Translate

ख़बरें विस्तार से

अन्य ख़बरें आगे पढ़ें
ग्रामीण मीडिया में दे विज्ञापन और ग्रामीण क्षेत्रों सहित जिले में करें अपने व्यापार का प्रचार बैतूल जिले के सबसे बड़े हिंदी न्यूज़ पोर्टल- ग्रामीण मीडिया सेंटर में आप सभी का स्वागत है।

सोमवार, 9 अक्तूबर 2017

महिलाओं ने निकाली नशामुक्ति रैली

ग्रामीण मीडिया सेण्टर

मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग  तत्वाधान में आज सोमवार को महिलाओं और स्कूल के बच्चों ने नशामुक्ति के लिए जागरूकता रैली निकाली| 


ग्राम प्रतापपुर में बच्चों ने उठाया स्वच्छता का बेडा

ग्रामीण मीडिया सेण्टर| लवकेश मोरसे 


ग्राम प्रतापपुर में आज स्कूल के बच्चों ने स्वच्छ भारत मिशन और जल संरक्षण को समझते हुए| गांव को स्वच्छ बनाने के लिए शपथ ग्रहण की| ग्राम में बच्चो के माध्यम से ही उनके पलकों को भी इस विषय में जानकारी प्रदान करेंगे | 

बाड़ेगांव में रानी दुर्गावती की प्रतिमा का भूमि पूजन आज हुआ

ग्रामीण मीडिया सेण्टर| लाखन सिंह राजपूत ( बाड़ेगांव)


बैतूल जिले के मुलताई के ग्राम बाड़ेगांव में रानी दुर्गावती की प्रतिमा दिवाली के बाद स्थापित होना है जिसका भूमि पूजन आज दिनाक ०९/१०/२०१७ को हुआ | बाड़ेगांव के मेघनाथ चौक के सामने यह प्रतिमा बनेगी| भूमि पूजन में घोड़ाडोंगरी से BJP के युवा मोर्चा के प्रदेश मंत्री दीपक उइके, भारतीय मजदूर संघ के जिला महामंत्री सुनील सरयाम , सरपंच सुनील सरयाम के साथ ग्राम के लाखन सिंह, भरत चौहान, गोकुल सिंह, सुल्तान सहित ग्राम के बच्चे, महिला बुजुर्ग आदि उपस्तिथ थे| 

मीडिएशन जागरूकता कार्यक्रम 14 अक्टूबर को

ग्रामीण मीडिया सेण्टर


------------------------------------------------------------------
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा मीडिएशन योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु 14 अक्टूबर को अपरान्ह 3 बजे से ग्राम पंचायत खंडारा में मध्यस्थता जागरूकता शिविर आयोजित किया जाएगा। इस शिविर में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी बैतूल श्रीमती कीर्ति कश्यप, अधिकारी एवं पैरालीगल वालेंटियर द्वारा मध्यस्थता जागरूकता की जानकारी दी जाएगी।

