ग्रामीण मीडिया संवाददाता
अंतर्राष्ट्रीय समझौते सतत विकास के लक्ष्य के अंतर्गत SDG (Sustainble Development Goals) गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की जमीनी हकीकत जानने के लिए ग्रामीण मीडिया सेंटर मुलताई ने जानकारी एकत्र की तो काफी निराशा जनक परिणाम पाया। मध्य प्रदेश शासन ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रदेश के 51 जिलों में उत्कृष्ट और मॉडल स्कूल हर विकास खंड और अनुसूचित घोषित क्षेत्र में खोले है. जिसमे बैतूल जिले के 10 विकास खंड में 10 उत्कृष्ट और 03 मॉडल स्कूल कुल 13 स्कूल खोले है. जिसमे प्रशिक्षित शिक्षकों को नियुक्त होना था। इन शाला में कक्षा 9th से 12th तक की कक्षा लगती है। चयनित मास्टर और चयनित छात्राो को अध्ययन करना था।
अंतर्राष्ट्रीय समझौते सतत विकास के लक्ष्य के अंतर्गत SDG (Sustainble Development Goals) गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की जमीनी हकीकत जानने के लिए ग्रामीण मीडिया सेंटर मुलताई ने जानकारी एकत्र की तो काफी निराशा जनक परिणाम पाया। मध्य प्रदेश शासन ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रदेश के 51 जिलों में उत्कृष्ट और मॉडल स्कूल हर विकास खंड और अनुसूचित घोषित क्षेत्र में खोले है. जिसमे बैतूल जिले के 10 विकास खंड में 10 उत्कृष्ट और 03 मॉडल स्कूल कुल 13 स्कूल खोले है. जिसमे प्रशिक्षित शिक्षकों को नियुक्त होना था। इन शाला में कक्षा 9th से 12th तक की कक्षा लगती है। चयनित मास्टर और चयनित छात्राो को अध्ययन करना था।
ग्रामीण मिडिया ने मुलताई के उत्कृष्ट शाळा के कक्षा 9th के परिणाम जाने तो जानकारी में आया की, कुल दर्ज 423 छात्र में से 125 फेल हो गए. स्कूल के प्राचार्य ने फेल छात्रों को नियम विरुद्ध शाला से निकाल दिया। स्कूल की बारीकी से समीक्षा की तो पता लगा की अप्रशिक्षित शिक्षक को का राज है। मास्टर अपने मूल काम छोड़ करके अन्य कामो में लगे है। टूशन खोरी है। नेताओ के रिश्ते दार नियम विरुद्ध पढ़ाने में लगे है।
उपरोक्त हालतो और सतत विकास लक्ष्य प्राप्त करने किए लिए। ऑनलाईन परीक्षा 24.07.2017 को आयोजित की थी। जिसमे जो भी शिक्षक उत्कृष्ट शाला में सेवा देना चाहता है। उसको विषयवार परीक्षा में पास होने के लिए 40 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य था. बैतूल जिले में इन 13 स्कूलों के लिए लगभग 250 शिक्षकों के परीक्षा में पास होना था। परीक्षा में कुछ ही मास्टर शामिल हुए। राजनीती के कारण इस ऑनलाइन परीक्षा के परिणाम उसी दिन आ जाने थे। शासन ने घोषित नहीं किय। कुछ जागरूक लोगो ने इस परिणाम के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दर्ज की, जिसके परिणाम स्वरूप एक साल बाद परिणाम घोषित हुए। जो की चौकाने वाले थे। बैतूल जिले में वाणिज्य विषय में एक शिक्षक पास हुआ. गणित में दो पास हुए। परीक्षा परिणाम निराशा जनक होने से घोषित नहीं हुए। ये फेलघोडे मास्टर पढ़ाते रहे। परिणाम कहे की मुलताई उत्कृष्ट में 9th कक्षा में 26 प्रतिशत छात्र फेल। जिले में 101 मास्टर पास हुए। उनमे से अधिकाँश ग्रामीण स्कूलों से है। मुलताई उत्कृष्ट में आधे मास्टरों ने तो डर के मारे परीक्षा नहीं दी है। जिन ने दी उसमे से आधे से अधिक फेल हो गए है। दो शिक्षक फर्जी तरीके से प्रतिनियुक्ति पर है। उनकी पात्रता नहीं है।
ग्रामीण मीडिया मांग करता है की ऑनलाईन परीक्षा परिणामो की देरी की जांच। सभी स्कूलों के मास्टरो की इस प्रकार से परीक्षा ले। प्राथमिक से लेकर कक्षा १२ तक। फेल शिक्षकों की सेवा सामप्त करे।
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