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गुरुवार, 24 अगस्त 2017

आज आ गया 50 रुपये का नया नोट, जानिए इसमें क्या है खास

आ गया 50 रुपये का नया नोट, जानिए इसमें क्या है खास 

आज हुआ मार्किट में प्रवेश 


50 रुपये के इस नोट का रंग नीला है . इससे पहले, पिछले साल सरकार गुलाबी रंग का 2,000 रुपये का और स्टोन ग्रे कलर का 500 रुपये का नया नोट लेकर आई थी.
रिजर्व बैंक ने दिसंबर 2016 में कहा था कि वह जल्द ही 20 रुपये और 50 रुपये के नए नोट लेकर आएगा. वहीं, 20 और 50 रुपये के मौजूदा नोट भी चलते रहेंगे. करेंसी नोटों को अलग-अलग रंगों में इसलिए लाया जा रहा है ताकि जो लोग अशिक्षित हैं, उन्हें इन नोटों को पहचानने में कोई दिक्कत न हो. नोटों के पिछले हिस्से में संस्कृति, ऐतिहासिक जगहों, भारत के वैज्ञानिक कौशल और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बढ़ते कदम से जुड़े प्रतीकों को लिया जा रहा है.
पिछले हिस्से में होगा दक्षिण भारत के मंदिर का फोटो
घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक सीनियर गवर्नमेंट ऑफिसर ने बताया कि 50 रुपये के नए नोट में ब्लैकिश ग्रे कलर टोन में महात्मा गांधी का एक स्केच होगा. वहीं, इसके पिछले हिस्से में दक्षिण भारत के किसी मंदिर का फोटो होगा.

आज मनाई जाएगी संत चरणदास जयंती

आज मनाई  जाएगी संत चरणदास जयंती


नगर  में भार्गव समाज द्वारा आज चरणदास जयंती नगर में गाँधी चौक स्तिथ राम मंदिर में शाम 7 . बजे से मनाई  जाएगी इस उपलक्ष्य में भार्गव समाज द्वारा की गई है | 

सांसद आदर्श ग्राम चिखली के ग्राम गुराडिया में ग्रामीणों को प्रोजेक्टर से दिया स्वच्छता का सन्देश

सांसद आदर्श ग्राम चिखली के ग्राम गुराडिया में ग्रामीणों को प्रोजेक्टर से दिया स्वच्छता का सन्देश 



सांसद आदर्श ग्राम चिखली के ग्राम गुराडिया में ग्रामीणों को रात्रि में चौपाल के माध्यम से एवं LCD प्रोजेक्टर से स्वच्छ भारत मिशन के वीडियोस दिखा कर खुले से शौच मुक्त के लिए समझाइश दी गई | ग्रामीणों को बताया गया की यदि हम खुले में शौच करेंगे तो कैसे बीमारियां फैलती है इसमें काफी आधी मात्रा में ग्रामीण मौजूद थे | 

