छिंदवाड़ा यूनिवर्सिटी बदलने की मांग को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सोमवार को जिला मुख्यालय पर कलेक्टोरेट कार्यालय का घेराव करेगी। जिले भर से घेराव में 200 से 300 छात्र-छात्राएं मौजूद रहेंगे। इसके बाद 15 अक्टूबर को जिले के कॉलेजों में तालाबंदी करेगी। अभाविप द्वारा छिंदवाड़ा यूनिवर्सिटी की जगह बैतूल में विश्वविद्यालय केंद्र या नर्मदापुरम संभाग में यूनिवर्सिटी बनाने की मांग पर अड़ी है। प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार आते ही छिंदवाड़ा में नई यूनिवर्सिटी बनाकर बैतूल जिले के कॉलेजों को उसमें जोड़ा दिया गया। सरकार बदलते ही अभाविप ने यूनिवर्सिटी बदलकर बरकतउल्ला करने की मांग उठाई। अभाविप के पदाधिकारियों का कहना है छिंदवाड़ा यूनिवर्सिटी छात्र हित के लिए उचित नहीं है। इसके लिए 6 अक्टूबर से अभाविप ने 4 चरणों में आंदोलन शुरू किया। 6 को जिले की 6 इकाइयों ने प्राचार्य को ज्ञापन दिया। 9 अक्टूबर को एसडीओपी, एसडीएम को ज्ञापन दिया। इसके बाद भी यूनिवर्सिटी बदलने को लेकर सरकार द्वारा कोई विचार नहीं करने पर अभाविप ने बड़े आंदोलन की तैयारी की है। अभाविप के विभाग संयोजक विनायक दुबे और जिला संयोजक नीलेश गिरी गोस्वामी ने बताया इस मांग को लेकर सोमवार 12 अक्टूबर को जिला मुख्यालय पर जिले भर के छात्र-छात्राओंे द्वारा शहर में रैली निकालकर कलेक्टोरेट कार्यालय का घेराव कर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन दिया जाएगा। इसके बाद 15 अक्टूबर को जिले के कॉलेजों में पहुंचकर अभाविप कार्यकर्ताओं द्वारा तालाबंदी की जाएगी। फीस भी वसूली जा रही अधिक: अभाविप के विभाग संयोजक विनायक दुबे ने बताया छिंदवाड़ा यूनिवर्सिटी द्वारा छात्रों से फीस भी अधिक ली जा रही है। ऐटीकेटी का शुल्क बीयू में 800 रुपए लिया जाता है, वहीं छिंदवाड़ा यूनिवर्सिटी में 1010 रुपए लिया जाता है। वहीं लेट फीस बीयू में 300 रुपए है, ताे छिंदवाड़ा यूनिवर्सिटी में 2000 हजार रुपए है।
इसीलिए बदलना चाहते हैं यूनिवर्सिटी
- छिंदवाड़ा जाने के लिए बस और ट्रेनों की उचित व्यवस्था नहीं होना।
- छिंदवाड़ा यूनिवर्सिटी में अधिक शुल्क लिया जाना।
- आदिवासी जिले में छात्र-छात्राओं की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं है, जो अधिक शुल्क दे सकें।
- छात्रों की समस्या के लिए हेल्प लाइन नंबर का नहीं होना।
- 2019 में जिले से भेदभाव करते हुए परीक्षा परिणाम भी 70 प्रतिशत से अधिक नहीं दिया।
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