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तहसील क्षेत्र के गांवों में 13 फरवरी को
ओलावृष्टि हुई थी। ओलावृष्टि के दूसरे ही
दिन से राजस्व विभाग का अमला फसलों के
नुकसान के सर्वे में जुट गया। प्राथमिक सर्वे
की रिपोर्ट आने पर 14 गावों में 50 प्रतिशत से
अधिक का नुकसान होना पाया गया। एसडीएम
राजेश शाह ने बताया अभी प्राथमिक सर्वे की
रिपोर्ट प्राप्त हुई है। अंतिम रिपोर्ट ग्रामवार सर्वे
की रिपोर्ट आने के बाद तैयार होगी। जिससे अभी
गांवों के नामों का खुलासा नहीं किया जा रहा
है। उन्होंने बताया ओलावृष्टि से 79 गांवों में
फसलों को नुकसान हुआ है। जिसमें से 14 गांवों
में गेहूं और चना की फसल को 50 प्रतिशत से
अधिक नुकसान होने का आकलन है। 47 गांवों
में फसल को 25 से 50 प्रतिशत का नुकसान
और 18 गांव में फसल को 25 प्रतिशत तक
नुकसान हुआ है। यह आकड़ा प्रारंभिक सर्वे में
आया है। सबसे अधिक नुकसान मासोद वृत
क्षेत्र के गांवों में हुआ है। सर्वे सूची का होगा ग्राम सभा में वाचन
ओलावृष्टि से खराब हुई फसल के सर्वे में कोई भी किसान का खेत नहीं
छूटे और नुकसान का सही आंकलन करने के लिए पटवारी को निर्देश
दिए हैं। एसडीएम ने बताया सर्वे के बाद तैयार हुई सूची का वाचन गांव में
ग्रामीणों के समक्ष किया जाएगा। जिससे ग्रामीणों को पता चल जाएगा की
उनके खेत में नुकसान का कितना आंकलन लगाया है। जिन किसानों के
खेतों में नुकसान हुआ है और उनका नाम सर्वे सूची में नहीं आया वह अपनी
शिकायत दर्ज करा सकता है। जिसके बाद उस किसान के खेत में भी सर्वे
किया जाएगा।
राजस्व का अमले ने क्रॉप कटिंग के आधार पर
किया नुकसान का सर्वे
ओलावृष्टि से प्रभावित गांवों में प्रारंभिक सर्वे करने के बाद राजस्व का
अमला फसलों की क्रॉप कटिंग का कार्य कर रहा है। एसडीएम ने बताया
अब तक दो गांवों में क्रॉप कटिंग की है। ग्राम सेमझिरा में क्रॉप कटिंग
के प्रयोग में खेत में 5 बाय 5 मीटर से गेहूं की फसल काटकर सुखाई।
जिसका वजन 4 किलो 500 ग्राम आया है। ग्राम जुनापानी में एक खेत में
गेहूं का वजन 3 किलो 200 ग्राम और दूसरे किसान के खेत में वजन 2
किलो 200 ग्राम आया है।
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