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गुरुवार, 31 अगस्त 2017

सरकार ने माना देश में है चारे की कमी- फिर कैसे बढ़ेगी प्रति पशु उत्पादकता !!!


सरकार ने माना देश में है चारे की कमी- फिर कैसे बढ़ेगी प्रति पशु उत्पादकता !!!
पशु संदेश, भोपाल |



संसद के मानसून सत्र में सांसद बी के हरी प्रसाद द्वारा पशु पालन के क्षेत्र में चारे की कमी के संबंध में उठाये गये एक सवाल के लिखित जवाब में कृषि राज्य मंत्री सुदर्शन भगत ने सदन को जानकारी दी कि, देश में हरे चारे की 35.6% और शुष्क चारे की 11% अनुमानित कमी है | मंत्री जी सदन को यह जानकरी देते समय इस समस्या को लेकर कितना संजीदा थे, यह हम नहीं जानते, पर हम यह पक्के तौर पर जानते हैं कि देश के पशु और पशु पालक चारे की कमी के दंश को वर्षों से झेल रहे हैं | किसी से छुपा नहीं है की, पशु चारे की कमी पशुपालन व्यसाय के लिए गंभीर समस्या का रूप लेती जा रही है | प्राकृतिक आपदाओं जैसे सूखा, बाढ़ आदि की स्थिति में यह समस्या और ज्यादा विकराल रूप धारण कर लेती है |

ऊपर बताये गये आंकडे भी केवल अनुमानित ही हैं, क्योंकि हमारे देश में चारे की वास्तविक उपलब्धता का आंकलन करने का कोई साइंटिफिक methood है ही नहीं | देश के अधिकांश राज्यों में पशु चारे की उपलब्धता की स्थति सरकारी आकंड़ों से कहीं ज्यादा भयावह है | पंजाब, हरियाणा जैसे कुछ राज्यों को छोड़ दें तो देश के ज्यादातर राज्य चारे के संकट से जूझ रहे हैं | अभी इसी वर्ष जनवरी से जून के बीच महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक, ओड़िसा, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में हजारों पशु चारे की कमी के चलते काल के मुँह में समा गये | स्थिती इतनी विकट थी की, लोगों ने अपने पशुओं को भगवान भरोसे सड़कों या जंगलों में छोड़ दिया था | आप को यकीन न हो तो एक बार बुंदेलखंड का दौरा कर आईये, अपने आप यकीन हो जायेगा | देश में चारे की कमी से प्रीति वर्ष कितने पशु दम तोड़ते हैं, इस बात का आंकड़ा देश की किसी एजेंसी के पास नहीं है |

मोटे तौर पर माना जाता है कि आजादी के समय देश के 8% रकबे पर चारा उत्पादन होता था, जो अब यह घटकर 4% रह गया है | संसदीय समिति की रिपोर्ट में भी सामने आया है कि, चारागाहों का एक बड़ा हिस्सा या तो  खत्म हो गया है या अतिक्रमण की चपेट में है | खाद्यान्न की मांग में निरंतर वृद्धि से भी पशु चारे के लिए खेती का रकबा लगातार कम होता जा रहा है | कैश क्रॉप्स की तरफ बढ़ते किसानों के रुझान की वजह से पशु चारे की किल्लत बढ़ गई है | रही-सही कसर किसानों द्वारा हार्वेस्टर  से गेहूं आदि की कटाई और फिर नरवाई जलाने की आदत ने पूरी कर दी है | इन सभी वजहों से उत्पन्न हुई चारे की कमी के चलते, पिछले कुछ वर्षों में हरे चारे के दाम दो गुना तो सूखे चारे के दाम चार गुना तक बढ़ चुके हैं |

