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बुधवार, 3 जनवरी 2018

साहब मक्का बोई थी पर सोयाबीन उग आई, अब आप ही खरीद लीजिये

ग्रामीण मीडिया सेण्टर| मुलताई 


आपको समाचार की हैडिंग पढ़कर अचरज जरूर हुआ होगा परन्तु बिलकुल सही है किसान ने मक्का बोई परन्तु पंजीयन सोयाबीन का कर दिया| इस तरीके से दस्तावेजों में मक्का बोई और सोयाबीन बन गई|  ऐसे में किसान का रजिस्ट्रेशन के हिसाब से किसान ने मक्का बोई और सोयाबीन में बदल गई| 

महतपुर के किसान ने तहसीलदार को दिया आवेदन

साहब, मैंने अपने पूरे 9 एकड़ खेत में मक्का बोई थी। सोयाबीन का एक दाना भी नहीं बोया था। भावांतर योजना के तहत मक्का बेचने के लिए सहकारी समिति महतपुर में पंजीयन भी कराया। पंजीयन के समय सोयाबीन की फसल का उल्लेख भी नहीं किया गया। जबकि पंजीयन करने वाले कर्मचारी ने मक्का के स्थान पर सोयाबीन की फसल का पंजीयन कर दिया। अब मक्का किसके पास बेचने जाऊं। आप ही समर्थन मूल्य पर 150 क्विंटल मक्का खरीदो। यह बात महतपुर के किसान सुदामा रघुवंशी ने तहसीलदार राकेश शुक्ला से कही। सुदामा रघुवंशी ने कहा पंजीयन करने वाले कर्मचारी की लापरवाही का खामियाजा उसे उठाना पड़ रहा है। मक्का का समर्थन मूल्य 1425 रुपए प्रतिक्विंटल है। व्यापारी औने-पौने दाम पर मक्का खरीद रहे हैं। जिससे उसे 40 से 45 हजार रुपए का नुकसान उठाना पड़ेगा। किसान ने उसे भावांतर योजना का लाभ देते हुए मक्का की खरीदी करने की मांग की। तहसीलदार ने शिकायत की जांच करने का आश्वासन दिया। 


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