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गुरुवार, 26 जुलाई 2018

मध्य प्रदेश आगमी चुनाव में BJP के संभावित प्रत्य्क्षीओ की सूची


ग्रामीण मीडिया संवाददाता भोपाल:-भाजपा नेतृत्व ने मध्यप्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं इसी तारतम्य में 230 विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवारों के नाम चयन करने हेतु माथापच्ची शुरू हो गई है। राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह के आदेश अनुसार मध्यप्रदेश में विधानसभा सीटों के उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया में आरएसएस और उसके अनुषंगी संगठनों को विशेष तरजीह दी जाएगी।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निजी सर्वे, आरएसएस के कार्यकर्ताओं के सर्वे तथा केंद्रीय नेतृत्व के सर्वे आने के बाद मुख्यमंत्री आवास पर रखी गई एक गुप्त बैठक आहूत की गयीं जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ,संगठन मंत्री श्री सुहास भगत , प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री राकेश सिंह, शामिल थे। गहन अध्ययन और चर्चा के बाद निम्नलिखित उम्मीदवारों को हरी झंडी दे दी गयी है तथा उम्मीदवारो को अपने क्षेत्र के बीजेपी तथा आरएसएस नेताओ से मिलकर कार्य करने का भी आदेश दिया गया है। निम्नलिखित उम्मीदवारों को चुनाव की तैयारी करने की बोल दिया गया है। ये उम्मीदवार संगठन तथा आरएसएस की पसन्द बताए जा रहे है
1. बुधनी शिवराज सिंह चौहान
2.दतिया डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा
3. रहली श्री गोपाल भार्गव
4. छतरपुर श्रीमती ललिता यादव
5. दमोह श्री जयंत मलैया
6. रीवा श्री राजेंद्र शुक्ल
7. विजयराघवगढ़ श्री संजय पाठक
8. शाहपुरा ओमप्रकाश धुर्वे
9. बालाघाट श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन
10. नरसिंहपुर जालम सिंह पटेल
11. होशंगाबाद श्री सीताशरण शर्मा
12. नरेला श्री विश्वास सारंग
13. भोपाल दक्षिण श्री उमाशंकर गुप्ता
14. हाटपिपलिया श्री दीपक जोशी
15. बुरहानपुर श्रीमती अर्चना चिटनीस
16. सेंधवा श्री अंतर सिंह आर्य
17. इंदौर श्रीमती मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़
18. इंदौर 2 श्री रमेश मेंदोला
19. इंदौर 1 श्री सुदर्शन गुप्ता
20. धार श्रीमती नीना विक्रम वर्मा
21. बदनावर से भंवर सिंह शेखावत
22. खाचरोद श्री दिलीप शेखावत
23. अलीराजपुर श्री नागर सिंह चौहान
24. पेटलावद निर्मला भूरिया
25. तराना श्री अनिल फिरोजिया
26. जावरा श्री राजेंद्र पांडे
27. आलोट जितेंद्र गहलोत