पशु चारे की कमी के लिए सरकार की अदूरदर्शी नीतियां भी कम जिम्मेदार नहीं हैं | समय के साथ चारे की मांग और आपूर्ति में अंतर बढ़ता रहा, पर सरकार ने इस दिशा में प्रभावी कदम नहीं उठाये | सरकार का सारा ध्यान नस्ल सुधार कार्यक्रम पर ही केन्द्रित रहता है | उच्च पदों पर बैठे नॉन टेक्निकल लोगों को कौन समझाये की डेरी डेवलपमेंट में जितना महत्त्व नस्ल सुधार का है उतना ही महत्त्व चारा उत्पादन का भी है | फीडिंग और ब्रीडिंग दोनों ही डेरी डेवलपमेंट के मुख्य स्तंभ हैं, दोनों पर सामान रूप से ध्यान देने पर ही सकारात्मक परीणाम निकलेंगे | जितना ध्यान AI (कृतिम गर्भाधान) पर दिया जाता है उतना ही ध्यान फोडर प्रोडक्शन पर भी दिया जाता, तो आज दूध के भाव 50 रूपए प्रति लीटर तक नहीं पहुँचते | नीती निर्माताओं को समझना होगा कि, बिना सस्ते चारे के प्रोफिटेबिल डेरी फार्मिंग की कल्पना ही नहीं की जा सकती | चारे की समस्या से निपटने के लिए सरकार ने मिशन मोड पर आज तक कोई कार्यक्रम चलाया ही नहीं |

चारे की समस्या को सरकार शायद इसलिए गंभीरता से नहीं लेती क्योंकि, देश में दूध का उत्पादन लगातार रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ रहा है | देश में दुग्ध उत्पादन फैक्ट्री में निर्मित पशु आहार (concentrat cattel feed) खिलाने से बढ़ रहा है | हरे चारे की अनउपलब्धता के चलते किसान पशुओं को महँगा पशु आहार खिलाने के लिए मजबूर है | यही वजह है की देश में पशु आहार की मांग वा उत्पादन दोनों लगातार बढ़ रहे हैं | हरे चारे को पशु आहार से रिप्लेस करने की वजह से दूध की उत्पादन लागत बढ़ रही है, जिसका सीधा असर दूध की लगातार बढ़ती हुई कीमतों के रूप में देखा जा सकता है |

दूध की उत्पादन लागत बढ़ने का खामियाजा दुग्ध उत्पादक और उपभोक्ता दोनों को ही उठाना पड़ रहा है | उत्पादन लागत बढ़ने से किसान के लिए डेरी का धंधा लाभ का व्यवसाय नहीं रह गया है, वहीं बढ़ती हुई कीमतों की वजह से दूध गरीब आदमी की पहुँच से दूर होता जा रहा है | डेरी व्यसाय में आमदनी का 65 से 70 प्रतिशत हिस्सा पशु की खुराक पर खर्च होता है | दाने और चारे दोनों की बढ़ती कीमतों ने दुग्ध उत्पादकों

विधायक द्वारा हुआ ग्राम सिपावा में मंगल भवन का भूमि पूजन

शिक्षक भी हुए सम्मानित





ग्राम सीपावा में रुपए 10 लाख की राशि से निर्मित होने वाले मंगल भवन का भूमि पूजन किया एवं सेवानिवृत्त हुए शिक्षक श्री शिवशंकर सरोदे की विदाई समारोह में शॉल एवं श्रीफल से सम्मानित किया।

दुर्घटना में मृतक के परिजन एवं घायल को आर्थिक सहायता मंजूर

दुर्घटना में मृतक के परिजन एवं घायल को आर्थिक सहायता मंजूर

कलेक्टर श्री शशांक मिश्र ने सडक़ दुर्घटना में मृत ग्राम मुचगोहान बैतूल निवासी धनराज के परिजन को 15 हजार एवं सडक़ दुर्घटना में घायल ग्राम घुघरी भैंसदेही निवासी श्रीमती वर्षा उइके को 7500 रूपए की आर्थिक सहायता राशि मंजूर की है।

पोषण सप्ताह के दौरान जमीनी स्तर पर जागरूकता का कार्य किया जाए-कलेक्टर श्री शशांक मिश्र

पोषण सप्ताह के दौरान जमीनी स्तर पर जागरूकता का कार्य किया जाए-कलेक्टर श्री शशांक मिश्र



