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मंगलवार, 17 जुलाई 2018

पत्रकार अनिल दामेधर की सामान्य नहीं, रहस्यमय मौत की जांच की मांग

ग्रामीण मीडिया संवाददाता 

ग्रामीण मीडिया को कल, दिनांक 16 जुलाई पत्रकार अनिल की अंतेष्टी के अवसर पर पता चला की उनकी मौत सामान्य बीमारी से नहीं है। ग्रामीण मीडिया ने इस बारे में पता लगाया तो जानकारी में आया की, दिनांक 26 जून  रात  मुलताई से 16 किलोमीटर की दूरी पर मुलताई-नागपुर हाइवे मार्ग से करीब 1 किलोमीटर  की दूरी पर ग्राम चिचंडा मार्ग पर पुराने रेल्वे  फाटक से 10 कदम की दूरी पर कोंडर मार्ग रेल्वे  पम्प हाउस के पीछे रेल्वे  का स्थान है।  ग्रामीण मीडिया ने जब और पता लगाया तो चिचंडा दारु दुकान के सेल्स में ने बताया की, उनकी दूकान पर 27 तारीख सुबह 7 बजे ग्राम हतनापुर का गुडू पवार दूध वाले ने बताया की, मुलताई का पत्रकार अनिल दामेधर एक पत्थर पर सिर रख कर सो रहा है। उसने मुझसे कहा की, मुलताई में मेरे घर या मेरे किसी दोस्त को खबर करे की वे मुझे यहां से मुलताई ले जाए. मुझसे जाना नहीं हो रहा है। तत्काल दूध वाले ने करीब की  दूकान वाले को बताया की, मुलताई का अनिल दामेधर मदद मांग रहा है।  उन्होंने देखा की उसकी गाड़ी खड़ी है। गाड़ी में चाबी भी लगी थी। वह एक बड़े से पत्थर पर सिर रख कर के सो रहा था। अनिल  होश में था। उससे उठना नहीं हो रहा था।  उन्होंने पूछा तो कहाँ मुझे मुलताई जाना  है। दारु दूकान के सेल्स में ने पूछा की भाई दारु तो ज्यादा नहीं हो गई। मुँह सुंघा तो शराब की बदबू नहीं थी। लेकिन कोई दवाई जैसी बदबू आ रही थी. वे उसके सहारा दे करके शराब दूकान तक लाए।  मुलताई सुचना दी. मुलताई से पप्पू पठाड़े और राजेश परिहार  आए। खुद का वाहन छोड़ करके बीच में अनिल को बैठकर ले गए  अनिल की ही स्कूटी से। रास्ते में ले जाने वालो को  अनिल ने बताया की वो रात 12 बजे से है। लेकिन चिचंडा तक कैसे पहुंचा पता नहीं कुछ याद नहीं ही कर पा रहा। मुलताई आने के बाद तत्काल डॉ सिसोदिया को दिखाया। डाक्टर ने मरीज का इलाज किया और कहाँ की आप इनको नागपुर ले जाए।इनकी हालत ठीक नहीं है। 
दोपहर को अचानक अनिल ने अजीब अजीब हरकत की मानसिक संतुल खोने लगा तत्काल परिवार जन और दोस्तों ने नागपुर के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया।  तबियत ज्यादा खराब होने से नागपुर के डॉक्टर ने वेंटीलेटर पर रखा। अधिकाँश समय आईसीयू में रहे। दिनांक 27 जून से 16 जुलाई तक 19 दिनों तक इलाज होता रहा। अंत में 16 जुलाई को नागपुर के उसी निजी अस्पताल में अंतिम सास ली। नगर मे चर्चा का विषय है की इस प्रकार से चिचंडा गेट के पास रात दो बजे पहुंचना और मानसिक संतुलन खोना मेडिकल रिपोर्ट में जहर का उल्लेख भी सुनने में आया है। ग्रामीण मीडिया ने अपना एक साथी खोया है तो मांग करता है की उक्त घटना की सीआईडी पुलिस से जांच हो और मुलताई पुलिस ने अभी तक इस प्रकरण में क्या किया बताए। नागपुर से मुलताई को तेहरीर लिखित सूचना तो आई होगी।  गौर तलब हो मुलताई थाने से 10 कदम की दूरी पर अनिल का घर है और इलाज करने वाले डाक्टर का दवाखाना 12 कदम पर मुलताई छोटी सी जगह है मामला एक पत्रकार की मौत का है।  कुछ जांच अभी तक होना चाहिए थी। गौर तलब हो की नागपुर में परिवार जनो को लाखो रूपेय खर्च होने के बाद भी मरीज का बचा नहीं पाए। जांच समय अवधि में हो। 
 www.graminmedia.com

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