28. मंदसौर श्री बंशीलाल गुर्जर
29. मल्हारगढ़ श्री जगदीश देवड़ा
30. मनासा श्री कैलाश चावला
31. नीमच श्री दिलीप परिहार
32. जावद श्री ओमप्रकाश सकलेचा
33. जोरा श्री सूबेदार सिंह रजौधा
34. सुमावली श्री सत्यपाल सिंह
35. दिमनी श्री जितेंद्र सिंह तोमर
36. अंबाह श्रीमती संध्या राय
37. गोहद लाल सिंह आर्य
38. ग्वालियर ग्रामीण श्री महेंद्र सिंह यादव
39. ग्वालियर श्री जयभान सिंह पवैया
40. ग्वालियर पूर्व श्रीमती माया सिंह
41. ग्वालियर दक्षिण श्री नारायण सिंह कुशवाह
42. सेवढ़ा से श्री मेघ सिंह गुर्जर
43. पोहरी श्री प्रहलाद भारती
44. शिवपुरी श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया
45. गुना श्री पन्नालाल शाक्य
46. चाचौड़ा श्रीमती ममता मीणा
47. अशोकनगर श्री गोपीलाल जाटव
48. बीना श्री महेश राय
49. सागर श्री शैलेंद्र
50. नरयावली श्री प्रदीप लारिया
51. पृथ्वीपुर श्रीमती अनीता सुनील नायक
52. महाराजपुर श्री मानवेंद्र सिंह
53. बिजावर श्री पुष्पेंद्र नाथ पाठक
54. पथरिया श्री लखन पटेल
55. मैहर नारायण त्रिपाठी
56. सिरमौर श्री दिव्या राज सिंह
57. देवतालाब श्री गिरीश गौतम
58. सीधी श्री केदारनाथ शुक्ल
59. चितरंगी श्री जगन्नाथ सिंह
60. धोहनी श्री कुंवर सिंह टेकाम
61. जैतपुर श्री जय सिंह मरावी
62. बड़वारा श्री मोती कश्यप
63. मानपुर सुश्री मीना सिंह
64. जबलपुर पूर्व अंचल सोनकर
65. जबलपुर कैंट अशोक रोहाणी
66. सिहोरा श्रीमती नंदनी मरावी
67. निवास रामप्यारे कुलस्ते
68. वारासिवनी योगेंद्र निर्मल
69. गोटेगांव श्री कैलाश जाटव
70. तेंदूखेड़ा श्री संजय शर्मा
71. गाडरवाड़ा श्री गोविंद सिंह पटेल
72. जुन्नारदेव नथन शाह
73. छिंदवाड़ा श्री चंद्रभान सिंह
74.सौसर श्री नानाभाऊ मोह
75. बेतूल हेमंत खंडेलवाल
76. ब्यावरा गायत्री जसवंत सिंह
77. नरसिंहगढ़ श्री राज्यवर्धन सिंह
78. सारंगपुर श्री प्रमोद पवार
79. देवास श्रीमती गायत्री राजे पवार
80. मांधाता लोकेंद्र सिंह तोमर
81. हरसूद श्री विजय शाह
82. शुजालपुर से जसवंत सिंह हाड़ा
83. आष्टा श्री रंजीत सिंह गुणवान
84. भोपाल मध्य श्री सुरेंद्र नाथ सिंह
85. भोपाल हुजूर श्री रामेश्वर शर्मा
86. टिमरनी श्री संजय शाह
87. सोनकच्छ श्री राजेंद्र वर्मा
88. उज्जैन उत्तर श्री पारस जैन
89. कालापीपल श्री इंदर सिंह परमार
90. सोहागपुर श्री विजयपाल सिंह राजपूत
उक्त सीटों के अलावा शेष रही सीटों के उम्मीदवारों पर बाद में चर्चा की जाएगी तथा जहां विवाद है या जिन विधायक की उम्र 70 से ज्यादा है वहां पर समिति बाद में चर्चा करेंगी।सूत्रों से मिली इस जानकारी की तस्दीक नही हो सकी है।

