ग्रामीण मीडिया संवाददाता । ब्यूरो बैतूल
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प्राइवेट स्कूलों में वसूली जा रही जरूरत से ज्यादा फीस और पुस्तकों के लिए वसूले जा रहे बेतहाशा शुल्क के विरोध मे जागरूक वकीलों की ओर से दर्ज करवाए विरोध को देखते हुए शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को बैठक का आयोजन किया। 150 से अधिक स्कूल संचालकों की मौजूदगी में एक घंटा की देरी से दोपहर 3 बजे यह बैठक शुरू हुई।
जिला शिक्षा अधिकारी लखनलाल सोनारिया ने स्कूल संचालकों को सख्त लहजे में आदेश दिए कि पुस्तक और यूनिफार्म के लिए वे किसी विशेष दुकान या दुकानदार को अधिकृत और अनिवार्य नहीं करें। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय और बुक डिपो को स्कूली छात्रों को लगने वाली पुस्तकों की लिस्ट दें। ये बताएं कि ये किताबें अगले शिक्षण सत्र में लगेंगी। व्यक्ति विशेष को फायदा पहुंचाने का प्रयास नहीं करें। स्कूल संचालक जल्दी-जल्दी किताबें नहीं बदलें। इससे एक ही परिवार के बच्चों का खर्च बढ़ जाएगा। उन्होंने पाठ्यपुस्तक निगम की किताबें और सीबीएसई पाठ्यक्रम से संचालित स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें ही पढ़ाने के लिए कहा। यूनिफार्म बदलने के पहले स्कूल संचालकों को 6 महीने पहले इसकी सूचना पालकों और जिला शिक्षा अधिकारी को देनी होगी।
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