 माध्यमिक के दे दिए और बाद में केंद्रीय विधालय में 200 छात्रों का प्रवेश हुआ और दोनों स्कूलों में बटवारा विधायक जी की हाजरी में हुआ। 1600 बच्चो के पास 16 कमरे और 1 बड़ा हाल आया।
विधायक ने कहा था, जल्दी नया भवन या दुसरी मंजिल पर इनको शिफ्ट कर देंगे। कमरे और नया भवन नहीं बना उलटा एक हाल में 6 वी एवं 7 वी की क्लास लग रही है। 9 वी से 12 तक के 1400 बच्चे 16 कमरों में एक में 90 से 100 कुछ बैठक करके तो कुछ खड़े खड़े पड़ रहे है। दुसरी तरफ 250 बच्चे 10 में 6 में ताला बंद है। इस शाला में आधे से अधिक लड़की है। विधायक जी के एक निर्णय से केन्द्री स्कूल तो आ गया कुछ अधिकारों और नेताओ के बच्चे को उच्च शिक्षा मिल रही है। वही 57 वर्ष पुराना स्कूल खुद के ही घर में कमरों और सुविधाओं को तरस रहा है।
ये समाचार केंद्रीय विधालय के खिलाफ नहीं है। उत्कृष्ट शाला को निष्कृट होने का समाचार है. शाला का है. 1600 विघार्थी के साथ जो भेद भाव हुआ। जो आज खड़े खड़े पड़ने को मजबूर है उस बात का समाचार है। विधायक जी होश में आओ। केंद्र और राज्य के स्कूलों का भेद समाप्त करवाओ। गौर तलब हो की केंद्रीय स्कूल में फिर से रंग रोगन हुआ। लाखो रुपए लगे और आज भी पुरानी शाला में लाल फर्शी,जुडी ब्रेंच, 5 साल से पुताई न पंखे मकड़ी के जाले लगे है। इनमे नगर और ग्राम के सामान्य नगरीको के बच्चे पड़ रहे है। बाजू में वीआईपी। नेता जी चुनाव सिर पर है अब तो सुधर जाओ।
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