ग्रामीण मीडिया सेण्टर| खेड़ीसांवलीगढ़
बैतूल-परतवाड़ा मार्ग पर 24 लाख रुपए की लागत से तैयार हुआ ताप्ती का मंदिर
बैतूल-परतवाड़ा मार्ग पर ताप्ती नदी
के तट पर ताप्ती का मंदिर तैयार हो
रहा है। जिसमें सूर्य का पूरा परिवार
होगा। नए साल के फरवरी माह
में यहां पर भव्य समारोह के साथ
सूर्य परिवार की प्रतिमाओं की प्राण
प्रतिष्ठा की जाएगी। इसकी तैयारी
अभी से शुरू हो गई है। बैतूल,
खेड़ी, पतरवाड़ा मार्ग लंबे अरसे
से इस मंदिर का निर्माण चल रहा
था। श्रद्धालु श्यामसुंदर अग्रवाल
ने मंदिर निर्माण की बात रखी थी।
इसके बाद समिति बनाई। इसमें
संरक्षक पूर्व विधायक शिवप्रसाद
राठौर समेत अन्य लोग जुटे।
श्रद्धालुओं के प्रयास से सूर्यपुत्री मां
ताप्ती का विशाल मंदिर मूर्त रूप ले
चुका है। मंदिर की अंतिम तैयारियों
में जुटे मंदिर नवनिर्मित मंदिर में
आगामी फरवरी माह में विशाल
प्राण-प्रतिष्ठा समारोह आयोजित
किया जाएगा।
आदिवासी कारीगरों ने बनाया है
ताप्ती मंदिर 24 लाख रुपए की लागत में तैयार
हुआ है। मंदिर परिसर 100 बाई 100 में है,
जबकि मंदिर 30 बाई 60 में बना है। इसे देवपुर
कोटमी के गतसिंह उइके और सेलगांव के
सदन धुर्वे ने बनाया है।
मंदिर में संपूर्ण सूर्य परिवार
बैतूल के ताप्ती नदी तट पर बनने वाले मंदिर में संपूर्ण
सूर्य परिवार की प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी। इसमें मंदिर
शिखर पर मां ताप्ती के पिता सूर्यनारायण, राधाकृष्ण और
गर्भगृह में देवी ताप्ती की प्रतिमा, सूर्यदेव की दोनों पत्नियां
संध्या, छाया, यमदेव मंदिर परिसर में मां ताप्ती के भ्राता
और सूर्यपुत्र शनिदेव तथा यमुना महारानी सहित संपूर्ण सूर्य
परिवार की प्रतिमाएं स्थापित होंगी।
देश का पहला सूर्य परिवार का मंदिर
मंदिर समिति से जुड़े पृथ्वीराज सिंह परिहार, गोकुलसिंह
चौहान, शिवाजी पवार, वृदांवन यादव, रामराव डिगरसे,
मोहन राठौर का कहना है सूर्य परिवार का यह मंदिर देश
का इकलौता मंदिर है, जो बैतूल जिले के लिए गौरव की
बात है।
सूरत में है ताप्ती का मंदिर
मां ताप्ती दर्शन यात्री राजू पाटनकर ने बताया सूरत के
पास माचीगांव में केवल मां ताप्ती का मंदिर है। यह मंदिर
दो करोड़ रुपए की लागत से बना है। इसमें मां ताप्ती की
मूर्ति दयाभाई देसाई (इग्लैंड) ने दी है। मंदिर राजस्थानी
पत्थर से बना है। हजारों की संख्या में लोग मां ताप्ती के
दर्शन करने पहुंचते हैं।
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