ग्रामीण मीडिया संवाददाता । चिचोली
एक मानसिक दिव्यांग नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट ने अंतिम सांस तक जेल की सजा सुनाई है। आरोपी के अपराधी होने की पुष्टि करने के लिए डीएनए टेस्ट की अहम भूमिका रही। घटना के बाद पीड़िता के कपड़ों लिए गए सैंपल और आरोपी के ब्लड के सैंपल दोनों मैच हो गए इस डीएनए रिपोर्ट ने आरोपी को सींखचों के पीछे पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।
वरिष्ठ एडीपीओ अमित राय ने बताया कि 26 जून 2018 को पीड़िता की मां ने चिचोली थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत में उसने बताया था कि 12 साल की बालिका शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग है। इसका फायदा उठाकर आरोपी राकेश सूर्यवंशी जून 2018 में उसे अपने साथ नाले के पास ले गया, यहां उसने बालिका के साथ दुष्कर्म किया। जहां पर उसे गांव की एक महिला ने दुष्कर्म करते हुए देख लिया और बालिका की मां को घटना के बारे में बताया थ। इसके बाद पीड़िता की मां ने इस घटना की शिकायत चिचोली थाने में दर्ज करवाई थी।
चिचोली थाना में एफआईआर के बाद मामला विशेष न्यायालय में चल रहा था। विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट ने आरोपी राजेश सूर्यवंशी को शेष बचे हुए प्राकृत जीवन के कारावास और 3 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया। मप्र शासन की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी, विशेष लोक अभियोजक एसपी वर्मा और विशेष लोक अभियोजक एसपी वर्मा ने पैरवी की। पैरवी में वरिष्ठ एडीपीओ अमित राय और वंदना शिवहरे ने सहयोग किया।
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