- ग्रामीण मीडिया संवाददाता ।
- सुसाइड नोट में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता निशा ने अपनी मौत के लिए चिचौली निवासी अनूप को जिम्मेदार ठहराया है
- 41 हजार रुपए वापस न करने के बदले, उसके साथ जबरदस्ती की गई और वीडियो वायरल करने की धमकी दी गई
मैं बहुत बड़ी मुसीबत में फंस चुकी हूं पापा, आपको बताने की हिमत नहीं हो रही है... ना मुंह दिखाने लायक रही और न ही छुपाने...मैंने ऐसा काम किया है। यह आखिरी बातें एक बेटी ने अपने पिता के नाम लिखकर जीवन का अंत कर लिया। मामला जिले के मोहदा थाना क्षेत्र के ग्राम गवाड़ीढाना का है, जहां एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने आर्थिक, शारीरिक और मानसिक प्रताडऩा से तंग आकर जान दे दी।
गवाड़ीढाना में पदस्थ 35 साल की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता निशा पति नंदू वटके ने दवाइयों का ओवर डोज खाकर जान देने का प्रयास किया। गंभीर हालत में निशा को बैतूल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, यहां हालत नियंत्रण में न आने पर परिजनों ने उसे जिला मुख्यालय के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान निशा ने दम तोड़ दिया। कोतवाली पुलिस को निजी अस्पताल से तहरीर मिलने के बाद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का सोमवार को पोस्टमार्टम कराया है।
रुपए नहीं देने के बदले प्रताड़ित किया जा रहा था
जांच के दौरान जो तथ्य सामने आए हैं, उसमें चौकाने वाला खुलासा हुआ है। युवती शारीरिक, आर्थिक एवं मानसिक रूप से प्रताडि़त की जा रही थी। जिसके लिए उसने सुसाइड नोट में चिचोली निवासी अनूप को दोषी ठहराया है। 41 हजार वापस न करने पर बदनाम करने की धमकी दी जा रही थी।
सुसाइड नोट में आत्महत्या के लिए अनूप नामक व्यक्ति को दोषी बताया
मृतक निशा ने अपने पिता के नाम लिखे आखिरी पत्र में इस बात का उल्लेख किया है कि उसके अवैध संबंधों की जानकारी उसकी चाची को है, जिस व्यक्ति के साथ अवैध संबंध थे उसी के पास निशा का मोबाइल है, उसमें गलत रिकार्डिंग है, जिसे वाट्सएप, फेसबुक पर डालकर बदनाम करने की धमकी दी जा रही थी। निशा ने सुसाइड नोट में लिखा है कि उसने 41 हजार रुपए उधार लिए थे, जिसमें से उसकी चाची ने 15 हजार रुपए लिए और बाकी राशि में उसने जेवर खरीदे। जेवर भी उसने वापस कर दिए।
अनूप द्वारा उसकी रिकार्डिंग फेसबुक और वाट्सएप पर डाली जा रही है। निशा ने लिखा है कि वह अनूप का कुछ नहीं कर पाएगी.. उसकी मौत का जिम्मेदार चिचोली निवासी अनूप रहेगा। निशा ने गुड बाय फैमिली लिखकर दवाइयों का ओवर डोज खा लिया। पड़ताल के दौरान पुलिस को सुसाइड नोट मिला है।
थम नहीं रहा आत्महत्या का सिलसिला
जिले में डिप्रेशन, प्रताड़ऩा, ब्लैकमेलिंग और विवादों के कारण आत्महत्या का सिलसिला रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। एसपी सिमाला प्रसाद द्वारा जिले में आत्महत्या के बढ़ते ग्राफ को कम करने की मंशा से आसपास एक समाधान सेवा भी शुरु की गई है। पुलिस महकमा इस योजना के तहत जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर आम लोगों तक पहुंचाने के प्रयास कर रहा है। अगर यदि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पुलिस की हेल्प लाइन का उपयोग कर लेती तो मुश्किल के अलावा जान गंवाने से बच जाती।
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