स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित

ग्रामीण मीडिया सेण्टर


कलेक्टर श्री शशांक मिश्र की अध्यक्षता में सोमवार को जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में कलेक्टर श्री शशांक मिश्र द्वारा निर्देशित किया गया कि सी.एम. हेल्प लाइन की समस्त शिकायतों का निराकरण समय सीमा में कर एल-1 पर ही सभी शिकायतें बंद होना सुनिश्चित करें, कोई भी उप-स्वास्थ्य केन्द्र बंद नहीं रहे तथा समस्त ए.एन.एम., एम.पी.डब्ल्यू, एल.एच.व्ही, सेक्टर सुपरवाइजर मुख्यालय पर ही निवास करें ।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रदीप मोजेस ने बताया कि जिला स्तर से ए.एन.एम., एम.पी.डब्ल्यू, एल.एच.व्ही, सेक्टर सुपरवाईजर के मुख्यालय निवास सत्यापन हेतु जिला स्वास्थ्य अधिकारी एवं जिला टीकाकरण अधिकारी की द्विसदस्यीय टीम बनाई गई है जो सतत् क्षेत्र में भ्रमण कर कर्मचारियों के मुख्यालय निवास की मॉनीटरिंग करेंगे तथा मुख्यालय पर निवास नहीं करने वाले कर्मचारियों के विरूद्व कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। 
राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम में विकासखंड शाहपुर, चिचोली, प्रभातपट्टन, भैंसदेही, घोडाडोंगरी एवं मुलताई की उपलब्धि संतोषजनक नहीं पाए जाने पर समस्त खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को आगामी 15 दिवस में सघन प्रयास कर 40 प्रतिशत से अधिक लक्ष्य पूर्ति करने हेतु निर्देश दिये गये तथा दिसम्बर 2017 तक सभी विकासखंडों को अपने शत्-प्रतिशत् लक्ष्यों की पूर्ति करने हेतु कहा गया। एन.एस.व्ही. पुरूष नसबंदी की लक्ष्य पूर्ति हेतु समस्त पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं सेक्टर सुपरवाइजर को 5-5 केस प्रति केम्प का लक्ष्य देकर लक्ष्य पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया गया। विकासखंड सेहरा, घोडाडोंगरी, प्रभातपट्टन की पी.पी.आई यू.सी. डी की लक्ष्य पूर्ति संतोषजनक नहीं है अत: प्रति माह कुल संस्थागत प्रसव में से 40 से 60 प्रतिशत महिलाओं को प्रेरित कर पी.पी.आई.यू.सी.डी लगाने हेतु निर्देशित किया गया। 
कलेक्टर श्री शशांक मिश्र ने निर्देशित किया कि राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत बीमारी नियंत्रण हेतु विकासखंड भीमपुर एवं चिचोली में वन विभाग के कर्मचारियों को मलेरिया की रोकथाम हेतु आर.डी.के. से जांच एवं स्वास्थ्य शिक्षा के द्वारा रोकथाम हेतु प्रशिक्षण दिया जाये। समस्त ग्रामों में घर-घर सर्वे, जांच, उपचार कार्य सतत् जारी रखा जाये। राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सेहरा एवं प्रभातपट्टन में टी.बी. केसेस की खोज हेतु अभियान चलाकर समस्त टी.बी. के संभावित केसेस खोजकर जांच, परीक्षण एवं उपचार प्रारंभ करने हेतु निर्देशित किया गया। राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत कुल 160 केसों के विरूद्व 130 केसेस की खोज कर उपचार दिया जा रहा है। अत: कुष्ठ के नये केसेस खोजने हेतु निर्देश दिये गये। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत समस्त खण्ड चिकित्सा अधिकारी एवं सी.डी.पी.ओ. को निर्देशित किया गया कि प्रत्येक विकासखंड में संयुक्त बैठक लेकर आशा, ए.एन.एम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा बाल हृदय की बीमारी से पीडि़त एवं राज्य बीमारी सहायता निधि से संबंधित बीमारियों जैसे कॉक्लियर इमप्लांट, जन्मजात विकृति के केसेस की खोज करने हेतु मैदानी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देकर ग्रामवार सूक्ष्म कार्ययोजना बनाकर सात दिवस में सर्वे कार्य पूर्ण करके सूची बनाने हेतु निर्देश दिये गये।
खण्ड चिकित्सा अधिकारी मुलताई एवं घोड़ाडोंगरी को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में सभी व्यवस्थायें पूर्ण कर शीघ्र सीजेरियन सेक्शन ऑपरेशन प्रारंभ करवाने हेतु निर्देशित किया। समस्त एल-1 प्रसव केन्द्र पर 10 से अधिक प्रसव प्रतिमाह एल-2 प्रसव केन्द्र पर 50 से अधिक प्रसव प्रतिमाह तथा एल-3 प्रसव केन्द्र पर 100 से अधिक संस्थागत प्रसव करवाने हेतु आशा कार्यकर्ता, ए.एन.एम. की बैठक लेकर ग्रामवार समीक्षा करने तथा प्रत्येक प्रसव का संस्थावार उचित प्रबंधन हेतु लाइन लिस्टिंग के आधार पर शत्-प्रतिशत् संस्थागत प्रसव करवाने हेतु निर्देश दिये गये। मातृ मृत्यु की विकासखंडवार विस्तृत समीक्षा करने हेतु निर्देशित किया साथ ही मातृमृत्यु दर को कम करने हेतु सभी गर्भवती माताओं का प्रथम तिमाही में पंजीयन तथा प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय तिमाही में संपूर्ण जांच, हाई रिस्क माताओं का पूर्ण उपचार तथा प्रसव प्रबंधन का रिकार्ड संधारित करने हेतु निर्देशित किया गया। राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत समस्त गर्भवती माताओं एवं बच्चों का सात विकासखंडों में विशेष अभियान चलाकर संपूर्ण एवं शत्प्रतिशत् टीकाकरण पूर्ण किया जाना है तथा टीकाकरण दल द्वारा कुपोषित बच्चों की खोज कर एन.आर.सी. में भर्ती किया जायेगा, इस हेतु खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को ग्रामवार सूक्ष्म कार्ययोजना बनाने हेतु निर्देशित किया गया। समस्त खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को आई.डी.एस.पी. कार्यक्रम के अंतर्गत प्राप्त रिपोर्ट का सूक्ष्म आंकलन कर संबंधित ग्रामों में प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करने हेतु निर्देशित किया गया। 
बैठक में जिला स्वास्थ्य अधिकारी/ परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. अरूण कुमार शर्मा, सिविल सर्जन डॉ. अशोक बारंगा, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अरविंद भट्ट, जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. एन.के.चौधरी, जिला मीडिया अधिकारी श्रीमती श्रुति गौर तोमर, डी.पी.एच.एन.ओ. श्रीमती एम.पीटर, उप जिला मीडिया अधिकारी श्रीमती अभिलाषा खर्डेकर एवं श्री महेश गुबरेले, प्रभारी डी.सी.एम. श्रीमती मधुमाला शुक्ला, समस्त राष्ट्रीय कार्यक्रम अधिकारी, समस्त खण्ड चिकित्सा अधिकारी, बी.ई.ई, बी.पी.एम एवं बी.सी.एम. उपस्थित रहे।