धूम धाम से मनाया गया हरतालिका तीज का पर्व जाने आखिर क्यों मानते है तीज

धूम धाम से मनाया गया हरतालिका तीज का पर्व जाने आखिर क्यों मानते है तीज 



ग्रामीण मीडिया मुलताई
आज तीज है.हिंदू स्त्रियों द्वारा पति की लम्बी उम्र की कामना करते हुए निर्जला व्रत कर शिव गौरी और गणेश जी की पूजा की जाती है.घर में कैलेंडर आते ही विवाहित महिलायें सबसे पहले तीज व्रत की तिथि देखती हैं और तीज आने पर बड़े ही मनोयोग से इस व्रत को करती हैं, आखिर पति की लम्बी उम्र का जो सवाल है. पति भी उन्हें साड़ी, कपड़े, गहने दिलाकर अपना फर्ज़ अदा करते हैं.पर कभी सोचा है...किसी भी धर्म या समाज में स्त्रियों की लम्बी उम्र या उनकी बेहतरी के लिये कोई व्रत त्योहार नहीं है. आज स्त्री बीमार भी होगी तब भी निर्जला व्रत रखेगी, और दवाई तक नहीं खाएगी. पति तैयार होकर दफ्तर निकल जायेंगे. कुछ स्त्रियां गर्मी में बिना पानी के बेहोश होती रहेंगी, और जब बच्चे पानी पी लेने का आग्रह करेंगे तब वो ये कहकर मना करेंगी कि नहीं "पाप लग जायेगा" या "अगले जन्म में सूड़ा नहीं बनना".लेकिन तीज व्रत की कथा इस प्रकार है कि कुंवारी पार्वती जी ने शिव जी को पाने के लिये वर्षों कठिन तपस्या की थी, तब उन्हें शिव जी मिले थे. तपस्या करते हुए पार्वती जी को उनकी ही सहेलियों ने अगवा कर लिया था. इस करण इस व्रत को हरतालिका कहा गया है. क्योंकि हरत मतलब अगवा करना और आलिका मतलब सहेली, अर्थात सहेलियों द्वारा अपहरण करना हरतालिका कहलाता हैं.तो कथानुसार कुंवारी लड़की को मनचाहा पति पाने के लिए तीज व्रत करना चाहिये ना कि विवाहित स्त्री को पति की लम्बी उम्र के लिये. निश्चित ही पितृसत्ता का वर्चस्व क़ायम रखने के लिये तीज व्रत में इतने बदलाव किये गए होंगे.किसी भी धर्म में हमेशा से पाप को हथियार बनाकर डराने की प्रथा रही है. तीज के व्रत के साथ डर की आस्था जुड़ी हुई है. पति के बिना जीने का डर, क्योंकि ये समाज आज भी पतिविहीन स्त्री को सम्मान देने से कतराता है. बुढ़ापे में बेसहारा होने का डर,  क्योंकि सामाजिक व्यवस्था के तहत बेटियां शादी के बाद दूसरे घर भेज दी जाती हैं, ऐसे में बेटे का सहारा ही अंतिम उम्मीद होता है. जिस कारण जितिया या तीज जैसे व्रत का आविर्भाव हुआ. दोनों ही व्रत पुरुषों के लिए किए जाते हैं, जितिया बेटे के लिए और तीज पति के लिये.गूढ़ अर्थ ये है कि पुरुष जिएं, स्त्री के मरने जीने से समाज को कोई फर्क नहीं पड़ता और ना पड़ेगा. शायद तभी बेटियां कोख में ही मार दी जाती हैं. एक ही पुरुष की लम्बी उम्र के लिये मां जितिया करती है और पत्नी तीज.तीज व्रत की कथा में भी अनेक प्राकार से डराया गया है कि गलती से कोई पत्नी गलती करने की कोशिश भी ना करे. अगर कोई स्त्री व्रत नहीं करती है तो वह सात जन्म तक बंध्या रहती है और हर जन्म में विधवा होती है. यही नहीं मृत्यु के बाद नरक में जाती है. सच पूछिये तो ये पंक्ति मास्टरस्ट्रोक है. अगर पति के लिये कोई व्रत न भी करना चाहे तब भी करेगी क्योंकि मां बनना हर स्त्री का सपना होता है, और जिस स्वर्ग को आजतक किसी ने देखा नही वहां सभी जाना चाहते हैं.व्रत में अगर कोई स्त्री पानी पीती है तो अगले जनम में जोंक बनेगी, दूध पीती है तो सांप, मिठाई खाने से चींटी, दही खाने से बिल्ली, फल खाने से बंदरिया, अनाज खाने से सूकड़ी और तो और व्रत में नींद आए तो सोना भी नहीं है (हालांकि भूखे पेट नींद भी नहीं आती) क्योंकि सोने से अजगर बनेगी.
लेकिन अगर वाकई जन्म और मृत्यु इंसान के हाथों होता तो ईश्वर को कौन मानता? व्रत करने से किसी की उम्र लम्बी होती तो कोई पुरुष कभी नहीं मरता और इस देश में सिर्फ पुरुष ही पुरुष होते.एक परिवार में एक महिला किन्हीं करणों से तीज का व्रत नहीं करती थी और उनकी मृत्यु बहुत जल्दी हो गई जबकि उनके पति आज भी जीवित हैं और उसी परिवार की दूसरी महिला निर्जला व्रत रखती थी जो असमय विधवा हो गईसच तो ये है कि जिस तरह जन्म तय है उसी तरह मृत्यु भी तय है व्रत करने से किसी की उम्र बढ़ती या घटती नहीं. बाकी आप इसी बहाने से व्रत करते रहें क्योंकि बॉडी detoxify होती