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टावर से गिरा युवक मौत

ग्रामीण मीडिया संवाददाता 



असुरक्षित टावर से गिरा युवक मौत

आठनेर ।। प्रकाश खातरकर ।।

आज एक मानसिक रूप से विक्षिप्त युवक की मोबाइल टावर पर से गिरने से मौत हो गई। इस मौत के बाद सरकारी और निजी टेलीकॉम कंपनियों के टावर की सुरक्षा की पोल खुल गयी। आठनेर पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार यह घटना आठनेर थाना क्षेत्र के  ग्राम गेंहूबरसा की है जहां कोका नामक आदिवासी  युवक जो मानसिक रूप से विक्षिप्त बताया जा रहा आये दिन टेलीकॉम कंपनियों के टावर पर अत्यधिक उचाई पर चढ़ जाता था और ऊलजलूल हरकत करते रहता था । 

कल बुधवार को भी वह टावर पर चढ़कर जोर जोर से चिल्ला रहा था उसी समय उसका पैर टावर के एंगल से फिसल गया और निचे गिरने से उसकी मौत हो गई। इस मौत के बाद बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया की थाना क्षेत्र में जीतने भी निजी और सरकारी टावर है सब असुरक्षीत है टावरों के आस पास तार फेंसिंग और सुरक्षा गार्ड नही होने से यह घटना घटित हुई है। गेहूबरसा के ग्रामीणों ने बताया की मृतक युवक आये दिन टावर पर चढ़ जाता था मतलब टावरों के हाल बेहाल है  टेलीकॉम कम्पनीयो ने अपने नेटवर्क की सहूलियत से टावर तो खड़े कर दिए परन्तु सुरक्षा के उपाय नही करने से इस युवक की मौत होना बता रहे है। 

वैसे भी देखा जाए तो आठनेर नगर और आसपास के गावो में भी जीतने टावर है उन टावरों पर ग्रीन और रेड लाइट जलते रहना चाहिए ताकि इमरजेंसी उड़ान करते रहने वाले हेलीकाप्टर और वायुयानों को टावर होने के संकेत मिलते रहे परन्तु इस तहसील के किसी भर टावर पर यह संकेतक नही होने से सम्बन्धित विभाग की अक्षम्य लापरवाही सामने आई है ।

।। इनका कहना ।।

आठनेर थाना क्षेत्र में जितने भी टावर लगे है उनके प्रमुखों को इस मामले में नोटिस देकर टावरों के सुरक्षा उपाय करवाने मीटींग ली जाएंगी।

अजय मरकाम,
 टी आई, थाना आठनेर
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बैतूल, युवती से हुआ कार में कई बार दुष कर्म , मामला दर्ज

ग्रामीण मीडिया संवाददाता

पहले किया शादी का इकरार,फिर हुआ खूब हुआ डांसिंग कार, अब की कोतवाली में शिकायत की हुआ बलात्कार
 
 
बैतूल । गोठी कालोनी निवासी एक युवती ने रामनगर के युवक पर शादी का झांसा देकर बलात्कार करने का  आरोप लगाते हुए कोतवाली में मामला दर्ज करवाया है ।पुलिस ने युवती की शिकायत पर युवक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और आरोपित युवक की तलाश कर रही है ।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक गोठी कालोनी कोठी बाजार निवासी छात्रा ने रामनगर के सुरेश मेहरा के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज करवाई ।अपनी शिकायत में छात्रा ने बताया कि वह जेएच कालेज की बीकॉम फाइनल की छात्रा है ।कालेज बीते एक साल आते जाते समय सुरेश रास्ता रोक कर ओर डरा धमका कर मुझ से शादी का झांसा देकर मुझे अपनी स्विफ्ट कार नम्बर MP04-CJ/0066 से रानीपुर के हनुमान डोल के जंगल मे कई बार मेरी मर्जी के खिलाफ गलत काम किया ।मे्रे मना करने पर मुझे डराता ओर धमकाता था ।में डिप्रेशन में चली गई थी ।मेरी मम्मी ने मेरे गुमसुम रहने पर पूछा तो मैंने सारी कहानी सुना दी ।हिम्मत करके मे अपनी मम्मी के साथ शिकायत करने थाने आई हूँ ।
पीड़िता की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने आरोपित के खिलाफ धारा 341,354,376 ओर 506 के तहत मामला दर्ज कर लिया है ।आरोपित की तलाश जारी है

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मुलताई को मिला बड़ा तोहफा, सात करोड़ की राशि माँ ताप्ती हेतू स्वीकृत

ग्रामीण मीडिया संवाददाता।मुलताई

माँ ताप्ती सरोवर एवम छोटा तालाब के संरक्षण एवं सौंदर्यीकरण पर 7 करोड़ तीस लाख 48 हजार की योजना पर स्वीकृति, ग्रामीण मीडिया ने की इस विषय पर नगरपालिका अध्यक्ष से सीधी बात, सुनिए न्यूज़ वीडियो में-