सेहत सस्ती है किन्तु बीमारी महंगी है
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पोषण सप्ताह के दौरान जमीनी स्तर पर जागरूकता का कार्य किया जाए-कलेक्टर श्री शशांक मिश्र
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जिला स्तरीय मीडिया कार्यशाला आयोजित
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कलेक्टर श्री शशांक मिश्र ने कहा कि जिले में एक से सात सितंबर तक चलाए जाने वाले राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के दौरान पोषण के प्रति जागरूकता लाने के लिए जमीनी स्तर पर कार्य किया जाए। खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों की कामकाजी महिलाओं को स्वयं एवं उनके बच्चों के पोषण के प्रति सजग बनाया जाए। सप्ताह के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का दायित्व होगा कि वे घर-घर जाकर लोगों को पोषण के प्रति जागरूक करें। ग्रामीण क्षेत्रों में ऑडियो और वीडियो के माध्यम से भी पोषण के संबंध में जानकारी दी जाए। श्री मिश्र गुरूवार को जिला पंचायत के सभाकक्ष में राष्ट्रीय पोषण सप्ताह अंतर्गत आयोजित जिला स्तरीय मीडिया कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि सप्ताह के दौरान आंगनबाडिय़ों में मुनगा के पौधे लगाने एवं उपलब्ध मुनगा के उपयोग के प्रति जागरूकता लाने का कार्य भी गंभीरता से किया जाए। उन्होंने अपने संबोधन में इस बात को रेखांकित किया कि पोषण सप्ताह औपचारिकता न बन, बेहतर कार्य का माध्यम बने। कार्यशाला में एकीकृत बाल विकास सेवा के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री सुमन कुमार पिल्लई एवं जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. एके भट्ट भी मौजूद थे। 
कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री सुमन कुमार पिल्लई ने बताया कि राष्ट्रीय पोषण सप्ताह का उद्देश्य लोगों में पोषण जागरूकता को बढ़ावा देना, पोषण विविधता के बारे में जानकारी देना, स्थानीय खाद्य सामग्री के उपयोग को बढ़ावा देना, किचन-गार्डन लगाने हेतु जागरूकता लाना सहित स्वास्थ्य एवं पोषण लिंकेज बढ़ाना है। उन्होंने बताया कि सप्ताह के दौरान माताओं एवं परिवारों को मुख्य रूप से विटामिन-सी से भरपूर आहार एवं आयरन के उपयोग, हरी पत्तेदार तथा नारंगी रंग के फल एवं सब्जियों से मिलने वाले लाभ, बढ़ते हुए बच्चे को दिए जाने वाले पोषक आहार एवं उनकी मात्रा की जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा दो वर्ष की आयु तक स्तनपान करने से बच्चे को होने वाली स्वास्थ्य वृद्धि, छ: माह की आयु के बाद पूरक आहार की जानकारी देना भी अभियान का प्रमुख उद्देश्य होगा। शिशु टीकाकरण की जानकारी भी अभियान के तहत दी जाएगी। कार्यशाला में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. एके भट्ट द्वारा बताया गया कि बच्चों को उनकी मांग अनुसार दिन में बार-बार अनुकूल आहार की पूर्ति कराई जानी चाहिए एवं नियमित रूप से उनकी देखभाल की जानी चाहिए। उन्होंने समय पर टीका लगवाने पर भी जोर दिया। कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. आरडी बारपेटे द्वारा इस दौरान पोषण वाटिका बनाए जाने हेतु उपयुक्त आवश्यकताओं की जानकारी दी गई। यूनिसेफ के कंसलटेंट श्री मनोज चौहान द्वारा पोषण सप्ताह के दौरान आयोजित होने वाले स्नेह शिविरों में की जाने वाली गतिविधियों पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। कार्यशाला में विभाग की परियोजना अधिकारी श्रीमती नीरजा शर्मा द्वारा सप्ताह के दौरान प्रतिदिन आयोजित होने वाली गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यशाला में महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी एवं मैदानी पर्यवेक्षकों सहित स्थानीय मीडिया के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

अल्प वर्षा के चलते किसानों को अभी से रहना होगा सजग

अल्प वर्षा के चलते किसानों को अभी से रहना होगा सजग
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कृषि विभाग ने दी कम पानी वाली फसलें लेने की सलाह