प्रदेश में 1650 ग्राम नल-जल योजनाएं शुरु होगी : मुख्यमंत्री श्री चौहान

ग्रामीण मीडिया सेण्टर

प्रदेश के हर गांव में और हर घर में बिजली पहुंचेगी
मुख्यमंत्री द्वारा प्रगति ऑनलाईन कार्यक्रम में बड़ी परियोजनाओं की समीक्षा



मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मुख्यमंत्री ग्राम नल-जल योजना में प्रस्तावित सभी 1650 नल-जल योजनाएं अभियान के रूप में आगामी फरवरी माह तक शुरु की जाएं। प्रदेश के हर गांव में और हर घर में बिजली उपलब्ध करायी जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहां प्रगति ऑन लाइन वीडियो कान्फ्रेंस के तहत बड़ी परियोजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रस्तावित सभी नल-जल योजनाओं के लिये पेयजल स्रोत विकसित करने का काम आगामी जनवरी माह तक पूरा कर लिया जाए। प्रदेश के सभी घरों में बिजली पहुंचाने के लिये युद्ध-स्तर पर काम करें। प्रधानमंत्री आवास योजना में गरीब हितग्राहियों को आवास उपलब्ध कराने का कार्य प्राथमिकता से करें। बड़ी सड़क परियोजनाओं की प्रगति की जानकारी लेते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये की सिवनी-कटंगी सड़क का निर्माण समय-सीमा में पूरा किया जाए। मेडिकल कॉलेज रतलाम को आगामी 2018 सत्र से शुरु करने के लिये निर्माण कार्यों के साथ रिक्त पदों की पूर्ति का काम प्राथमिकता से पूरा करें। प्रदेश में निर्माणाधीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के भवनों का निर्माण आगामी मार्च 2018 तक पूरा किया जाए।
इस मौके पर बताया गया कि प्रदेश के 2 हजार 379 ग्रामों के लिये 1650 ग्राम नलजल योजनाएं प्रथम चरण में बनायी जाएगी। प्रदेश में दस एकलव्य आवासीय विद्यालयों के भवन निर्माणाधीन हैं। वर्तमान में 23 जिलों में 35 एकलव्य आवासीय विद्यालय भवन हैं। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में प्रदेश में 23 सब-स्टेशन बनाये जा रहे हैं। तरपेड मध्यम सिंचाई परियोजना की मुख्य नहर निर्माण का कार्य आगामी 15 जून तक पूरा हो जाएगा। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कटनी में 4 हजार 362, बालाघाट में 1 हजार 404, सिवनी में 1 हजार 210 और रतलाम में 8 हजार 560 हितग्राहियों को आवास उपलब्ध कराये जाएंगे। सिवनी में वर्ष 2005 में गृह निर्माण मंडल द्वारा बनाये गए बायपास को लोक निर्माण विभाग को सौंपा जाएगा। प्रदेश में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवनों के स्वीकृत 344 कार्यों में से 325 पूर्ण हो गये हैं।
भावांतर भुगतान योजना में पंजीयन के लिये विशेष ग्रामसभा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने संभागायुक्तों और कलेक्टरों को निर्देश दिये की भावांतर भुगतान योजना में पंजीयन के लिये आगामी 12 अक्टूबर को सभी पंचायतों में विशेष ग्राम सभाएं आयोजित की जाएं। भावांतर भुगतान योजना में किसानों के पंजीयन के लिये युद्ध-स्तर पर अभियान चलाएं। आगामी 15 अक्टूबर तक सभी पात्र किसानों का पंजीयन सुनिश्चित करें। भावांतर भुगतान योजना राज्य सरकार की किसानों के हित में महत्वाकांक्षी योजना है। अब तक योजना में 6 लाख 34 हजार किसानों का पंजीयन हुआ है। यह योजना आगामी 16 अक्टूबर से प्रदेश में लागू हो रही है। इस दिन प्रदेश की 257 मंडियों में योजना की शुरुआत के लिये कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। उन्होंने आगामी 1 नवम्बर को मध्यप्रदेश स्थापना दिवस को भव्यरूप से मनाने के निर्देश दिये। प्रदेश में आगामी 12 अक्टूबर को आयोजित होने वाले लाड़ली लक्ष्मी पर्व को समारोह पूर्वक मनाने के निर्देश दिये। श्री चौहान ने लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम के तहत निश्चित समय सीमा में सेवाएं प्रदाय की मॉनीटरिंग करने के लिये कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा सेवा मिशन के तहत संबंधित विभागों द्वारा किये गये कार्यों की समीक्षा आगामी 12 अक्टूबर की जाएगी।
वीडियो कान्फ्रेसिंग के दौरान अपर मुख्य सचिव वन श्री दीपक खाण्डेकर, अपर मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अशोक वर्णवाल तथा संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव भी उपस्थित थे।

