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शुक्रवार, 5 अक्तूबर 2018

मुलताई में 70 डेमो में से 52 खाली, घोर जल संकट पानी पर लगेगा पहरा

ग्रामीण मीडिया संवाददाता,  पानी पर लगना पड़ेगा पहरा।



संकट में है, किसान इस साल बरसात की कमी के कारण, मारपीट और कानून व्यवस्था भंग के हालत बन सकते है।  
ग्रामीण मीडिया सेण्टर मुलताई ने वर्ष 2018-19 एक अध्ययन में पाया कि इस साल रवि मौसम में बरसात की कमी के कारण बड़ी संख्या में किसानों के खेतों में गेहूं की मुख्य फसल सिचाई (पानी) अभाव में बोनी नही हो पाएगी। मुलताई क्षेत्र में औसत रूप से 40 इंच बरसात होती है। जिससे डेम,कुओ,नलकूप,नदी और नालो में पर्याप्त पानी रहता था। रवि मौसम की फसल में एक पलेवा और दो सिचाई डेम और अन्य संसाधनों से हो जाती थी। 
इस साल मात्र 17 इंच का बरसात का आंकडा । जिस के कारण भूमिगत जलस्तर बहुत कम है। मुलताई जल संसाधन विभाग मुलताई में रवि सिचाई के लिये मध्यम जलाशय 04 और लधु 66 है। इसमें से 18 डेमो से केवल पलेवा होगा। जो दो बार पानी देते है। वह नही दे सकते। केवल उभारिया में सिचाई होगी। 70 डेमो से 40 हजार 481 हेक्टर की सिचाई होती थी। इस साल संकट है। यह हालत मात्र 11 हजार 790 हेक्टर में पलेवा। ठीक ये हालत कुओ और नलकुपो के भी यही हालत है। इस गेहू का असर आगे पशु चारे पर भी आएगा। चुनाव का साल है। आचार संहिता रहेगी।
किसान को सलाह है कि, ऐसी हालत में चना,अलसी,मसूर या कम पानी वाले गेहू की प्रजाति लगाए। अन्यथा सिचाई अभाव में फसल की मूल लागत भी नहीं निकलेगी। संकट का साल है। इस प्रकार से सूखे का लगातार दूसरा साल है। इस साल भी ताप्ती सरोवर का ओवर फ्लो नहीं हुआ।

 www.graminmedia.com

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