ग्रामीण मीडिया संवाददाता
*चिचोली* _ यह सृष्टि स्वतः सृजित व रचित नही है ! अपितु एक सर्व व्यापक , सर्वज्ञ सर्व शक्तिमान सचिदानंद सत्ता द्वारा बनाई गई है ! वही सत्ता इस सृष्टि को धारण किए हुए हैं ,जिससे चलते ही यह सुचारू रूप से चल रही है , जीवात्मा की भांति ईश्वर चेतन सत्ता है ! वह हमारी भावनाओं व प्रार्थनाओं को प्रत्येक क्षण सुनता है व उसे हमारी पात्रता एवं क्रियाओं के अनुरूप पूरा भी करता है ! सृष्टिकर्ता होने से यह समस्त सृष्टि उस ईश्वर के वश एवं नियंत्रण में है ! यदि हम सूखा होने पर उससे प्रार्थना व यज्ञ आदि श्रेष्ठ कार्य करेंगे ! तो निश्चित ही उसके सकारात्मक परिणाम ईश्वर हमें प्रदान करेगा ! इसलिए आज हम सभी इस आर्य समाज के परिसर में यज्ञ कर ईश्वर से अच्छी बरसात की कामना करते हैं ! .......यह बात चिचोली के बाजार चौक स्थित आर्य समाज में आयोजित तीन दिवसीय वर्षा यज्ञ के दौरान होशंगाबाद गुरुकुल से आए आचार्य योगेंद्र याज्ञिक ने यज्ञ में आहुति दाल रहे यज्ञकर्ताओ से कही, उन्होंने आगे कहा कि,अग्नौ प्रास्ताहुतिः सम्यगादित्य मुपतिष्ठते। आदित्याज्जायते वृष्टिर्वृष्टेरन्नं ततः प्रजाः
अग्नि में विधि-विधान पूर्वक दी हुई आहुति सूर्य को प्राप्त होती है उससे वर्षा होती हैं। वर्षा से अन्न होता है और अन्न से प्राणियों की उत्पत्ति होती है। अग्नि में डाली हुई आहुति प्राणियों को प्राप्त होती है और वह वर्षा तथा अन्नोत्पत्ति का कारण बनती है। विज्ञान से भी सिद्ध है ! कि अग्नि जलने से कार्बन डायऑक्साइड गैस बनती है। इस गैस का पृथ्वी पर एक पर्त फैला रहता है ! जिसका काम यह है कि सूर्य की किरणों की गर्मी को पृथ्वी पर रोक कर रखे। यही वर्षा का कारण है ! रविवार से आयोजित वर्षा यज्ञ तीन दिवस तक जारी रहेगा ! यज्ञ समिति द्वारा आम जनसमुदाय से इस यज्ञ मे शामिल होने की अपील की गई है
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