क्या होगा, कलेक्टर साहब के आदेश का पालन ? मुलताई बड़ा बाजार मामला

आंगनवाड़ी में है मासूमों की जान को खतरा,

आंगनवाड़ी में है मासूमों की जान को खतरा, समीप में स्तिथ क्षतिग्रस्त सामुदायिक  भवन से हो सकता है कोई बड़ा हादसा  

राजेंद्र भार्गव | मुलताई
प्रदेश में 1988 से महिला एवं बाल विकास द्वारा आंगनवाड़ी केंद्र संचालित हो रहे है जिसके माध्यम से 03-06 वर्ष के बच्चों को अनौपचारिक शिक्षा दी जाती है | वर्तमान में प्रदेश में लगभग इनकी संख्या  92000 है और लगभग 36.5 लाख बच्चे 04 घंटे प्रति दिन की शाला पूर्व शिक्षा पाते है | परन्तु    




                                क्षतिग्रस्त सामुदायिक  भवन

                             
                               आंगनवाड़ी के समीप कचरा

                             
                               क्षतिग्रस्त सामुदायिक  भवन & खुला ट्रांसफार्मर


मुलताई में स्तिथि कुछ और ही है , मुलताई के वार्ड क्रमांक 12, गाँधी वार्ड में उपस्तिथ आंगनवाड़ी केंद्र के समीप ही नगर पालिका का क्षतिग्रस्त भवन है इस भवन की हालत बहुत ज्यादा गंभीर है अगर इस  क्षतिग्रस्त भवन को कुछ होता है तो समीप में लग रही आंगनवाड़ी के बच्चो को भी खतरा हो सकता है | आंगनवाड़ी के मासूम बच्चे इसी क्षतिग्रस्त सामुदायिक भवन के समीप ही खेलते है और इसी भवन के पास से ही आने जाने का रास्ता है | इस आंगनवाड़ी के समीप ही एक खुला ट्रांसफार्मर भी है जिससे अकसर बिजली का खतरा भी बना रहता है  साथ ही इसके पहुँच मार्ग में भी कबाड़ का सामान और लकड़ियों का ढेर लगा होता है जिससे आवागमन मार्ग भी अक्सर बाधित रहता है | आंगनवाड़ी में बाउंड्रीवाल नहीं होने कारन यह आंगनवाड़ी शौचालय भी बन गया है, अब ऐसी स्तिथि कोई भी हादसा हो सकता है और मासूमों को  भी खतरा हो सकता है | हमारी अक्सर एक आदत होती है की हादसा होने के बाद ही हम जागते है और फिर कार्यवाही की मांग करते पर यदि पहले ही चिंतन कर समस्या का समाधान निकल जाये तो अच्छा 

मिल गया इस बच्ची का परिवार, बहस अब भी जारी है

मिल गया इस बच्ची का परिवार, बहस अब भी जारी है



वाट्सएप ग्रुपों में धड़ाधड़ पोस्ट हुए वीडियो में जो बच्ची दिख रही है उसके परिवार का पता चल गया है। इससे पहले विराट कोहली ने इस वीडियो को शेयर करते हुए इसे माता पिता की बच्चों के प्रति प्रताड़ना बताया है। इस विषय पर बहस अब भी जारी है कि बच्चों को पढ़ाई के लिए पीटना उचित है या नहीं। इधर खुलासा हुआ है कि ये बच्ची बॉलीवुड सिंगर तोशी और शारिब साबरी की भांजी है। इसकी मां ने इसके पापा को यह बताने के लिए यह वीडियो अपनी फेमिली के वाट्सएप ग्रुप में शेयर किया था कि 'बच्ची अब जिद्दी होती जा रही है।' इस बच्ची को पहले पूरा जन गण मन याद था। छोटी सी बच्ची का नाम हया है। शारिब साबरी ने अपने इंस्टाग्राम पेज हया के कई वीडियो अपलोड किए हैं। किसी में वो नमाज पड़ रही है तो किसी में राष्ट्रगान गाते हुए नजर आ रही है। वीडियो 2016 में पोस्ट किए गए थे। वीडियो को देखकर लगेगा कि बच्ची काफी टेलेंटेड है क्योंकि इतनी छोटी से उम्र में वो राष्ट्रगान से लेकर गाने तक सुना रही है।