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विस्तृत खबर
बैतूल/मुलताई। ताप्ती सरोवर को अब गंदे पानी से निजात मिल सकेगी। इसके लिए मध्यप्रदेश शासन ने ताप्ती जलमार्ग सीवर लाइन प्रोजेक्ट को स्वीकृति दे दी है। इसके लिए शासन से 7 करोड़ 30 लाख 38 हजार रुपए स्वीकृत किए गए हैं। नगर पालिका अध्यक्ष हेमंत शर्मा एवं नगर पालिका अधिकारी राहुल शर्मा ने उक्त प्रोजेक्ट के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि ताप्ती जलमार्गों के माध्यम से घरों का गंदा पानी ताप्ती सरोवर में मिलता था, जो कि बड़ी समस्या थी। क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों से लगभग 570 घरों का गंदा पानी ताप्ती जल मार्गो से होता हुआ सरोवर में आता था। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से इस गंदे पानी को पाइप लाइन के माध्यम से अलग कर फिल्टर प्लांट के माध्यम से इस ट्रीटमेंट जल का उपयोग अन्य कार्यों के लिए किया जाएगा। इसके लिए संचालनालय नगरी प्रशासन एवं विकास मध्यप्रदेश शासन ने सीवर लाइन प्रोजेक्ट को तकनीकी एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दी है। मुलताई नगर पालिका शीघ्र ही टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर कार्य प्रारंभ करेगी। उल्लेखनीय है कि नागरिकों द्वारा लंबे समय से ताप्ती सरोवर को गंदे पानी से निजात दिलाने की मांग की जाती रही है। स्वीकृति मिलने के बाद यह माना जा रहा है कि अब शीघ्र ही जलमार्गों के निर्माण के लिए बनी योजनाओं को भी शीघ्र ही स्वीकृति मिल सकेगी।


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प्रदेश में ट्रस्ट के दुरुपयोग का सबसे बड़ा मामला.. स्टूडेंट्स से कैश में मिले Rs.20 करोड़, बताया 40 हजार लोगों ने दिया है दान

ग्रामीण मीडिया संवाददाता

 गुरुदत्त तिवारी | भोपाल 
स्टूडेंट्स से कैश में मिले Rs.20 करोड़, बताया 40 हजार लोगों ने दिया है दान 
ऐेसे पकड़ में आई गड़बड़ीसरनेम जोशी, लेकिन पूरे गांव में एक भी ब्राह्मण नहीं 

दो साल पहले सुरेश के. भदौरिया ने अपने ट्रस्ट के रिटर्न में 20 करोड़ रुपए का दान मिलना बताया था। विभाग को गफलत में डालने के लिए उसने 40 हजार दानदाताओं की लिस्ट भी सौंपी थी। दानदाताओं के गांव और शहर अलग-अलग थे। कई नाम तो ऐसे थे जो एक शहर या गांव में एक ही थे। विभाग ने इन दानदाताओं की और डिटेल देने को कहा- जैसे, दानदाताओं ने पैसा कैसे दिया बैंक से या चेक से? उनसे दान लेते वक्त उनका कोई पहचान पत्र लिया गया या नहीं? इन सवालों के जवाब में भदौरिया ने कुछ ही लोगों की जानकारी दी थी। जब विभाग का दवाब बढ़ा तो सारे दानदाताओं से दान नकद में मिलना बताया। प्रारंभिक जांच में सूची में दर्ज नाम शंका के घेरे में थे। इसके बाद विभाग ने रजिस्टर्ड डाक से 3,000 लोगों को समन भेजे।, लेकिन करीब 2900 पत्र वापस आ गए, क्योंकि उन पतों पर वह व्यक्ति मिला ही नहीं। सभी में एक ही रिमार्क था, पता गलत है। जिन 100 लोगों के पते सही थे, वे आयकर विभाग के दफ्तर पहुंचे और सबने एक ही बात कही कि उन्होंने एक रुपया भी भदौरिया के ट्रस्ट को दान नहीं दिया है। कुछ ने तो यह कहा कि वे केवल वहां इलाज कराने गए थे। इसके बाद विभाग ने सूची में शामिल 100 अलग-अलग गांव के लोगों की सूची बनाई और जांच के लिए अधिकारी वहां पहुंचे तो खुलासे और दिलचस्प थे। जिस दानदाता को देवास जिले के बागली का रहने वाला बताया गया, उस नाम या सरनेम का व्यक्ति ही पूरे गांव में कोई नहीं था। कुछ मामलों में गांव के सरपंच ने बताया कि जिस जोशी की आप तलाश कर रहे हैं, वह तो छोड़िए इस पूरे गांव में कोई ब्राह्मण ही नहीं रहता है। यह तो कास्तकारों का गांव है। सूची में कुछ ऐसे आदिवासी गांव भी हैं, जहां के किसी ठाकुर दानदाता से दान मिलने के प्रमाण भदौरिया ने विभाग को दिए थे। इस जांच से विभाग पूरी तरह से आश्वस्त हो गया कि यह पूरी सूची ही फर्जी है। इसके बाद यह भी पाया गया कि भदौरिया ने पिछले 10 साल में हर साल इसी तरह के दान मिलना बताए थे। 

