ग्रामीण मीडिया संवाददाता
शुक्रवार रात उड़दन गांव के एक खेत में भूखा बाघ घुस आया। खेत में बनी छपरी से बंधे मवेशी को खींचकर गन्नाबाड़ी में ले जाकर खाने का प्रयास किया। ग्रामीणों की सूचना पर वन अमला यहां पहुंचा और सर्चिंग शुरू की। बाघ के स्पष्ट पगमार्क भी खेत में मिले। शुक्रवार रात लगभग 9 बजे रामकिशोर साहू उड़दन के खेत में खाना खाकर सोने के लिए बिस्तर लगा रहे थे। उसी समय गुर्राने और बछड़े के रंभाने का शोर सुनकर वे टार्च जलाकर उस तरफ गए तो बाघ बछड़े को खींचकर गन्नाबाड़ी में ले जाता दिखा। गन्नाबाड़ी में टार्च की रोशनी डालने पर बाघ गुर्राने लगा। खतरे को देखकर 65 वर्षीय बुजुर्ग रामकिशोर पैदल मदद के लिए उड़दन बस्ती में गए। लगभग आधा किलोमीटर तक पैदल चलकर उन्होंने लखन यादव समेत गांव के अन्य लोगों को पूरी बात बताई। ग्रामीणों ने वन अमले को सूचना दी और लगभग 50 लोग बताई जगह पर पहुंचे। यहां 3 घंटे तक बाघ का मूवमेंट गन्नाबाड़ी में दिखता रहा। लगभग 1 बजे गन्नाबाड़ी हिलना बंद हो गई और बाघ एनएच 69 के दूसरे ओर उड़दन से सटे जंगलों में चला गया। शनिवार शाम तक चली सर्चिंग के बाद वन अमले को धाराखोह में बाघ के होने की जानकारी मिली। खेत में था काली मिट्टी का दलदल, किनारे पर कतार से मिले पगमार्क सुबह वनरक्षक बलराम इरपाचे और केएल धुर्वे ने खेत में पगमार्क तलाशे। खेत में दलदली मिट्टी के कारण बाघ किनारे पर चला था। खेत की मेढ़ से सटे पगमार्क मिले। इन जगहों पर लकड़ी के खूंटे लगाए थ
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