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चालू बरसात के सीजन में अभी तक कुल 513.7 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है, जो कि जिले की औसत वर्षा 1083 मिमी से लगभग आधी ही है। अल्प वर्षा की यह स्थिति आगामी दिनों में कृषि फसलों के लिए किसान को अभी से सजग रहने का संकेत दे रही है। खरीफ सीजन के अलावा रबी सीजन में किसानों को पलेवा सहित सिंचाई के लिए समय-समय पर पानी की आवश्यकता होगी, जिसके लिए जिले में स्थित बांधों, जलाशयों में पर्याप्त पानी का संग्रहण हो पाना संभव नहीं दिख रहा है।
ऐसी परिस्थितियों में किसानों को यह ध्यान देने की विशेष जरूरत है कि वे रबी सीजन के लिए कम पानी वाली फसलों का चयन करें, ताकि यदि सिंचाईं का पानी नहीं मिलता, तो भी उनकी फसलें सुरक्षित रूप से पक सकें। किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उप संचालक ने वर्षा की असामान्य स्थिति को ध्यान में रखते हुए जमीन में उपलब्ध नमी का सही तरीके से उपयोग करने की किसानों से अपील की है। उन्होंने कहा है कि सितंबर माह में मक्का, उड़द, मूंग की कटाई एवं मूंगफली की खुदाई के तत्काल पश्चात् रबी की कम पानी वाली फसलों की बुआई किसान द्वारा की जाना चाहिए।
कम पानी वाली फसलें इस प्रकार हैं-
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सरसों की किस्में-
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आरव्हीएम-2, जेएल-4, जेएम-1, जेएम-2, जेएम-3, पुसा मस्टर्ड-21, पुसा जयकिसान (बायो 902) इत्यादि।
मसूर की किस्में-
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जेएलएस-1, जेकेएम-3, एचयूएल-57, जेएल-31 इत्यादि।
अलसी की किस्में-
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जेएल-27, जेएलएस-79, कृतिका, इंदिरा-32, जेएलएस-9 इत्यादि।
चना की किस्में-
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जेजी-63, जेजी-14, जेजी-36, जेजी-322, जाकी-9218, जेजी-30, जेकेजी-5, जेजी-12 इत्यादि।
मटर की किस्में-
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प्रकाश, विकास, पारस, आदर्श, आईपीएफडी-10-12, सुभ्रा, अर्किल, इंदिरा इत्यादि।

रेत खनन एवं विपणन नीति के लिए 5 सितंबर तक दिए जा सकते हैं सुझाव

रेत खनन एवं विपणन नीति के लिए 5 सितंबर तक दिए जा सकते हैं सुझाव


आप भी दे सकतें है सुझाव इस लिंक पर क्लिक करके -
mp.mygov.in/group-issue/सुझाव-आमंत्रण-रेतखनन-की-प्रस्तावित-व्यवस्था

ग्राम बरखेड़ में हुआ बाल सुरक्षा और शिक्षा की दिशा में काम

ग्राम बरखेड़ में हुआ बाल सुरक्षा और शिक्षा की दिशा में काम 




प्रीतिबाला सोलंकी (बरखेड ग्रामीण मीडिया  )
ग्राम विकास प्रस्फुटन समिती, ग्राम के सरपंच, सचिव, BSW के छात्र- छात्राओं के प्रयास से स्वर्णिम मध्य प्रदेश की दिशा के लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में जल संरक्षण के लिए बोरिबंधान कर श्रम दान किया|

साथ ही बाल संरक्षण, बाल सुरक्षा और शिक्षा की दिशा में ग्राम की आँगन वाड़ी में शिशुओं के देखभाल की दिशा में कार्य किया |

पेयजल समस्या की जानकारी हेतु कंट्रोल रूम स्थापित अधिकारी का नाम और नंबर हेतु न्यूज़ देखें

