ग्रामीण मीडिया संवाददाता ।बैतूल जिला
ये हाईवे देखने मे बहुत सुंदर और आराम दयाक है पर बहुत खतनाक भी है। आपसे निवेदन वाहन संभाल कर चलाये, गती नियंत्रित रखें, बाइक पर हेलमेट पहनकर रखें, कार में सीट बेल्ट लगाएं।
दुर्घटना से देर भली
ये हाईवे देखने मे बहुत सुंदर और आराम दयाक है पर बहुत खतनाक भी है। आपसे निवेदन वाहन संभाल कर चलाये, गती नियंत्रित रखें, बाइक पर हेलमेट पहनकर रखें, कार में सीट बेल्ट लगाएं।
दुर्घटना से देर भली
नागपुर- बैतूल फोरलेन पर सांपना डेम के पास के क्षेत्र को दुर्घटना जोन घोषित किया जाएगा। यहां फोरलेन पर अंधे मोड़ और ढलान के कारण हादसों हो रहे हैं। फोरलेन पर 100 मीटर की दूरी पर 3 माह में सड़क दुर्घटना 9 लोगों की मौत हो चुकी है। 13 मई को आयशर ट्रक और बोलेरो की भिड़ंत में 6 लोगों की मौत होने के बाद एसपी कार्तिकेयन के. ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। एसपी ने इस दौरान साईंखेड़ा थाना प्रभारी को घटना स्थल पर संकेतक बोर्ड लगवाने के लिए कहा है।
जिले में सड़क हादसे लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इस वर्ष अब तक 135 दिनों में सड़क हादसों में 103 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 427 लोग घायल हुए है। इस वर्ष फरवरी माह में सड़क हादसों में सबसे अधिक 30 लोगों की मौत हुई है।
पिछले वर्ष के आंकड़े
जबकि पिछले वर्ष 926 सड़क हादसों में 265 लोगों की मौत हुई थी। 903 लोग घायल हुए थे।
पिछले वर्ष के आंकड़े
जबकि पिछले वर्ष 926 सड़क हादसों में 265 लोगों की मौत हुई थी। 903 लोग घायल हुए थे।
फोरलेन पर मोड़ होने के कारण बढ़ रही दुर्घटना
मदनीढाबा के पास आयशर ट्रक और बोलेरो की टक्कर हो गई थी। हादसे में फुलगाेहान सरपंच सहित 6 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं इसके पहले दुर्घटनास्थल से 100 मीटर दूरी पर सांपना डेम के पास 18 फरवरी को एक कार ने बाइक को टक्कर मार दी थी। इस हादसे में दो लोग घायल हो गए थे। फोरलेन से गुजर रहे 20-22 लोग वहां पर अपने वाहन रोककर उनकी मदद के लिए खड़े थे। इस बीच मुलताई से बैतूल आ रहे ट्रक ने तेज रफ्तार में 3 लोगों को कुचल दिया था। जिससे तीनों की मौके पर ही मौत हो गई थी।
2019 में हुए सड़क हादसे
माह हादस मौत घायल
माह हादस मौत घायल
- जनवरी 108 18 127
- फरवरी 107 30 108
- मार्च 82 21 82
- अप्रैल 77 17 72
- मई 40 17 38
यातायात पुलिस से प्राप्त आकड़े
इधर भी हैं डेंजर पाइंट
बरेठा घाट: नेशनल हाईवे पर स्थित बरेठा घाट डेंजर पाइंट बन चुका है। इस घाट पर घुमावदार मोड़ और ढलान होने के कारण बड़े वाहन आसानी से नहीं मुड़ पाते हैं। इस कारण अंधे मोड़ पर अक्सर हादसे होते रहते हैं।
हनुमान डोल: बैतूल-सारनी मार्ग पर हनुमान डोल पर भी लोग हादसे का शिकार होते हैं। सड़क पर घुमावदार मोड़ और ढलान के कारण वाहन चालक वाहन पर कंट्रोल नहीं रख पाते हैं।
फोरलेन बायपास: भारत-भारती के पास बैतूल बायपास मार्ग पर अक्सर बायपास से तेज गति से वाहन आते हैं और फोरलेन से आते वाहनों की गति भी अधिक होती है। इस कारण दुर्घटनाएं अधिक होती है।
चिचोली-हरदा रोड : नेशनल हाईवे 59-ए पर चिचोली- हरदा रोड भी डेंजर जोन में तब्दील हो गया है। इस सड़क पर यादव ढाबे, कहु नाला, अालमगढ़ की चढ़ाई तथा चंडी दरबार तथा चिरापाटला के पास अधिक एक्सीडेंट होते हैं।
फोरलेन: फोरलेन पर पंखा, नगरकोट, बिरुल मार्ग चौराहे पर अधिक हादसे होते हैं। पंखा पर लगी रेलिंग व आमला से आने वाले वाहन चालक आपस में भिड़ जाते हैं।
सदा प्रसन्नघाट: प्रभातपट्टन से वरुड़ मार्ग पर सदा प्रसन्नघाट पर ढलान में घुमावदार मोड़ अक्सर लोगों की जान लेता है। यहां ढलान पर मोड़ पर आसानी से वाहन कट नहीं पाते, जिसके चलते दुर्घटनाएं होती है।
बैतूल। फोरलेन पर सांपना डेम के इस अंधे मोड़ होते हैं हादसे।
बोर्ड लगवाने के निर्देश दिए हैं

दुर्घटना जोन घोषित करेंगे

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