सुरेश के. भदौरिया संचालक, इंडेक्स मेडिकल कॉलेज 
कैश में मिली फीस को सफेद करना था मकसद 
आयकर विभाग के जानकार कहते हैं कि आमतौर पर ज्यादातर ट्रस्ट अपने रिटर्न में घाटा होना शो करते हैं, लेकिन सुरेश भदौरिया को इंडेक्स के बाद देवास में दूसरा मेडिकल कॉलेज अमलतास का काम शुरू करना था। इसके लिए उन्हें अनाप-शनाप कैपिटेशन फीस के नाम पर कैश में मिले धन को सफेद करना था। इसलिए उन्होंने यह गड़बड़ी करना शुरू की। नतीजतन वे आयकर विभाग की नजरों में चढ़ गए। 

व्यापमं घोटाले में फरार चल रहे इंडेक्स कॉलेज के संचालक सुरेश के. भदौरिया ने ट्रस्ट बनाकर 20 करोड़ रुपए की काली कमाई को सफेद किया है। यह खुलासा हुआ है आयकर विभाग की दो साल चली जांच में। भदौरिया ने मेडिकल स्टूडेंट्स से कैश में मिली फीस को 40 हजार से ज्यादा लोगों द्वारा दान में मिलना बताया है, जबकि हकीकत यह है कि भदौरिया ने जिन 40 हजार लोगों को दानादाता बताया है, उनमें से ज्यादातर का या तो अस्तित्व ही नहीं है या फिर कुछ लोग वे हैं जो कभी उनके अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे थे। 

दानदाताओं की सूची में ज्यादातर दानदाता इंदौर, देवास, आष्टा, सीहोर और भोपाल जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से थे। इसे और जटिल बनाने के लिए कई गांव से एक ही दानदाता का नाम बताया गया। विभाग ने शंका के आधार पर 2016 में जांच शुरू की थी, जो ग्रुप पर छापे पड़ने के पहले तक चलती रही। इस दौरान भदौरिया ने देवास में भी एक मेडिकल कॉलेज शुरू कर दिया। इसमें निवेश के लिए उसने हर साल 20 करोड़ रुपए का डोनेशन इन दानदाताओं से मिलना बताया था। विभाग को आंशका है कि 10 साल की अवधि में भदौरिया ने करीब 100 करोड़ रुपए की छूट इन ट्रस्ट के जरिए ली। इसी जांच के निष्कर्ष के बाद ही आयकर विभाग ने मार्च में भदौरिया के ठिकानों पर छापे मारे थे। यह जांच आयकर विभाग की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। 
 आयकर विभाग की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।  विभाग को आशंका... 10 साल की अवधि में भदौरिया ने करीब Rs.100 करोड़ की छूट ट्रस्ट के जरिये ली है 

