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शनिवार, 30 दिसंबर 2017

उद्यानिकी फसलों हेतु बीमा कराने की अंतिम तिथि 15 जनवरी

ग्रामीण मीडिया सेण्टर| बैतूल, जनसम्पर्क 



रबी वर्ष 2017 के लिए उद्यानिकी फसलों जैसे सब्जी, फल, मसाले इत्यादि का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत मौसम आधारित फसल बीमा कराने की अंतिम तिथि 15 जनवरी 2018 निर्धारित की गई है। अऋणी कृषकों को यह बीमा कराने के लिए पटवारी/सरपंच/सचिव द्वारा चालू वर्ष को बोवनी प्रमाण पत्र, खसरा/पट्टा की फोटो कॉपी, बैंक पासबुक की फोटो कॉपी एवं आधार कार्ड की फोटो कॉपी प्रस्तुत करना होगी। 
उपसंचालक उद्यान डॉ. आशा उपवंशी ने बताया कि जिले में रबी मौसम में बीमा हेतु टमाटर, बैंगन, फूलगोभी, पत्तागोभी, प्याज, लहसुन, धनिया, आलू, हरी मटर एवं आम की फसलों को अधिसूचित किया गया है। इसी तरह ओलावृष्टि हेतु संतरा, मिर्च, टमाटर, बैंगन, फूलगोभी, पत्तागोभी, हरी मटर, धनिया एवं आम की फसलें अधिसूचित हैं। 
डॉ. उपवंशी ने बताया कि उद्यानिकी फसलों हेतु कृषक मौसम आधारित फसल बीमा योजना के माध्यम से उद्यानिकी की फसलों जैसे-सब्जी, फल, मसालों आदि का भी बीमा कराकर विपरीत मौसम में फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई कर सकते हैं। उपरोक्त योजना के तहत जिले में स्थापित 51 मौसम केन्द्रों से प्राप्त विभिन्न मौसम के आंकड़ों के आधार पर बीमा दावा का भुगतान किया जाता है। दावा भुगतान हेतु किसानों के खेत के सर्वे की आवश्यकता नहीं होती है। अधिसूचित फसल हेतु निर्धारित मानक मौसम के आंकड़ों (कम तापमान, अधिक तापमान, बेमौसम वर्षा, वायु गति, बीमारी अनुकूल मौसम एवं कीट अनुकूल मौसम) से कम या ज्यादा आंकड़े प्राप्त होने पर दावा का भुगतान किया जाता है।
जिले में योजना के क्रियान्वयन हेतु बीमा कंपनी एचडीएफसी ईआरजीओ जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड अधिसूचित है। प्रीमियम राशि बीमित राशि का 5 प्रतिशत् कृषक द्वारा देय होगा। बीमा कराये जाने हेतु न्यूनतम व अधिकतम रकबे की कोई बाध्यता नहीं है। किसान द्वारा बोये गये रकबे के अनुपात में प्रीमियम राशि देय होगी।

बीमा कराए जाने की प्रक्रिया व प्रीमियम की राशि का भुगतान

कृषक द्वारा उद्यानिकी फसलों का बीमा 15 जनवरी 2018 से पूर्व जिस बैंक में उसका खाता संचालित है, उस बैंक के माध्यम से अथवा सीएससी (ग्राहक सुविधा केन्द्र) से कराया जा सकता है। प्रीमियम राशि का भुगतान बैंक द्वारा आरटीजीएस/एनईएफटी के माध्यम से एचडीएफसी ईआरजीओ जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को या सीएससी सेंटर पर नगर जमा कर रसीद कर प्राप्त करना होगा। बीमा प्रस्ताव एवं बैंक खाते में किसान का नाम एक जैसा होना चाहिए। साथ ही बैंक खाता सक्रिय (चालू) रहना चाहिए।

दावों का भुगतान
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इस योजना में दावों के पात्र कृषकों को भुगतान उन्हीं बैंकों के माध्यम से प्राप्त होगा, जिन बैंकों के माध्यम से उनके प्रकरण तैयार किए गए हैं। कृषकों को दावा राशि का भुगतान संबंधित बीमा कंपनी द्वारा मौसम केन्द्र से कम तापमान, अधिक तापमान, बेमौसम वर्षा, वायु गति, बीमारी अनुकूल मौसम एवं कीट अनुकूल मौसम के आंकड़े प्राप्त होने पर किया जाएगा। विगत वर्ष खरीफ-2016 में जिले में बीमा कंपनी द्वारा 481 कृषकों के 200.79 हेक्टर हेतु 43.36 लाख की क्लेम राशि संबंधित बैंकों के खातों में भुगतान की गई है।

ओलावृष्टि जोखिम
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योजना में ओलावृष्टि जोखिम को अनिवार्य जोखिम के रूप में सम्मिलित किया गया है। ओलावृष्टि आपदा की स्थिति में कृषक द्वारा लिखित सूचना ई-मेल, व्हाट्सएप एवं पत्र द्वारा स्वयं या विभाग के माध्यम से 72 घंटों के भीतर बीमा कंपनी को दी जाएगी या टोल फ्री नंबर 1800 2660 700 पर भी सूचना दी जा सकती है। 96 घंटों के भीतर बीमा कंपनी संबंधित क्षेत्र के उद्यान अधिकारी के साथ सर्वे कर प्रतिवेदन देंगे। प्रतिवेदन के आधार पर कंपनी क्षतिपूर्ति दावों की प्रक्रिया प्रारंभ करेगी।
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