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सोमवार, 21 जनवरी 2019

मुलताई चारा संकट को देखते हुए, चारा परिवहन पर सीमा बंधी करे,

ग्रामीण मीडिया संवाददाता म. प्र.  चारा नियंत्रण अधिनियम २००२ लागू करे



इस साल बरसात कम होने से जिले को शासनस्तर से  जल संकट क्षेत्र घोषित किया गया है।  मध्य प्रदेश पेयजल संकट अधिनियम लागू है. जिसके कारण मुलताई तहसील में सिचाई के जलाशयों से सिचाई पर प्रतिबंध रहने से गेहू का रकबा कम हो गया है।  जिसका सीधा असर गेहू  भूसे पशुचारे पड़ा पड़ा है। मुलताई क्षेत्र में दूध ही मुख्य रोजगार है। जलसंकट के कारण इस साल पानी और चारे का घोर संकट है। 
उक्त हालत के कारण पशुओं के चारे के जिले के भार परिवहन पर शासन स्तर तत्काल प्रभाव से रोक लगाना चाहिए। मुलताई से हर दिन बड़े पैमाने पर भूसा,मक्का की कड़वी,सोयाबीन का कुटार (भूसा) सीमावर्ती प्रदेश महाराष्ट्र जा रहा है। शासन का इस  ओर ध्यान नहीं है।  इस साल पानी और भूसे का घोर संकट का साल है।  ग्रामीण मीडिया मांग करता है की  जनहित में  प्रशासन चारा अधिनियम 2002 लागू करे.  मुलताई से रोज बड़े पैमाने पर परिवहन जारी है।  
 www.graminmedia.com

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