विराट कोहली ने उठाया मुद्दा
टीम इंडिया अभी श्रीलंका दौरे पर है। शिखर धवन और विराट कोहली वहां फिलहाल वनडे सीरीज खेलने में व्यस्त हैं। बता दें, उन्होंने वहां रहते हुए ये वीडियो शेयर किया है और माता-पिता को ऐसा व्यव्हार न करने की सलाह दी। इसके बाद यह बहस शुरू हो गई। कोहली ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा- 'यह बहुत ही चौंकाने वाला दुखद वीडियो है। अगर बच्चे को कुछ डराकर सिखाएंगे को वह कभी नहीं सीख पाएगा। ये बहुत ही दुखी करने वाला है।

वहीं शिखर धवन ने शिखर धवन ने लिखा- 'यह अब तक का सबसे विचलित करने वाला वीडियो है। माता-पिता के रूप में अपने बच्चों को पालने की जिम्मेदारी हम पर है। माता-पिता इसीलिए हैं कि वे अपने बच्चों को मजबूत बना सकें। ये मुझे बहुत परेशान कर रहा है कि ये महिला इस बच्ची को मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से इसलिए प्रताड़ित कर रही है क्योंकि वो पांच तक ही गिन पा रही है।

परिवार वालों का पक्ष

 बच्ची के मामा और बॉलीवुड सिंगर तोशी का कहना है कि विराट कोहली और शिखर धवन हमारी बच्ची के बारे में नहीं जानते हैं। हमारे बच्ची के बारे में हमें पता है कि वह कैसी है। उसका ये नेचर ही है। अगले ही पल वो खेलने चली जाती है। उसके नेचर की वजह से छोड़ देंगे तो वो पढ़ाई नहीं कर पाएगी। हमारे परिवार को बिलकुल भी अंदाजा नहीं था कि ये वीडियो इतना वायरल हो जाएगा। ये वीडियो वॉट्सएप फैमिली ग्रुप से वायरल हुआ है. जहां बच्ची की मां अपने पति को वीडियो के जरिए बताना चाह रही थी कि बच्ची बहुत जिद्दी हो गई है।

तोशी ने आगे कहा कि बच्चों को नर्सरी से ही होमवर्क मिलना शुरू हो जाता है। वो जो रोना होता है वो उस वक्त के लिए था ताकि उसकी मां उसे पढ़ाए न और खेलने दे। वो अभी 3 साल की है। ये कोई बड़ी बात नहीं। हर घर में बच्चों की अलग जिद होती है। अलग-अलग तरीके के बच्चे होते हैं। बच्ची बहुत जिद्दी है लेकिन हमारी लाड़ली है।

कुल मिलाकर ये वीडियो वायरल होना जरूरी था क्योंकि आज के जमाने में माता-पिता को बताना जरूरी है कि पढ़ाई के चक्कर में बच्चों के साथ ऐसा व्यवहार करना ठीक नहीं। इसमें हम कुछ नहीं कर सकते लेकिन आवाज से लोगों को ऐसा करने से रोक जरूर सकते हैं जैसा विराट और शिखर धवन ने किया।

कुनबी समाज के युवा आगे आये की आग से तबाह हुए ग्रामीण की मदद

 कुनबी समाज के युवा आगे आये की आग से तबाह हुए ग्रामीण की मदद



Multai
चिखलीखुर्द में आग से एक ग्रामीण का मकान सहित गृहस्थी का सामान जलकर राख हो गया था। आग में किसान द्वारा बेटी की फीस के लिए रखे 40 हजार रुपए भी जल गए। ऐसे में कुनबी समाज के युवा ग्रामीण की मदद के लिए आगे आकर सहयोग राशि जुटा रहे हैं। नगर के युवाओं की पहल की सभी सहराना करते हुए सहयोग राशि दे रहे हैं। क्षेत्रिय लोनारी कुनबी युवा संगठन के विशाल डोंगरे, अनिल मानकर, लोकेश देशमुख, जगदीश दवंड़े ने बताया केवलराम की मदद के लिए समाजबंधुओं से सहयोग राशि जुटाई जा रही है। अब तक 12,500 रुपए जमा हो चुके हैं। इसके अलावा देवेश डांगे भी सहायता राशि जमा कर रहे हैं। उनके पास 19,600 रुपए जमा हुए हैं। जल्द ही यह राशि केवलराम को देकर उनकी हर संभव मदद की जाएगी। 

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