पेयजल समस्या की जानकारी हेतु कंट्रोल रूम स्थापित

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जिले में अल्प वर्षा को देखते हुए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय खंड बैतूल कार्यालय में सूखा प्रकोष्ठ कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। नियंत्रण कक्ष में तैनात कर्मचारी ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाली हैंडपंप खराब होने संबंधी समस्याओं को नोट करेंगे एवं उनका तत्काल निराकरण करेंगे। इस संबंध में रजिस्टर भी संधारित किया जाएगा। कंट्रोम रूम का दूरभाष नंबर 07141-238320 है, जिस पर शिकायत दर्ज की जा सकती है। साथ ही क्षेत्र के उपयंत्रियों के दूरभाष नंबर इस प्रकार हैं, जिन्हें समस्या के निराकरण हेतु अवगत कराया जा सकता है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय उपखण्ड बैतूल
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क्र. अधिकारी का नाम पदनाम मुख्यालय मोबाइल नंबर
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1. श्री जेएम लालवानी सहायक यंत्री बैतूल 9425447935
2. श्री आरबी सक्सेना उपयंत्री बैतूल 9407297692
3. श्री एसआर कलम्बे उपयंत्री आमला 9406938868
4. कु. ज्योति सरियाम उपयंत्री बैतूल 8819856482
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय उपखण्ड मुलताई
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1. श्री एपी शर्मा सहायक यंत्री मुलताई 9981938509
2. श्री यूजी मदनकर उपयंत्री प्रभातपट्टन 7566733181
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय उपखण्ड भैंसदेही
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1. श्री एसके जाटव अति. प्रभार सहायक यंत्री भैंसदेही 9993602099
2. श्री राजेश गौर उपयंत्री आठनेर 9425445999
3. श्री अखिलेश बड़ोले उपयंत्री भैंसदेही 9179287166
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय उपखण्ड शाहपुर
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1. श्री एसके जाटव सहायक यंत्री शाहपुर 9993602099
2. श्री एपी शर्मा उपयंत्री घोड़ाडोंगरी 9981938509
3. श्रीमती वंदना उपराले उपयंत्री शाहपुर 7898273027
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय उपखण्ड चिचोली
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1. श्रीमती श्रीअंका वासनिक सहायक यंत्री चिचोली 8827212909
2. श्री एनके सिरोही उपयंत्री भीमपुर 9893540396
3. श्री मनोज टिकलकर उपयंत्री चिचोली 8989404301

कब होगा ओवर फ्लो ताप्ती सरोवर ?

कब होगा  ओवर फ्लो ताप्ती सरोवर ?






राजेंद्र भार्गव
कब होगा  ओवर फ्लो ताप्ती सरोवर ?
आधे से अधिक बरसात का समय पूरा हो गया है। नगर के बुजुर्गो का कहना है, की ऐसी हालत आज तक  हमने  नहीं देखी। इस बाद से भी इंकार नहीं किया जा सकता की बरसात कम हुई है। परन्तु इतनी तो हुई है की  उस के बाद भी सरोवर  लबालब भर जाना चाहिए था। आज ये हालत है की सरोवर को जल आपूर्ति करने वाले नाले में नाली से भी काम पानी का बहाव है।  जिसका  एक मात्र कारण है , सरोवर के नालो पर अतिक्रमण और नव निर्मित भवनों से पानी के आवक मार्ग का क्षेत्रफल काम होना।
  ग्राम चन्दोरा से कालेज के सामने का पूरा पानी अब नहीं आता है। ईदगाह टेकड़ी से संतरा मंडी वाला नाला भी धीरे धीरे गायब हो रहा है। खसरा नम्बर 400 का 1 एकड़ से अधिक भाग गायब है। अगर मुलताई में 8 माह भी बरसात आये तो शायद ताप्ती जी का 12 एकड़ और 8 एकड़ का छोटा तालाब भर नहीं पायेगा। नेता ताप्ती भक्तो ने ध्यान देना चाहिए वरना शायद  इस वर्ष इस सौभाग्य से हम लोग वंचित ही रह जायेंगे |

अब ग्राम सभा में तय होंगे अविवादित बटवारे,नामंतरण,फौती के प्रकरण

अब ग्राम सभा में तय होंगे अविवादित बटवारे,नामंतरण,फौती के प्रकरण 
०४ से ०८ सितम्बर को होगी हर ग्राम में विशेष  अनुविभागीय राजस्व राजेश शाह 