2 युवकों ने ऋण दिलाने के नाम पर किसान से Rs. 19 हजार ठगे

ग्रामीण मीडिया संवाददाता

ग्राम हरदौली काठी के आदिवासी किसान को निजी संस्था से ऋण दिलाने के नाम पर दो युवकों ने 19 हजार रुपए ठग लिए। दोनों युवकों ने किसान से खेती के दस्तावेज भी जमा करा लिए। ऋण नहीं मिलने पर अब दोनों युवक राशि और दस्तावेज नहीं लौटा रहे। 
बुधवार को किसान ने इस संबंध में थाने में आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की। किसान बस्तीराम उइके ने बताया 6 महीने पहले ग्राम लीलाझर के राजेश और नेहरू ने उसे दो लाख रुपए का ऋण दिलाने की बात कही। इसके लिए 19 हजार रुपए और खेत के दस्तावेज और आधार कार्ड मांगे। ऋण के लिए 19 हजार रुपए और सभी दस्तावेज राजेश और नेहरू को दे दिए। 
इसके बाद दोनों ने कोरे स्टांप पर हस्ताक्षर कराए और कहा जल्द ही ऋण स्वीकृत हो जाएगा। दो महीने में भी ऋण की राशि नहीं मिली तो उसने राजेश और नेहरू से संपर्क किया। राजेश और नेहरू से रुपए और दस्तावेज वापस मांगे तो गुमराह करने लगे। अब दोनों राशि और दस्तावेज लौटाने से मना करते हुए गाली-गलौज करते हैं। बस्तीराम ने आवेदन की जांच कर कार्रवाई की मांग की।

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प्राइवेट स्कूलों के लिए ये भी है नए अधिनियम में

ग्रामीण मीडिया संवाददाता

भोपाल। फीस-स्कूल ड्रेस व कॉपी-किताब के मामले में प्राइवेट स्कूल अब मनमानी नहीं कर सकेंगे। वे पांच साल तक न तो ड्रेस बदल सकेंगे न फीस के रूप में वसूल की जाने वाली राशि नकद ले सकेंगे। फीस जमा करने के लिए उन्हें पालकों को बैंक एकाउंट बताना होगा। नया शिक्षण सत्र प्रारंभ होने के 150 दिन पहले नए सत्र की फीस पोर्टल पर डालनी होगी। इसके साथ ही पिछले तीन साल के लाभ हानि की डिटेल भी शिक्षा अधिकारी को बतानी होगी। आपत्तियां उप सचिव स्कूल शिक्षा केके द्विवेदी को वल्लभ भवन या फिर ईमेल ds.school@mp.gov.in पर भेजी जाएंगी। इस पूरी कवायद को लेकर 26 जून को मप्र निजी विद्यालय फीस अधिनियम का नोटिफिकेशन हो चुका है। अधिनियम को अंतिम रूप देने से पहले एक महीने अर्थात 25 जुलाई तक दावे-आपत्ति भी मांगे गए हैं। इसके बाद नियमों को अंतिम कर दिया जाएगा।

पूरे प्रदेश में एक समस्या

- निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर पूरे प्रदेश के अभिभावक परेशान रहते हैं। 
- स्कूल संचालक हर साल ड्रेस में कुछ ना कुछ बदलाव कर देते हैं। 
- कभी फीस के नाम पर अभिभावकों को स्कूल संचालक परेशान करते हैं।
- स्कूल ड्रेस या कॉपी-किताब एक ही दुकान से खरीदने का दबाव रहता है।

हर सत्र में एक सी समस्या

- इस तरह की शिकायतें हर शिक्षण सत्र में आती हैं। 
- प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए ही अधिनियम बना है और अब नियम भी बन जाएंगे।
- इसके लिए पिछले छह साल से विभाग प्रयास कर रहा था।
- नए अधिनियम के तहत बने नियम शैक्षणिक सत्र 2018-19 से लागू होंगे।

