ग्रामीण मीडिया सेण्टर
आमला थाना क्षेत्र के ग्राम रायसेड़ा में नाबालिग छात्रा के घर में घुसकर सामूहिक दुष्कर्म कर उसकी हत्या करने के दो बाल अपचारियों के प्रकरण की सुनवाई अपर सत्र न्यायालय में होगी। सरकारी वकील भोजराज सिंह रघुवंशी ने बताया छात्रा के घर में घुसकर सामूहिक दुष्कर्म कर हत्या करने वाले दो नाबालिगों के प्रकरण किशोर न्याय बोर्ड बैतूल के प्रधान मजिस्ट्रेट के पास विचाराधीन है। बोर्ड के प्रधान मजिस्ट्रेट ने नाबालिगों की मानसिक सक्षमता, अपराध की प्रवृति और उसके परिणाम को समझने के कारण प्रकरण जिला न्यायाधीश को भेजा था। जिला न्यायाधीश ने बालकों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम 2015 की धारा 18 के तहत दोनों नाबालिगों के व्यस्क के रूप में सुनवाई के लिए प्रकरण अपर सत्र न्यायाधीश एमएस तोमर के न्यायालय में उपार्पित किया। अब केस की सुनवाई अपर सत्र न्यायालय मुलताई में होगी।
यह है मामला
16 नवंबर 2016 को रायसेड़ा निवासी छात्रा के
माता-पिता रिश्तेदारी में गए थे। छात्रा घर पर
अकेली थी। इस दौरान विनय पिता सरजू धुर्वे
(21) अपने दो नाबालिग साथियों के साथ छात्रा
के घर पहुंचे। तीनों ने छात्रा को केकड़े बनाने के
लिए दिए। इस दौरान विनय और दोनों नाबालिग
ने उसके साथ दुष्कर्म किया। दुष्कर्म करने के
बाद घर में रखी साड़ी से छात्रा का गला घोटकर
हत्या कर दी और साड़ी से छत में लगी मयाल से
शव लटका दिया था।
मामले में मुख्य आरोपी को हुई है फांसी की सजा
आमला पुलिस ने विनय और दो नाबालिगों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म, हत्या करने सहित अन्य धाराओं में केस दर्जकिया था। मुख्य आरोपी विनय को अपर सत्र न्यायाधीश मोहन तिवारी ने 29 जून 2017 को दोषी ठहराते हुए फांसी की
सजा सुनाई थी।