"रूक जाना नहीं योजना से एक लाख विद्यार्थी लाभान्वित

ग्रामीण मीडिया सेण्टर

"रूक जाना नहीं योजना से एक लाख विद्यार्थी लाभान्वित

दस लाख उत्तर-पुस्तिकाओं का डिजिटल मूल्यांकन 


मध्यप्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग की 'रूक जाना नहीं योजना' का प्रदेश के स्कूलों में पिछले दो सालों में एक लाख से अधिक बच्चों में अच्छा प्रभाव देखने को मिला है। रूक जाना नहीं योजना से कक्षा 10 के 40 हजार विद्यार्थियों और कक्षा 12 के करीब 60 हजार विद्यार्थियों को आगे पढ़ाई जारी रखने का मौका मिला है।
  • रूक जाना नहीं योजना में बोर्ड परीक्षा के एक लाख छात्र आगे की पढ़ाई रख सके जारी।   
  •  ओपन स्कूल ने सही और समय पर मूल्यांकन के लिये शुरू किया डिजिटल       मूल्यांकन।
  •  डिप्रेशन और आत्महत्या जैसी बुराइयों को दर करने में कारगर बनी योजना।
वर्ष 2016 से शुरू की गई यह योजना माध्यमिक शिक्षा मंडल की कक्षा 10 और 12वीं के बोर्ड परीक्षा के बच्चों के लिये लागू की गई थी। योजना से लाभान्वित बच्चें अब आगे की कक्षाओं में निरंतर पढ़ाई कर रहे हैं।
मध्यप्रदेश राज्य ओपन स्कूल शिक्षा परिषद ने रूक जाना नहीं योजना वर्ष 2016 से शुरू की है। वर्ष 2016 में माध्यमिक शिक्षा मंडल से अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों को 4 अवसर प्रदान किये गये थे। वर्ष 2017 में बोर्ड की परीक्षा में अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों के लिये राज्य ओपन स्कूल 3 परीक्षाएँ आयोजित कर रहा है। ओपन स्कूल ने इस वर्ष अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों की विषय संबंधी कठिनाइयों को दूर करने के लिये जून माह के बाद प्रदेश भर में सात दिन का सम्पर्क कार्यक्रम भी चलाया है।
राज्य ओपन स्कूल ने योजना में शामिल विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं के सही और समय पर मूल्यांकन के लिये डिजिटल मूल्यांकन व्यवस्था का प्रयोग किया है। इसमें 10 लाख उत्तर पुस्तिकाओं की स्केनिंग कर डिजिटल मूल्यांकन किया गया। पूर्व के वर्षों में बोर्ड परीक्षा परिणाम के बाद असफल विद्यार्थियों में डिप्रेशन दिखने लगा था। कुछ विद्यार्थी आत्महत्या जैसे घातक कदम भी उठाते थे। यह योजना लागू होने से विद्यार्थी डिप्रेशन से बाहर आने लगे हैं।

प्राचीन सिक्कों की कहानी प्रदर्शनी, भोपाल के राज्य संग्रहालय में 10 से 17 अक्टूबर तक

