ग्रामीण मीडिया सेण्टर
ग्राम चिचंडा के ग्रामीण ने ग्रामीण मीडिया को जानकारी में बताया की ,हमारे ग्राम में मुलताई विधायक ने एक लाख की राशि दी। बरसात की पहली फुहार ने ही। निर्माण कार्य की बखिया उधेड़ दी। ग्रेवल सड़क निर्माण से जो पुरानी अच्छी सड़क थी. उस पर भी चलना दूभर हो गया है। तकनीकी अधिकारी घर पर बैठ करके स्टीमेट बनाते है। बाद में बिल चढ़ाकर रोड फाइनल होती है। अंतिम कमीशन खा करके उपयोगिता प्रमाण पत्र मिल जाते है। विधायक भी आँख मिचकर राशि जारी करते है। इसके बिल बाउचर ऑनलाइन है। जिला कलेक्टर और सीईओ मासिक समीक्षा करते है। उसके बाद भी फर्जी दुकानदार और उनके जारी बिलो को पकड़ नहीं पाते है। अगर मुख्य मंत्री मुलताई विधायक के कामो की जांच करे तो पाएंगे की पहले से स्टीमेट रोड सब काम हो जाते है और बाद में विधायक का पत्र विभाग के पास पहुँचता है की अमुक पंचायत को राशि दी जा रही है। तारिको में लम्बा खेल है। जांच का विषय है। वही तकनीकी अधिकारों को तत्काल जिसके स्टीमेट बनाय है। उस निर्माण स्थल पर भेजो तो उनको पता ही नहीं है की निर्माण स्थल कहाँ है। एक बड़ा फर्जीवाड़ा है। अगर देखे तो एक विधायक के दो ही मूल काम है. एक विधायक निधि वितरण और एक विधान सभा सत्र में प्रश्न उतर और अव्यवहारिक नियमो में सुधार। जनहित में क़ानून बनाना और सुधार। प्रशासनिक तंत्र से काम लेना। आगे आप इनकी समीक्षा करो। मोदी जी और शिवराज जी की नीतिओ का सही तरिके से पालन तक नहीं करवा पाते है। आगे चुनाव है। गौर तलब हो की ग्राम चिचंडा जिला पंचायत हरी नागले का ग्रह ग्राम है और नागले जिले विधायक जी के तकनीकी सलाहकार है। ग्राम पंचायत ,PHE,सिचाई विभाग अधिकाँश विभाग इनके पास है।
हालत जो भी हो पर ग्राम वासी और स्कूल के बच्चे परेशान है। उनका कहना है की नहीं रोड बनता तो अच्छा था। मशीन आई एक दिन में एक लाख का काम किया और निकल गई। ग्रामीणों ने ग्रामीण मीडिया को बिल ऑनलाइन उपलब्ध करवाए है।
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