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गुरुवार, 14 दिसंबर 2017

बहुचर्चित रेल्वे क्लर्क हत्याकांड में जीजा साले को आजीवन कारावास

ग्रामीण मीडिया सेण्टर|  मूलताई


रेल्वे के बुकिँग क्लर्क की चाकू से गोदकर हत्या करने वाले जीजा साले को दोषी ठहराते हुए अपर सेशन जज एमएस तोमर ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
सरकारी वकील भोजराज सिंह रघुवंशी ने बताया 14 जून 2012 को गोविन्द कालोनी निवासी जितेन्द्र पवार के घर पर रेल्वे कालोनी निवासी अमर आया और बोला जीजा सोनू भोगले बुला रहा है।जितेन्द्र ने जाने से मना किया तो अमर जितेन्द्र को घर से जबरन ले गया। जितेन्द्र के छोटे भाई भूपेन्द्र ने रेस्ट हाउस के सामने से सोनू अमर और दीपक को जितेन्द्र को ले जाते देखा। तीनो जितेन्द्र को आमला के लोको शेड में ले गए और गर्दन पेट मे चाकू मारकर हत्या कर दी।
जितेन्द्र की बहन आरती की शिकायत पर आमला पुलिस ने सोनू पिता अशोक भोगले ताप्ती वार्ड मुलताई अमर पिता संतोष रेल्वे कालोनी आमला दीपक पिता सदवीर टडन केम्प आमला के खिलाफ केस दर्ज कर कोर्ट मे पेश किया।
कोर्ट मे आरती ने बताया उसका भाई जितेन्द्र पादुरना रेल्वे स्टेशन पर बुकिँग क्लर्क बतौर पदस्थ था। घटना के पूर्व जितेन्द्र मुलताई रेल्वे स्टेशन पर बुकिँग क्लर्क था और सोनू की पत्नी जो की वर्तमान में मुलताई में पदस्त है, के साथ काम कर चुका था। सोनू अपनी पत्नी के जितेन्द्र के साथ अवेध संबन्ध को लेकर शक करता था।
अपर सेशन जज एमएस तोमर ने सुनवाई के बाद आरोपी दीपक को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। आरोपी सोनू और अमर को दोषी ठहराते हुए (धारा 302) हत्या के आरोप मे आजीवन कारावास की सजा 25- 25 हजार रुपए का जुर्माना (धारा 364) अपहरन के आरोप मे भी आजीवन कारावास की सजा 10 हजार रुपए का जुर्माने की सजा सुनाई है।

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