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मंगलवार, 31 जुलाई 2018

मुलताई ग्राम कपासिया फांसी, खेत मेरा है मैंने नहीं बेचा हूं, मकान मेरा है. मृतक ने .. हथेली पर लिखा

ग्रामीण मीडिया संवाददाता


ग्राम कपासिया में खेत के पेड़ पर लटका मिला कर्मचारी का शव, श्रमिक सोहागपुर से दो दिन पहले आया था भाई के घर ग्राम कपासिया के खेत में स्थित पेड़ पर सोहागपुर (बैतूल) के शुगर मिल का कर्मचारी फांसी के फंदे पर लटका मिला। मृतक के बाएं हाथ पर पेन से खेत मेरा है मैंने नहीं बेचा हूं, मकान मेरा है लिखा हुआ है। जिससे मामला जमीन से जुड़ा होने का प्रतीत हो रहा है। 
कपासिया निवासी अशोक पिता दयाराम मालवीय (40) बीते दस साल से परिवार के साथ सोहागपुर में रहकर शुगर मिल में काम करता था। अशोक का बड़ा भाई दशरथ मालवीय ग्राम कपासिया में खेती करता है। अशोक और दशरथ को अपनी मां के हिस्से की कृषि भूमि मिली थी। अशोक 28 जुलाई को कपासिया पहुंचा था। रात में ग्राम लाखापुर पंखा जोड़ पर अपने परिचित सावन्या पंवार के घर रुक गया। दूसरे दिन रविवार को सुबह बड़े भाई दशरथ के घर पहुंचा। 
सोमवार को सुबह अशोक का शव खेत में स्थित पेड़ पर लटका मिला। ग्रामीणों ने पेड़ पर शव लटका देखा तो इसकी सूचना ग्राम कोटवार और पुलिस को दी। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। पंचनामा बनाकर शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंपा। दुनावा पुलिस चौकी के प्रधान आरक्षक प्रवीण पचौरी ने बताया प्रथमदृष्टया मामला जमीन विवाद का लग रहा है। मंगलवार को मृतक की पत्नी, भाई सहित अन्य के बयान लेने के बाद ही आत्महत्या के कारणों का खुलासा हो पाएगा। 
जमीन विवाद में फांसी लगाने की संभावना 

मृतक अशोक के हथेली पर खेत नहीं बेचने और मकान की बात लिखी हुई है। जिससे इन्हीं कारणों के चलते फांसी लगाने की संभावना लग रही है। पुलिस भी प्रथमदृष्टया जमीन विवाद के चलते आत्महत्या करना मान रही है। हालांकि पुलिस ने अभी मृतक की पत्नी और बच्चों के बयान नहीं लिए हैं
खेत मेरा है मैंने नहीं बेचा हूं, मकान मेरा है... हथेली पर लिखकर शुगर मिल के कर्मचारी ने लगाई पेड़ पर फांसी मृतक के भाई ने कहा मैं मौसी के यहां गया था  भाई दशरथ के अनुसार रविवार को अशोक घर पर आया था। खाना खाने के बाद अशोक ने सोहागपुर जाने का कहा। जिसके बाद दोनों भाई बाइक से मुलताई आए थे। दशरथ ने बताया अशोक को मुलताई छोड़ने के बाद वह मौसी के गांव सावंगा चला गया था। घर पर ताला लगा हुआ था। अशोक दोबारा गांव कब पहुंचा और फांसी किन कारणों के चलते लगाई इसकी जानकारी नहीं है। 
मुलताई| मृतक अशोक के बाएं हाथ की हथेली पर लिखा है खेत मेरा हैं मैने नहीं बेचा हूं। 
यह उठ रहे सवाल  अशोक 28 जुलाई को गांव आया तो अपने भाई के घर जाने की बजाय परिचित के यहां क्यों रुका। 
 अशोक और दशरथ को मां के हिस्से की कृषि जमीन मिली थी, जिसमें से अधिकांश कृषि जमीन बेच दी है। 
 वर्तमान में डेढ़ से दो एकड़ जमीन में दशरथ खेती करता था और अशोक सोहागपुर में शुगरमिल में काम करता था। 
 भाई के कहे अनुसार अशोक रविवार को सोहागपुर जाने के लिए निकला था, फिर वापस गांव कैसे पहुंचा और फांसी क्यों लगा ली‌? 

 www.graminmedia.com

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