ग्रामीण मीडिया संवाददाता ।
बैतूल, 03 अक्टूबर 2020
कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रमुख डॉ. व्ही.के. वर्मा ने बताया कि केन्द्र में इन दिनों बकरियों की उन्नत नस्ल ‘‘सिरोही’’ जिले में बकरियों की नस्ल सुधार कार्यक्रम हेतु लाई गई है। इस नस्ल की विशेषता यह है कि यह द्वि-उद्देश्यीय नस्ल है। इसकी नस्ल की बकरियां 1-1.5 लीटर दूध प्रतिदिन तो देती ही है, साथ ही इसका वजन काफी होता है। अत: यह नस्ल दूध एवं मांस दोनों के लिए उपयोगी है। यह नस्ल राजस्थान सिरोही जिले की होने की वजह से यह नाम रखा गया है। यह नस्ल दिखने में काफी सुंदर होती है। मुख्यत: यह हिरण के समान चितकबरी होती है। दूसरा यह कि इस नस्ल का एक वर्ष में ही 100 किलो से अधिक वजन का हो जाता है। इस नस्ल की बकरियां साल में दो से तीन बच्चें जनती हैं।
डॉ. वर्मा ने बताया कि पूर्व में जिले के किसानों को इस नस्ल की बकरियों को लेने के लिए कीरतपुर जाना पड़ता था, लेकिन अब कृषि विज्ञान केन्द्र बैतूल में अगले वर्ष तक यहां के किसानों को उपलब्धता आरंभ हो जाएगी। साथ ही नस्ल सुधार हेतु जो किसान अपनी बकरियों को सिरोही नस्ल के बकरे से क्रास (प्रजनन) करवाना चाहते हैं, यह सुविधा भी केन्द्र आने वाले समय में आरंभ कर देगा।
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