मध्य प्रदेश शासन के आदेशानुसार ग्राम सभा में बी १ वाचन ,फौती,नामंतरण ,बटवारा के निराकण नियमानुसार होंगे। आज कामथ ग्राम पंचायत के सामुदायिक भवन में मुलताई और प्रभात पट्टन के सरपंच,सचिव और पटवारिओ को अनुविभागीय अधिकारी मुलताई ने एक दिवसी प्रशिक्षण दिया। 
  सविधान के अनुच्छेद ४० की मूल भावना और वर्ष १९९३ के ७३ वे संशोधन और ११ वी अनुसूची का अब धीरे धीरे क्रियान्वन नजर आने लगा है। तहसील के अधिकार अब ग्राम सभा के पास आ रहे है। 
आम ग्राम वासिओ को राहत मिलेगी। ग्राम सभा को मजबूती। 

खड़ा आमला में सरकारी शिक्षा प्रचार प्रसार और ग्राम स्वच्छता पर रैली निकाली

खड़ा आमला में सरकारी शिक्षा प्रचार प्रसार और ग्राम स्वच्छता पर रैली निकाली


रामदयाल हरोड़े (ग्राम खड़ा अमला मुलताई मीडिया )
खड़ा आमला में सरकारी शिक्षा प्रचार प्रसार और ग्राम स्वच्छता पर रैली निकाली गई जिसमे सम्पूर्ण ग्राम वासियों ने मिलकर सहयोग दिया | ग्रामीणों ने संकल्प लिया की उनका गांव जैसे स्वच्छ है वैसा ही स्वच्छ रहने देंगे और बच्चों की शिक्षा हेतु हर सफल प्रयास करेंगे ताकि  उन्हें अच्छी शिक्षा मिल सके| 



स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने दी बड़ी सौगात

स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने दी बड़ी सौगात 


पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति वर्ष 2017-18 में छात्रवृत्ति पोर्टल 2.0 पर छात्रवृत्ति प्राप्त करने की समय सारणी

पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति वर्ष 2017-18 में छात्रवृत्ति पोर्टल 2.0 पर छात्रवृत्ति प्राप्त करने की समय सारणी


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सहायक आयुक्त आदिवासी विकास से प्राप्त जानकारी के अनुसार पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनांतर्गत वर्ष 2017-18 में अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग की छात्रवृत्ति प्रदाय करने हेतु तिथि का निर्धारण किया गया है। इसके अनुसार छात्रवृत्ति पोर्टल 2.0 पर छात्रवृत्ति आवेदन फार्म जमा करने की अंतिम तिथि 31 सितंबर, प्राप्त आवेदन फार्मों को स्वीकृत करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर एवं छात्रवृत्ति का वितरण करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2017 निर्धारित की गई है।
शासकीय/अशासकीय महाविद्यालयों में अध्ययनरत् पात्र विद्यार्थियों को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति आवेदन करने की प्रक्रिया का पर्याप्त प्रचार-प्रसार करते हुए आवेदन ऑनलाइन करने हेतु शिविर का आयोजन कर समय सीमा में कार्रवाई संपादित करने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे पात्र विद्यार्थी छात्रवृत्ति से वंचित न रहे।

प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना में पात्र बसाहटों को तत्परता से सडक़ों से जोड़ा जाए-सांसद श्रीमती ज्योति धुर्वे

प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना में पात्र बसाहटों को तत्परता से सडक़ों से जोड़ा जाए-सांसद श्रीमती ज्योति धुर्वे






