ग्रामीण मीडिया संवाददाता ।
सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 में एक लंबे संघर्ष के बाद भारत देश मे लागू हुआ। भ्रष्ट्राचार खत्म करना और पारदर्शी शासन व्यवस्था के लिये। देश मे लागू हुआ है।
सूचना लेना आम आदमी का संवैधानिक अधिकार है। काफी हद तक इस कानून से सुधार भी हुआ।
मुलताई शासकीय अस्पताल में प्रभु सुनारे पत्रकार ने अस्पताल के भष्ट्राचार पर नियंत्रण के लिये जानकारी मांगी तो पहले 200 ऱु की जानकारी के बदले 4 हजार का डिमांड नोटिश दिया। अपील की तो लोक सूचना अधिकारी ने अपमानित किया। पत्रकार ने इस लोक सूचना अधिकारी की मुलताई थाने में शिकायत की। गौरतलब हो कि इससे पूर्व आमला में सरकारी अस्पताल में एक डॉक्टर ने बड़ा घोटाला किया था। जेल की हवा खाई। सूचना मांगने वाले का आरोप है कि इस अस्पताल में भी बड़ी गड़बड़ से इनकार नही किया जा सकता है। इसी कारण ये हरकत हो रही है। शासन जांच करे।
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