ग्रामीण मीडिया सेण्टर
एक साथ 10 हजार की निकासी केमैसेज सेखुला भेद
भारतीय स्टेट बैंक
की स्थानीय शाखा
में बैंककर्मी की
चूक से एक ही
खाता नंबर दो
हमनाम व्यक्तियों
को जारी हो गया
था। दोनों व्यक्ति
पिछले सात साल से खाते से लेनदेन
कर रहे थे। हाल ही में जब एक
खाताधारक के मोबाइल पर दस हजार
रुपए निकलने का मैसेज आया तब
इसका खुलासा हुआ। ग्राम मोरखा
निवासी महेश साहू ने बैंक में वर्ष
1997 में बचत खाता खोला था। खाता
खोलने के बाद वह नियमित लेनदेन
कर रहे थे। वर्ष 2011 में कोर बैंकिंग
होने के बाद महेश साहू को बैंक से 11
अंकों का नया खाता नंबर जारी हुआ।
महेश नए खाते नंबर के आधार पर
लेनदेन करने लगा। 4 सितंबर 2017
को खाते से 10 हजार रुपए निकले।
राशि निकलने का मैसेज रेलवे स्टेशन
रोड मुलताई निवासी महेश साहू के
मोबाइल पर आया। उन्होंने तत्काल
बैंक पहुंचकर उसके खाते से दस
हजार रुपए निकलने की सूचना दी।
शिकायत पर मैनेजर ने खाते की जांच
की तो खुलासा हुआ कोर बैकिंग के
समय वर्ष 2011 में एक ही खाता
नंबर मोरखा निवासी महेश साहू और
मुलताई निवासी महेश साहू को जारी
हो गया है।
दोनों ने नहीं लिखाया था पिता का नाम
मैनेजर गजेंद्र कुमार बुवे नेमोरखा निवासी महेश साहू को बैंक बुलाया और उसके
पास की बैंक पास बुक जमा कराई। बैंक मैनेजर नेबताया मैनुअल से कंप्यूटर में
जानकारी देने केदौरान गलती हुई है। दोनों खाताधारकों को बुलाकर जमा की
गई राशि क मिलान किया। एक ही नंबर का खाता बंद कर दोनों केअलग-
अलग खातेखोलकर दोनों की राशि जमा की जा रही है। दोनों संतुष्ट हैं।
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