गांवों में पेयजल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश

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जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति की बैठक आयोजित
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सांसद श्रीमती ज्योति धुर्वे ने प्रधानमंत्री सडक़ योजनांतर्गत पात्र बसाहटों को तत्परता से सडक़ संपर्क से जोडऩे के संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग के अधिकारियोंं से कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की समस्या न हो, वे इस बात के लिए सजग रहें। बंद पड़ी नल-जल योजनाओं को तत्काल सुधार कर चालू किया जाए। श्रीमती धुर्वे बुधवार को जिला पंचायत में आयोजित जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सूरजलाल जावरकर, कलेक्टर श्री शशांक मिश्र, नगरपालिका अध्यक्ष बैतूल श्री अलकेश आर्य, नगरपालिका अध्यक्ष मुलताई श्री हेमन्त शर्मा, नगरपालिका अध्यक्ष आमला श्रीमती लाजवंती नागले, जनपद अध्यक्ष बैतूल श्रीमती पूर्णिमा पाठा सहित समिति सदस्य उपस्थित थे।
बैठक में जिले में संचालित विभिन्न निर्माण कार्यों की समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान सांसद श्रीमती धुर्वे ने कहा कि निर्माण कार्यों अथवा योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी तरह की ढील बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस दौरान कलेक्टर श्री मिश्र ने राजस्व ग्राम घोषित होने से छूटे मजरो एवं टोलों के प्रस्ताव प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए, ताकि उन्हें यथासमय राजस्व ग्राम घोषित किया जा सके। बैठक में जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुश्री शीला दाहिमा ने स्वच्छ भारत मिशन की जानकारी देते हुए बताया कि जिले में एक लाख 63 हजार 669 घरों में शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है। समूचे जिले को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए सघन प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत कपिलधारा कूप निर्माण, मोक्षधाम, खेल मैदान, सुदूर संपर्क सडक़ सहित जिले में पंचायत एवं आंगनबाड़ी भवन निर्माण तथा पौधरोपण की प्रगति से समिति को अवगत कराया। बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निर्माणाधीन आवासों की स्थिति की भी समीक्षा की गई। इसी तरह दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत संचालित कार्यों के संबंध में भी बैठक में जानकारी ली गई।

ऋण वितरण शिविर आयोजित

ऋण वितरण शिविर आयोजित



जिला शहरी परियोजना अभिकरण के परियोजना अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार बुधवार 30 अगस्त को शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला बैतूल में ऋण वितरण शिविर आयोजित किया गया। शिविर में सांसद श्रीमती ज्योति धुर्वे, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सूरजलाल जावरकर, कलेक्टर श्री शशांक मिश्र, नगर पालिका अध्यक्ष बैतूल श्री अलकेश आर्य, नगर पालिका अध्यक्ष मुलताई श्री हेमन्त शर्मा, परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण, मुख्य नगर पालिका अधिकारीगण उपस्थित रहे।

शिविर में नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के 103 हितग्राहियों को 154 लाख तथा मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना के 145 हितग्राहियों को 58 लाख रूपए का बैंकों द्वारा ऋण स्वीकृत कर सहायता प्रदान की गई। शिविर में आमला के दो एवं बैतूल व सारनी के एक-एक हितग्राही को प्रदूषण मुक्त ई-रिक्शा भी प्रदान किया गया।

पत्रकार बीमा योजना का लाभ लेने 4 सितम्बर तक करें आवेदन

पत्रकार बीमा योजना का लाभ लेने 4 सितम्बर तक करें आवेदन




पत्रकार स्वास्थ्य एवं दुर्घटना समूह बीमा योजना का लाभ लेने के लिए पात्र पत्रकार 4 सितम्बर 2017 तक आवेदन कर सकते हैं। जिन पत्रकारों की बीमा पालिसी अगस्त माह में खत्म हो रही थी, उसे 30 सितम्बर तक के लिए बढ़ा दिया गया है। जिन पत्रकारों की पॉलिसी अक्टूबर माह तक है, उन्हें भी 4 सितम्बर 2017 आवेदन करना अनिवार्य है। अब पालिसी एक साथ एक अक्टूबर से संचालित की जायेगी।

आवेदन-पत्र, प्रीमियम की तालिका और योजना की विस्तृत जानकारी जनसम्पर्क विभाग की वेबसाइट www.mpinfo.org पर उपलब्ध है। आवेदन सीधे जनसम्पर्क संचालनालय (अधिमान्यता शाखा) भोपाल भेजना है।

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