- मूर्तिकारों के पास सार्वजनिक मंडलों से कम आ रही बुकिंग, जो आ रहे उन्हें भी करना पड़ रहा वापस
- बड़ी प्रतिमाएं नहीं बनने से मूर्तिकारों काे हाेगा नुकसान
कोरोना महामारी का असर आने वाले गणेशोत्सव पर भी दिखेगा। मूर्तिकारों काे इस साल भारी नुकसान हाेने का अनुमान है। अगस्त में हाेने वाले गणेशोत्सव को लेकर मूर्तिकारों ने प्रतिमा निर्माण तो करना शुरू कर दिया है, लेकिन वे तीन फीट से अधिक की प्रतिमाओं का निर्माण नहीं कर रहे हैं। मूर्तिकारों के पास सार्वजनिक गणेश प्रतिमाओं के ऑर्डर कम आ रहे हैं और जो आ रहे हैं, उन्हें वे लाैटा रहे हैं। गणेशोत्सव को लेकर जिला प्रशासन ने अभी तक काेई आदेश जारी नहीं किए हैं लेकिन दाे दिन पहले प्रदेश स्तर पर आदेश जारी हुए हैं कि इस साल सार्वजनिक पंडाल नहीं लगेंगे। बड़ी मूर्तियों की स्थापना भी नहीं होगी।
22 अगस्त को शुरू हाे रहे गणेशोत्सव को लेकर जिला प्रशासन ने अभी तक गाइड लाइन जारी नहीं की है। इस कारण मूर्तिकार सबसे ज्यादा परेशान हैं। संक्रमण काे देखते हुए प्रदेश के गृहमंत्री ने 13 जुलाई काे सख्ती के साथ नई गाइडलाइन जारी करने काे कहा। इसके आनुसार इस बार गणेश, दुर्गा उत्सव, ताजियों के बड़े सार्वजनिक पंडाल नहीं लगेंगे। छोटी प्रतिमाएं स्थापित की जा सकेंगी।
मूर्ति की मिट्टी के दाम बढ़े, कलर भी हो गए महंगे
शहर के समीप सोनाघाटी क्षेत्र की मिट्टी से जिले में गणेश प्रतिमा बनाई जाती हैं। इस बार मिट्टी के दाम बढ़ गए हैं। पहले 1 हजार रुपए में एक ट्रॉली मिट्टी मिल जाती थी। इस बार 2 हजार से अधिक में मिल रही है। इसके कारण मूर्तिकार परेशान हैं। उनका कहना है कि यदि बड़ी मूर्ति बनाते हैं और वह बाद मे बिकी नहीं तो तगड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा, वहीं कलर भी महंगे हो गए हैं। इससे मूर्तिकार कम संख्या में ही प्रतिमा का निर्माण कर रहे हैं।
छोटी प्रतिमाओं का भी कम संख्या में कर रहे निर्माण
मूर्तिकार ललित प्रजापति ने बताया हर साल की अपेक्षा इस बार धंधा मंदा ही रहेगा। हर साल 50 से 100 प्रतिमा का निर्माण करते थे। इस बार कोरोना के चलते कम संख्या में छोटी प्रतिमाएं बनाई जा रही है। उन्होंने बताया इस बार करीब 50 छोटी प्रतिमाएं बनाई जा रही है। इस बार मिट्टी सहित अन्य मटेरियल भी महंगा होने के कारण कम ही प्रतिमा बना रहे हैं ताकि नुकसान ना उठाना पड़ जाए।
छोटी प्रतिमाओं का भी कम संख्या में कर रहे निर्माण
मूर्तिकार सुनील प्रजापति ने बताया कि हर साल 20 से 25 बड़ी प्रतिमा तथा करीब 100 से अधिक छोटी प्रतिमाओं का निर्माण करते हैं। जुलाई माह से ही हर साल प्रतिमा बनाने के आर्डर भी आना शुरू हो जाते हैं। इस बार प्रतिमा बनाने के ऑर्डर कम आ रहे हैं, लेकिन अभी उन्हें भी वापस लौटाना पड़ रहा है। क्योंकि अभी जिला प्रशासन द्वारा गणेशोत्सव को लेकर कोई निर्देश जारी नहीं किए हैं। लेकिन प्रदेश स्तर दाे दिन पहले जारी एक खबर के अनुसार इस साल सार्वजनिक पंडाल और बड़ी प्रतिमा स्थापित नहीं की जाएंगी। इस कारण हम कलाकारों काे नुकसान होगा। इस कारण बड़ी प्रतिमा बनाने के आर्डर वापस लौटा रहे हैं।
शहर में करीब 150 जगह होती है सार्वजनिक स्थापना
शहर में करीब 150 जगहों पर सार्वजनिक गणेश मंडलों द्वारा प्रतिमाओं की स्थापना की जाती है। मंडल के सदस्यों द्वारा भी असमंजस बना हुआ है, कि किस तरह की गाइड लाइन तय की जाएगी। इस कारण वे भी प्रतिमा बनाने का ऑर्डर देने में कतरा रहे हैं।
अभी किसी भी तरह के आदेश नहीं आए हैं
गणेशोत्सव को लेकर अभी तक कोई आदेश नहीं आए हैं। प्रतिमा निर्माण को लेकर भी कोई गाइड लाइन नहीं आई है। आदेश आने पर सभी काे अवगत करा देंगे। -राजीव रंजन पांडे, एसडीएम, बैतूल
आदेश आने पर सूचना जारी कर देंगे
गणेशोत्सव और प्रतिमा निर्माण को लेकर कोई गाइड लाइन नहीं आई है। इसीलिए अभी तक कोई निर्देश जारी नहीं किए है। आदेश आने पर सूचना जारी की जाएगी। -नीरज धुर्वे, एई, नगरपालिका
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