ग्रामीण मीडिया संवाददाता
सुने, परेशान वाहन स्वामी की गाथा। मोटर व्हीकल एक्ट 1867 के अनुसार मध्यप्रदेश का RTO कार्यलय काम करता है। समय-समय पर विधान सभा में जनहित और लोकहित में इसमें नियनुसार संशोधन होते है। अधिकारी इन को तरोड मरोड़ करके अपने स्वविवेक से उनके अर्थ का अनर्थ करके तुगली फरमान जारी करते है। जिससे की वाहन मालिको को आर्थिक और मानसिक कष्ट की आड़ में परेशान होते है। इस परेशानी से बचने के लिये देना होता है, सेवा शुल्क। सुने मुलताई के एक वाहन स्वामी की परेशानी।
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