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सोमवार, 23 जुलाई 2018

सेवा के बिना साधना, संस्कार के बिना शिक्षा अधूरी: करमहे

ग्रामीण मीडिया संवाददाता

मुलताई सत्य साईं समिति के साधकों ने नगर कीर्तन कर जगाई सेवा की अलख। सेवा को हर व्यक्ति को अपने दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। सेवा ही आत्म संतुष्टि का अनुभव कराती है। सेवा के बिना साधना और संस्कार के बिना शिक्षा अधूरी रहती है। यह बात दो दिवसीय सत्य साई साधना शिविर के अंतिम दिन जबलपुर से आए राजीव करमहे न्यायाधीश ने कही। 
ताप्ती मंगल कार्यालय में दो दिवसीय सत्य साई साधन शिविर में जिले भर से साधक उपस्थित हुए। बालाघाट से आए डॉ. शिव गौतम, अमित तिवारी, छिंदवाड़ा से आई शिल्पा पराड़कर, स्मिता पाठक ने बाल विकास, मानव विकास, समाज विकास के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा सत्य साईं समिति निरंतर सेवा के भाव जगाती है। 
सत्य साईं समिति मुलताई के एनआर धोटे, अध्यक्ष गुणवंत ठाकरे, संदीप भार्गव, रमेश सरोदे, गणपति पंवार, टीआर बारस्कर, राजेश पोटफोड़े पुष्पराज साहू, किशोर मालवीय ने बताया शिविर का शुभारंभ भजन वंदना के साथ हुआ। सुबह 4 बजे ओमकार जाप के बाद नगर कीर्तन किया। ताप्ती सरोवर की परिक्रमा कर नगर में भ्रमण हुआ। शिविर में उपस्थित हुए साधकों ने निरंतर सेवा का संकल्प लिया और इसके लिए दूसरों को भी प्रेरित करने का निर्णय लिया। 
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