प्राइवेट स्कूलों के लिए ये भी है नए अधिनियम में

पोर्टल पर फीस की संरचना प्रस्तुत नहीं करने पर लेट फीस के साथ 135 दिन में जानकारी देनी होगी। 
- जो स्कूल लाभ 10 फीसदी से कम बताकर फीस बढ़ाएंगे, जांच के लिए उनके दस्तावेज जब्त हो सकेंगे। 
- 10 फीसदी की वृद्धि तभी मंजूर होगी जब कोई शिकायत नहीं होगी, अंतिम निर्णय डीईओ लेंगे। 
- 10 से 15 फीसदी वृद्धि प्रस्तावित होने पर फीस वृद्धि पर निर्णय 45 दिन मे जिलास्तरीय समिति लेगी। 
- प्राइवेट स्कूल फीस की डिटेल वेबसाइट पर नहीं डालते पर उन्हें हिंदी-अंग्रेजी में यह बताना होगा। 
- कोई भी स्कूल छूट के नाम पर एक तिमाही से ज्यादा फीस एक साथ नहीं ले सकेगा। 
- स्कूल का नाम केवल ड्रेस पर होगा, एक दुकान से ड्रेस, स्टेशनरी खरीदने को विवश नहीं करेंगे। 
- किताबों की बिक्री के लिए स्कूल परिसर में सरकारी प्रकाशकों की छोटी दुकानें खुल सकेंगी। 
- जिला स्तर की समिति किसी भी स्कूल में जांच के लिए प्रवेश कर सकेगी। 
- मनमानी करने पर पहली बार दो लाख, दूसरी बार चार लाख तथा तीसरी बार छह लाख जुर्माना।
- जुर्माना न देने पर इसकी वसूली राजस्व अधिकारियों की मदद से कुर्की और नीलामी के माध्यम से। 
- ऑडिट होने या फिर शिकायत की जांच पूरी होने (अधिकतम 7 साल) तक रिकॉर्ड रखना होगा। 
- स्कूल की शिकायत पालक-छात्र ही कर सकेंगे, अखबार में छपी खबर भी अफसर संज्ञान में लेंगे।
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मुलताई के निजी स्कूल और सरकार मप्र निजी विद्यालय फीस अधिनियम 2018 को लेकर आमने सामने

ग्रामीण मीडिया संवाददाता 

जाने क्या है, मप्र निजी फीस अधिनियम  2018 मुलताई में प्राइवेट स्कूलों के संचालको का मत है की शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होगी सरकार ने इस लिए लाया ये अधिनियम 
भोपाल। फीस-स्कूल ड्रेस व कॉपी-किताब के मामले में प्राइवेट स्कूल अब मनमानी नहीं कर सकेंगे। वे पांच साल तक न तो ड्रेस बदल सकेंगे न फीस के रूप में वसूल की जाने वाली राशि नकद ले सकेंगे। फीस जमा करने के लिए उन्हें पालकों को बैंक एकाउंट बताना होगा। नया शिक्षण सत्र प्रारंभ होने के 150 दिन पहले नए सत्र की फीस पोर्टल पर डालनी होगी। इसके साथ ही पिछले तीन साल के लाभ हानि की डिटेल भी शिक्षा अधिकारी को बतानी होगी। आपत्तियां उप सचिव स्कूल शिक्षा केके द्विवेदी को वल्लभ भवन या फिर ईमेल ds.school@mp.gov.in पर भेजी जाएंगी। इस पूरी कवायद को लेकर 26 जून को मप्र निजी विद्यालय फीस अधिनियम का नोटिफिकेशन हो चुका है। अधिनियम को अंतिम रूप देने से पहले एक महीने अर्थात 25 जुलाई तक दावे-आपत्ति भी मांगे गए हैं। इसके बाद नियमों को अंतिम कर दिया जाएगा।

पूरे प्रदेश में एक समस्या

- निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर पूरे प्रदेश के अभिभावक परेशान रहते हैं। 
- स्कूल संचालक हर साल ड्रेस में कुछ ना कुछ बदलाव कर देते हैं। 
- कभी फीस के नाम पर अभिभावकों को स्कूल संचालक परेशान करते हैं।
- स्कूल ड्रेस या कॉपी-किताब एक ही दुकान से खरीदने का दबाव रहता है।

हर सत्र में एक सी समस्या

- इस तरह की शिकायतें हर शिक्षण सत्र में आती हैं। 
- प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए ही अधिनियम बना है और अब नियम भी बन जाएंगे।
- इसके लिए पिछले छह साल से विभाग प्रयास कर रहा था।
- नए अधिनियम के तहत बने नियम शैक्षणिक सत्र 2018-19 से लागू होंगे।