ग्रामीण मीडिया सेण्टर

संचालनालय पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय द्वारा प्राचीन भारतीय सिक्कों पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी राज्य संग्रहालय के प्रदर्शनी सभागृह में 10 से 17 अक्टूबर तक लगाई जाएगी। आमजन प्रदर्शनी को रोजाना सुबह 10.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक नि:शुल्क देख सकेंगे।
पुरातत्व आयुक्त श्री अनुपम राजन ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत में सिक्कों के उदभव की कहानी मानव सभ्यता के विकास से जुड़ी है। मनुष्य के क्रमिक बौद्धिक विकास से ही सिक्कों का जन्म हुआ है। संस्कृतियों के उदभव एवं विकास का सिक्कों की कहानी से प्रत्यक्ष संबंध रहा है। श्री राजन के अनुसार पुरातत्वविद भारत में सिक्कों का प्रचलन ई.पू. 800 के लगभग से मानते हैं।
सिक्कों की कहानी का दिलचस्प इतिहास
सिक्कों की कहानी की प्रथम अवस्था पाषाणकालीन है, जिसमें उनकी आवश्यकताएँ सीमित थी। प्रागैतिहासिक काल के बाद द्वितीय अवस्था आद्य-ऐतिहासिक काल में धीरे-धीरे लोगों के जीवन में स्थिरता आने लगी। इस काल में लोगों को कृषि का प्रारंभिक ज्ञान हुआ तथा अन्न पैदा करने के साथ ही पशुपालन करने लगे। वस्तुओं की अदला-बदली में कठिनाइयों को देखते हुए ऐसा सोचा गया कि कोई ऐसी वस्तु निर्धारित की जाये जिसको मूल्य की इकाई (माध्यम) मान लिया जाए। गाय को इस इकाई के रूप में मान्यता प्रदान हुई। आवश्यकतानुसार भेड़, बकरी, अनाज, चमड़ा, पत्थर के औजार को भी विनिमय में माध्यम बनाते थे। आज भी देहातों में किसान अनाज देकर अन्य आवश्यक वस्तुएँ खरीदते हैं। यह सिक्कों के उदभव की दिशा में विकास का द्वितीय चरण था। यह वार्टर पद्धति बहुत समय तक प्रचलित रही। ई.पू. पाँचवी शती तक 'गाय मूल्य' का माध्यम मानी जाती रही है। किन्तु विनिमय में धातु-पिंडों का प्रयोग आरंभ हो जाने से इसमें गाय का महत्व धीरे-धीरे कम हुआ। इसके उदभव क्रम की तृतीय अवस्था में वस्तुओं के क्रय-विक्रय हेतु धातुओं के टुकड़ों को माध्यम माना गया। चतुर्थ अवस्था में धातुओं के सिक्के बनाये जाने लगे। उन पर कोई चिन्ह अंकित नहीं होते थे। वास्तविक सिक्कों पर निर्धारित चिन्हों का होना जरूरी था, इससे तौल निश्चित रहती थी। धातु के टुकड़ों पर सम्मानित व्यक्ति की मुहर लगाई जाती थी ताकि लोगों को विश्वास रहे कि उस सिक्के की धातु शुद्ध तथा वजन सही है।
प्राचीन ग्रन्थकारों ने सिक्के के बारे में विस्तृत रूप से लिखा है कि जिन क्षेत्रों में जो धातु अधिक मिलती थी, वहाँ उस धातु को सिक्के के रूप में प्रयोग में लाते थे। मध्यप्रदेश के बालाघाट में तांबा सर्वाधिक मिलता था। आन्ध्रप्रदेश में सीसा तथा मैसूर में सोना अधिक होता था। इस प्रकार के सिक्के एरण, विदिशा, उज्जैन, मंदसौर, महेश्वर, कोशांबी आदि से मिले हैं।
'सिक्को की कहानी' प्रदर्शनी में भारत में ई.पू. छठी शती के बाद सिक्कों के विकास क्रम का व्यवस्थित रूप मिलता है जो ब्रिटिश काल तक अनवरत चलता रहा। मुस्लिम काल में दिल्ली सुल्तान, प्रान्तीय सुल्तानों, मुगलों और मराठों के सिक्के स्वर्ण, रजत एवं ताम्र धातुओं के मिलते हैं जो तत्कालीन अर्थ-व्यवस्था के आधार-स्तम्भ को समाहित कर प्रदर्शित किया गया है।

खबरे एक नज़र में (पढ़ने के लिए महीने और तारीख पर क्लिक करें )

Add 1

सूचना

आपकी राय या सुझाव देने के लिए नीचे लाल बॉक्स पर क्लिक करें मिलावट रहित गाय के घी और ताजे दूध के लिए संपर्क करें 9926407240

हमारे बारे में आपकी राय यहाँ क्लिक करके दें

हमारे बारे में आपकी राय यहाँ क्लिक करके दें
राय जरूर दें