आश्रम शाला और कन्या शिक्षा परिसर में एमडीएम पुनः प्रारंभ करने की मांग को लेकर गुरुवार को स्व सहायता समूह की महिलाएं लंगड़ाकर कलेक्टोरेट पहुंची। महिलाओं ने एक पैर से लंगड़ाकर खुद को बेरोजगारी के कारण विकलांग बताकर रोजगार दिलाने की मांग की। दरअसल आश्रम शाला और कन्या शिक्षा परिसर में मध्यान्ह भोजन बंद होने से समूह की महिलाएं बेरोजगार हो गई हैं। यहां पुनः एमडीएम शुरू करवाने की मांग करने महिलाएं कलेक्टोरेट पहुंची। संघ के प्रांताध्यक्ष राजेंद्र सिंह चौहान ने बताया 1 जनवरी 2020 से कन्या शिक्षा परिसर एवं आश्रम शाला में संचालित मध्यान्ह भोजन तात्कालिक मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बंद करवा दिया है। जिले की आश्रम शालाओं और कन्या परिसरों में भोजन बना रही महिलाओं को प्रति माह दो हजार रुपए का मानदेय दिया जाना था। लेकिन पिछले जनवरी से इनकी सेवाएं लेना बंद कर दी। यही नहीं कोविड के कारण भी बंद हुए आश्रमों के कारण उनका रोजगार छिन गया है। ऐसे में उनके सामने परिवार के पालन पोषण की समस्या खड़ी हो गई है। इस अवसर पर फरजाना पठान, संगीता बघेल, प्रीति सरनेकर, हेमलता लोखंडे, रिन्दों बाई, गीता गुजरे, प्रमीला परते, बेबी गुल्हारे, ललिता कनाठे, मीता गीद, लल्ली हारोड़े, ममता ठाकुर, प्रमिला लोखंडे, बाया लिखितकर, चन्द्रभागा दाभड़े, मंजू सिवनकर आदि मौजूद थे।
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