प्राइवेट स्कूलों के लिए ये भी है नए अधिनियम में

- पोर्टल पर फीस की संरचना प्रस्तुत नहीं करने पर लेट फीस के साथ 135 दिन में जानकारी देनी होगी। 
- जो स्कूल लाभ 10 फीसदी से कम बताकर फीस बढ़ाएंगे, जांच के लिए उनके दस्तावेज जब्त हो सकेंगे। 
- 10 फीसदी की वृद्धि तभी मंजूर होगी जब कोई शिकायत नहीं होगी, अंतिम निर्णय डीईओ लेंगे। 
- 10 से 15 फीसदी वृद्धि प्रस्तावित होने पर फीस वृद्धि पर निर्णय 45 दिन मे जिलास्तरीय समिति लेगी। 
- प्राइवेट स्कूल फीस की डिटेल वेबसाइट पर नहीं डालते पर उन्हें हिंदी-अंग्रेजी में यह बताना होगा। 
- कोई भी स्कूल छूट के नाम पर एक तिमाही से ज्यादा फीस एक साथ नहीं ले सकेगा। 
- स्कूल का नाम केवल ड्रेस पर होगा, एक दुकान से ड्रेस, स्टेशनरी खरीदने को विवश नहीं करेंगे। 
- किताबों की बिक्री के लिए स्कूल परिसर में सरकारी प्रकाशकों की छोटी दुकानें खुल सकेंगी। 
- जिला स्तर की समिति किसी भी स्कूल में जांच के लिए प्रवेश कर सकेगी। 
- मनमानी करने पर पहली बार दो लाख, दूसरी बार चार लाख तथा तीसरी बार छह लाख जुर्माना।
- जुर्माना न देने पर इसकी वसूली राजस्व अधिकारियों की मदद से कुर्की और नीलामी के माध्यम से। 
- ऑडिट होने या फिर शिकायत की जांच पूरी होने (अधिकतम 7 साल) तक रिकॉर्ड रखना होगा। 
- स्कूल की शिकायत पालक-छात्र ही कर सकेंगे, अखबार में छपी खबर भी अफसर संज्ञान में लेंगे।
उपरोक्त अधिनियम के खिलाफ मुलताई के 38 स्कूलों के संचालको ने विरोध ज्ञापन दिया। 
निजी स्कूल संचालक बोले: फीस अधिनियम शिक्षा की गुणवत्ता के लिए खतरनाक 

नगर के निजी स्कूल संचालकों ने विद्यालय की फीस के संबंध में बनाए अधिनियम पर आपत्ति जताते हुए बुधवार को एसडीएम को ज्ञापन दिया। संचालक नवीन ओमकार, अनीश नायर, राजू भादे, देवेंद्र शर्मा, कुलदीप राठौर आदि ने बताया निजी विद्यालयों की फीस नियंत्रण के संबंध में बनाए गए फीस अधिनियम 2017-18 के प्रावधान शिक्षा की गुणवत्ता और बेहतरी के लिए खतरनाक है। इसमें संशोधन किया जाना चाहिए। स्कूल संचालकों के साथ विचार-विमर्श कर नए नियम बनाया जाना चाहिए। आरटीई के तहत पढ़ने वाले विद्यार्थियों की फीस का समय पर भुगतान नहीं होने से स्कूलों की माली हालत खराब हो रही है। संबद्धता शुल्क के कारण पोर्टल बंद कर दिए हैं उसे दोबारा शुरू कर छह महीने का समय दिया जाना चाहिए। प्रतिस्पर्धा के दौर में स्कूलों को अपनी गुणवत्ता और सुविधा के आधार पर फीस तय करने का अधिकार दिया जाना चाहिए। निजी स्कूल संचालकों ने समस्याओं पर गंभीरता से विचार कर राहत देने की मांग की। निजी स्कूल संचालक एसडीएम को ज्ञापन सौंपते हुए।
आम पालक अपने विचार रखे सरकार या निजी स्कूल में से कौन सही या गलत 


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